नींव, खनन, भूमि पूजन एवम शिलान्यास मूहूर्त


नींव, खनन, भूमि पूजन एवम शिलान्यास मुहूर्त 

किसी भी कार्य को करने के लिए समय व तिथी का निर्धारण किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शुभ मुहूर्त का बहुत ही महत्व है । यह वैसा ही है जैसे किसी भी फसल का बीज डालने के लिए उचित समय व मौसम को देखा जाता है। कोई भी फसल तभी पूरी तरह से प्रफुल्लित होती है जब उस फसल को उसके मौसम में बोया जाता है। इसी प्रकार शुभ मुहूर्तों का भी बहुत ही महत्व है। नींव, खनन, शिलान्यास, भूमि पूजन आदि के लिए पंचाग को देखकर शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं। इन्हीं शुभ मुहूर्तों को मुख्या आधार मानकर धार्मिक व शुभ कार्य  किए जाते हैं।

1. नींव, खनन, शिलान्यास, भूमि पूजन के लिए शुभ तिथियां 
2. भूमि पूजन के लिए 2018 में तिथियां व समय
3. नींव, खनन, शिलान्यास, भूमि पूजन के लिए 2019 में शुभ तिथियां 
4. नींव, खनन, शिलान्यास, भूमि पूजन के लिए 2020 -2021 में शुभ तिथियां 
5. लैंटर,छत डालना, इलैक्ट्रिक वायरिंग और स्तम्भ खड़े करने काल में पंचक नक्षत्रों का विचार
6 गृह निर्माण आदि के लिए शुभ मुहूर्तों की जानकारी


नींव शिलान्यास एवम गृह निर्माण आदि के शुभ मुहूर्त  में गृह स्वामी की राशि की अनुकूलता देखकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त  में वास्तु पूजन, नवग्रह शान्ति, होम यज्ञ आदि करके, शिलान्यास, नींव भरण, गृहारम्भ निर्माण शुरु करना चाहिए। निर्माण में 5,7,9,14,21 व 24 प्रवृष्ठों में भूमि शयन, सुप्त भूमि का भी विचार किया जाता है। सूर्य नक्षत्र 5,7,9,12,19 एवम 26वें  चन्द्र नक्षत्र पर भी भूमि शयन का विचार किया जाता है। 

जरूरी मूहूर्त में दिए गए सूर्यभात वृष चक्र का भी प्रयोग कर सकते हैं।  लैंटर,छत डालना, इलैक्ट्रिक वायरिंग और स्तम्भ खड़े करने काल में पंचक नक्षत्रों व अग्रि बाण का भी विचार कर लेना उचित होगा।

2018
27 अप्रैल को 14.01 बजे के बाद, 30 अप्रैल को 10.22 बजे तक, 10 मई को 10.58 तक, 12 मई को सारा दिन, 16 जून को11.36 से 14.46 तक, 22जून 2018 को 11.11बजे तक, 6 जुलाई को 9.34 के बाद,14 जुलाई को चन्द्र दान, पुष्य नक्षत्र सारा दिन,18 जुलाई को सुबह 8.20 तक शुभ मूहूर्त रहेगा। 19 जुलाई को 7.53 के बाद, 23 जुलाई को 12.53 तक, 2 अगस्त को 13.13 के बाद, 3 अगस्त को 19.14 तक, 4 अगस्त को 12.59 तक, 6 अगस्त को 14.8 के बाद, 27 अगस्त को सारा दिन, 29 अगस्त को सुबह 9.10 तक, 3 सितम्बर को सारा दिन, 7 सितम्बर को 9.13 तक, 12 सितम्बर को 8.53 तक, 15 सितम्बर को सारा दिन, 13 दिसम्बर 2018 को
नींव आदि के लिए सारा दिन शुभ मुहूत्र्त रहेगा।



