काजल से वशीकरण कैसे किया जाता है | kajal vashikaran

काजल से वशीकरण कैसे किया जाता है
काजल का प्रयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। काजल से आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। छोटे बच्चों को काजल लगाने से उनको नजर लगने से बचाया जा सकता है क्योंकि बच्चों को नजर जल्दी लग जाती है। मां काजल को पहले अपने पांव के तले में लगाती है और फिर उसी काजल को अपने बच्चे को लगाती है। काजल केवल सुंदरता बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि वशीकरण व बुरी नजरों से बचाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। काजल को सुरमा भी कहा जाता है। जब काजल से वशीकरण किया जाता है तो इसे काजल वशीकरण कहते हैं। वशीकरण का अर्थ है किसी को अपने वश में करना और फिर उससे मनचाहा काम करवाना।

नजर से बचाने के लिए- आजकल लोग एक मुखौटा अपने घर के बाहर टांग देते हैं ताकि उनके घर को किसी की नजर न लगे। आप काजल से भी अपने घर को बुरी नजरों से बचा सकते हैं। अपने घर की मुख्य दीवार या दरवाजे की चौखट पर आप काजल से निशान लगा सकते हैं। इससे घर में क्लेश नहीं रहेगा और नजर भी नहीं लगेगी। इसके इलावा शनिवार के दिन काले कपड़े में एक नारियल को बांधने से पहले उस पर काले निशान लगा लें और घर के सामने टांग लें। इसके अलावा शऩि की पीड़ा से बचने के लिए एक डिब्बी में काजल लें। इसे 7 या 9 बार अपने सिर पर घुमाएं।शनिवार के दिन किसी निर्जन स्थान पर इसे खोदकर गाढ़ दें। एक चीज का ध्यान रखें कि स्थान को खोदने वाला औजार वहीं छोड़ दें और पीछे मुड़कर न देखें। ऐसा करने से शनिदेव शांत हो जाएंगे।

 काजल वशीकरण के लिए एक गुप्त साबर मंत्र भी है। जो इस प्रकार है, मंत्र: “ ओम नम: नरसिंहदेव । शनिदेव की छाया। वश में करदो इसको जिसका नाम बताया। मोहिनी माया काम करे । कामदेव रति भी आए । वश में करना तुरंत जब-जब नाम ध्याया। मेरी भक्ति गुरु कि शक्ति। फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा।“ इस मंत्र को जपने के दौरान आप काजल को अपनी आंखों में लगा लें।

वशीकरण काजल को दीवाली की रात को भी बनाया जाता है। इसके लिए बादाम, कपास की रूई, देसी गाय के घी आदि का प्रयोग किया जाता है।


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astrologer bhrigu pandit

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