जन्मकुंडली में कालसर्पयोग और अरिष्ट निवारण कुछ उपाय
कुंडली में कालसर्प दोष होने पर लोगों को सही जानकारी न होने के कारण कई प्रकार की भ्रांतियां व जिज्ञासाएं भी हैं। लोग कालसर्प दोष के बारे में जानना चाहते हैं । इसके बारे में हम आपको जानकारी देंगे। कुंडली में कालसर्प दोष होने के कारण जीवन में कई प्रकार की बाधाएं सामने पेश आती हैं। जीवन संघर्षपूर्ण रहता है। 99 प्रतिशत काम होने पर भी सारा काम धरा धराया रह जाता है। इस दोष से दुनिया में बहुत से महान लोग पीड़ित रहेे हैं । कुंडली में अच्छे ग्रहों की स्थिति के बावजूद सबकुछ होने के बावजूद असफलता का मुंह देखते हैं और गुमनामी के अंधेरों में खो जाते हैं। राहु व केतु का दाव ऐसा लगता है कि वे पानी भी नहीं मांग पाते। सबकुछ होेने के बावजूद पता नहीं कौन सी दौड़ में लगे रहते हैं कि उन्हें भी पता ही नहीं चलता कि उनके साथ हो क्या रहा है। ऐसे इंसान हर समय परेशान ही रहते हैं। **कुंडली में यदि राहू और केतु के बीच जब सभी ग्रह आते है तब कालसर्प योग बनता है ..** राहू का नक्षत्र भरणी है और इसका देवता ''काल'' है तथा केतु का नक्षत्र आश्लेषा है जिसका देवता ''सर्प ''है इसीलिए