2019 में  नींव, खनन, भूमि पूजन एवम शिलान्यास मुहूर्त

19 अप्रैल को 11.32 बजे तक , 29 अप्रैल को 8.09 से 8.49 बजे तक, 6 मई को 16.37 के बाद , 9 मई को 15.17 के बाद , 10 मई को को 8.36  तक, 24 मई  2019 को 12.07 के बाद, 25 मई को सारा दिन,30 मई को सारा दिन,31 मई को सारा दिन सारा दिन, 6 जून को को सुबह 9.55 तक शुभ मूहूर्त रहेगा। 12 जून को 11.51 के बाद, 13 जून को 6.38 के बाद, 27 जून को 5.44 के बाद, 28 जून को को 9.12 तक, 3 जुलाई  को 6.36 के बाद 11.42 तक, 12 जुलाई को 15.57 के बाद, 13 जुलाई  को सारा दिन, 18  अक्तूबर को सुबह 7.29 के बाद, 30 अक्तूबर  को सारा दिन, 8 नवम्बर 12.25 के बाद, 14 नवम्बर को,18 नवम्बर को10.41 के बाद, 23 नवम्बर को, 2 दिसम्बर को 11.43 बजे तक, 11 दिसम्बर 2019 को 10.59 बजे के बाद इसके बाद 12 दिसम्बर को मुहूर्त रहेगा।


2020 में  नींव, खनन, भूमि पूजन एवम शिलान्यास मुहूर्त

16 जनवरी , 27 जनवरी को मुहू्र्त रहेगा इसके बाद 30 जनवरी को 15.12 बजे के बाद रहेगा । 31 जनवरी को इसके बाद 26 फरवरी को रहेगा। 2 मार्च 2020 में 13.56 के बाद मुहूर्त रहेगा। इसके बाद 11 मार्च को मुहूर्त रहेगा 18 अप्रैल 2020 , 4 मई, 15 जून, 17 जून प्रात 6.04 बजे तक, 8 जुलाई 9.19 बजे तक, 9 जुलाई, 17 जुलाई  (शुक्र परिहार), 27 जुलाई 11.04 बजे के बाद , 29 जुलाई 8.33 बजे के बाद, 6 अगस्त11.18 तक, 21 अगस्त, 19 अक्तूबर, 12 नवम्बर, 20 नवम्बर, 25 नवम्बर, 3द नवम्बर, 10 दिसम्बर 2020 को मुहूर्त रहेगा। माघ,फाल्गुन में गुरु अस्त रहने के कारण इन माह में कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। 

2021 में  नींव, खनन, भूमि पूजन एवम् शिलान्यास मुहूर्त


गृहारंभ या भूमि पूजन मुहूर्त 2021-


26 अप्रैल 2021 12:45 बजे के बाद भद्रा परिहार , 5 मई 13:22 के बाद, 8 मई 14:47 तक 15 मई 8 बजे तक आवश्यके, 21 मई 15:22 के बाद, 24 मई 2021, 11:12 के बाद, 26 मई सारा दिन, 2 जून, 4 जून 6:34 के बाद 15:15 बजे तक,

5 जून, 2 जुलाई 10:53 तक,10:53 बजे से 13:17 बजे तक अतिगंड दोष, 17 जुलाई 2021, 26 जुलाई 15:25 तक, 29 जुलाई 12:02 के बाद,  31 जुलाई 6:53 से 9:59 तक, 4 अगस्त, 11 अगस्त 9:32 के बाद, 13 अगस्त 8 बजे के बाद, 14 अगस्त 6:56 तक, 23 अगस्त 2021, 1 सितम्बर 12:34 तक, 3 सितम्बर 10:09 तक, 4 सितम्बर 8:25 तक, 9 सितम्बर आवश्यके, 18 अक्तूबर 10:49 के बाद, 20 अक्तूबर 7:46 के बाद, 27 अक्तूबर प्रात: 7:08 बजे के बाद, 28 अक्तूबर 9:41 के बाद, 29 अक्तूबर 11:38 तक, 1 नवम्बर 12:53 के बाद,  11 नवम्बर 14:59 के बाद, 29 नवम्बर, 1 दिसम्बर, 13 दिसम्बर  


