क्या होता है पितृ दोष, इसे कैसे दूर करें
क्या होता है पितृ दोष ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष का बहुत ही महत्व है। कुंडली के नवम घर में जब सूर्य तथा राहू की युति हो रही हो तो यह माना जाता है कि पितृ दोष योग बन रहा है। सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते हैं । व्यक्ति की कुण्डली में एक ऐसा दोष है जो इन कई मुसीबतों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है। जानिए पितृ दोष के बारे में कुन्डली का नवें घर धर्म का घर कहा जाता है, यह पिता का घर भी होता है, अगर किसी प्रकार से नवां घर खराब ग्रहों से ग्रसित होता है तो आपको बताता है कि पूर्वजों की इच्छाएं अधूरी रह गयीं थीं, जो प्राकृतिक रूप से खराब ग्रह होते हैं वे सूर्य मंगल शनि कहे जाते हैं और कुछ लगनों में अपना काम करते हैं, लेकिन राहु और केतु सभी लगनों में अपना दुष्प्रभाव देते हैं, नवां भाव, नवें भाव का मालिक ग्रह, नवां भाव चन्द्र राशि से और चन्द्र राशि से नवें भाव का मालिक अगर राहु या केतु से ग्रसित है तो यह पितृ दोष कहा जाता है। इस प्रकार का जातक हमेशा किसी न किसी प्रकार की तनाव में रहता है, उसकी शिक्षा पूर