गृह प्रवेश मुहूर्त 2021 07 मई : (वैशाख कृष्ण एकादशी, शुक्रवार) रात्रि 9.20 से 11.26 तक धनु लग्न में. 8 मई : (वैशाख कृष्ण द्वादशी, शनि) सुबह 5.48- 7.44 तक वृष लग्न में. 21 मई : (वैशाख शुक्ल नवमी, शुक्र) 1.39 से 3.52 तक कन्या लग्न में. 22 मई : (वैशाख शुक्ल एकादशी, शनि) सुबह 4.54 से 6.49 तक वृष लग्न में. 04 जून : (ज्येष्ठ कृष्ण नवमी, शुक्र) वृष (सुबह 4.02 से 5. 57 तक) या कन्या लग्न में. 05 जून : (ज्ये. कृ. दशमी, शनि) दिन में 12.39 से 2.52 तक कन्या लग्न में. 04 अगस्त : (जीर्ण- श्रावण कृ. एकादशी, बुध) सुबह 8.03 से 10.51 तक कन्या लग्न में. 13 अगस्त : (जीर्ण-श्रावण शु. पंचमी, शुक्र) दिन में 8.05 से 10.18 तक कन्या लग्न में. 14 अगस्त : (जीर्ण-श्रावण शु. षष्ठी, शनि) दिन में 12.34 से 2.51 तक तुला लग्न में. 20 अगस्त : (जीर्ण-श्रावण शु. त्रयोदशी, शुक्र) दिन में 2.24 से 4.30 तक धनु लग्न में. 29 नवंबर : (जीर्ण-मार्ग. कृ. दशमी, सोम) प्रातः 5.46 से 8.02 तक तुला लग्न में. 01 दिसंबर : (जीर्ण-मार्ग. कृ. द्वादशी, बुध) प्रातः 7.53 से 9.59 तक धनु लग्न में. 13 दिसंबर : (जीर्ण-मार्ग. शु. दशमी, सोम) 

वैवाहिक मुहूर्त 2021

  • 22 अप्रैल : (चैत्र शुक्ल दशमी, गुरुवार) मघा नक्षत्र में रात्रि 3.11 तक.

  • 26 अप्रैल : (चैत्र शु. चतुर्दशी, सोम) रात्रि 11.00 बजे के बाद स्वाती नक्षत्र में.

  • 28 अप्रैल : (वैशाख कृ. प्रतिपदा-द्वितीया, बुध) शाम 7.45 के बाद अनु. नक्षत्र

  • 30 अप्रैल : (वै. कृ. चतुर्थी, शुक्र) शाम 4.30 के बाद मूल नक्षत्र में.

  • 2 मई : (वै. कृ, षष्ठी, रवि) दिन में 2.00 बजे के बाद से उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में.

  • 7 मई : (वै. कृ. एकादशी, शुक्र) दिन में 2.30 के बाद से उ. भाद्र. नक्षत्र में.

  • 8 मई : (वैशाख कृ. द्वादशी, शनि) दिवारात्रि उ. भाद्र- रेवती नक्षत्र में.

  • 12 मई : (वैशाख शुक्ल प्रति., बुध) रात्रि 1.33 के बाद रोहिणी नक्षत्र में.

  • 13 मई : (वैशाख शु. द्वितीया, गुरु) रोहिणी-मृग. नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 14 मई : (वै. शु. तृतीया, शुक्र-अक्षय तृतीया) मृग. नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 19 मई : (वैशाख शु. सप्तमी, बुध) मघा नक्षत्र में शाम 7.07 के बाद.

  • 21 मई : (वै. शु. नवमी-दशमी, शुक्र) दिन में 10.36 के बाद, उ.फा. नक्षत्र में.

  • 22 मई : (वै. शु. एकादशी, शनि) हस्त नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 24 मई : (वै. शु. त्रयोदशी, सोम) स्वाती नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 26 मई : (वै. शु. पूर्णिमा, बुध) अनु. नक्षत्र में (रात्रि 2.20 तक).

  • 27 मई : (ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा, गुरु) मूल नक्षत्र में रात्रि 12.45 के बाद.

  • 29 मई : (ज्येष्ठ कृ. तृतीया, शनि) उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में रात्रि 10.09 के बाद.

  • 05 जून : (ज्येष्ठ कृ. दशमी, शनि) रेवती नक्षत्र में रात्रि 1.30 तक.

  • 15 जून : (ज्येष्ठ शु. पंचमी, मंगल) मघा में सायं 7.00 बजे से.

  • 18 जून : (ज्येष्ठ शु. अष्टमी, शुक्र) सायं 6.40 के बाद उ.फा- हस्त में.

  • 20 जून : (ज्येष्ठ शु. दशमी, रवि) दिन में 3.30 के बाद से स्वाती नक्षत्र में.

  • 22 जून : (ज्येष्ठ शु. द्वादशी, मंगल) दिन में 12.20 को बाद अनु. नक्षत्र में.

  • 24 जून : (ज्येष्ठ शु. पूर्णिमा, गुरु) दिन में 9.15 के बाद से मूल नक्षत्र में.

  • 26 जून : (आषाढ़ कृष्ण द्वितीया, शनि) उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 01 जुलाई : (आषाढ़ कृ. सप्तमी, गुरु) उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 02 जुलाई : (आ. कृ. अष्टमी, शुक्र.) रेवती नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 06 जुलाई : (आ. कृ. द्वादशी, मंगल) सायं 4.15 के बाद रोहिणी नक्षत्र में.

  • 12 जुलाई : (आ. शु., द्वितीया सोम) रात्रि 2.47 के बाद मघा नक्षत्र में.

  • 16 जुलाई : (आ. शु. सप्तमी, शुक्र) हस्त नक्षत्र में (रात्रि 12.58 तक).

  • 20 नवंबर : (मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा, शनि) रोहिणी नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 21 नवंबर : (मार्ग. कृ. द्वितीया, रवि) मृगशिरा नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 26 नवंबर : (मार्ग. कृ. सप्तमी, शुक्र) मघा नक्षत्र में सायं 4.55 के बाद.

  • 28 नवंबर : (मार्ग. कृ नवमी, रवि) उ.फा. नक्षत्र में सायं 6.00 बजे से.

  • 29 नवंबर : (मार्ग. कृ. दशमी, सोम) उ.फा.- हस्त नक्षत्र में (दिवारात्रि).

  • 05 दिसंबर : (मार्ग. शु. प्रतिपदा, रवि) मूल नक्षत्र में दिन में 10.06 के बाद.

  • 07 दिसंबर : (मार्ग. शु. तृतीया-चतुर्थी, मंगल) उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में.

  • 11 दिसंबर : (मार्ग. शु. अष्टमी, शनि) रात्रि 3.30 के बाद उ.भाद्र. नक्षत्र में.

  • 12 दिसंबर : (मार्ग. शु. नवमी, रवि) उ.भाद्र.- रेवती नक्षत्र में (सामान्य).

         


2022 में  नींव, खनन, भूमि पूजन एवम् शिलान्यास मुहूर्त 


 24 जनवरी  10:19 से 11:15 तक भूशयन रहेगा, 7 फरवरी 2022 , 14 फरवरी 2022 11:53 के बाद, 19 फरवरी बजे तक ।



 यह जानकारी आपको सिर्फ जानने के लिए ही प्रदान की जा रही है। पक्के तौर पर अपने स्थान आदि के अनुसार वास्तु जानकार से ही आप विमर्श करके शुभ मुहूर्त आदि का पता कर लें। इसके लिए आप पंडित जी से भी विचार-विमर्श कर सकते हैं।

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astrologer bhrigu pandit

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