हलाल व झटका में क्या अंतर होता है
हलाल व झटका में क्या अंतर होता है झटका एक पशु को दी जाने वाली सम्मानजनकर मौत है जिसमें उसे कम से कम दर्द होता है और यह काम केवल एक ही झटके में किया जाता है। किसी भी जीव जिसे झटके से नहीं मारा जा सकता उसका मांस खाना वर्जित है। हिन्दुओं व सिखों में हलाल की कोई भी वस्तु को खाना वर्जित है। दुनिया के हर देश में बलि प्रथा रिवाज था। अमेरिका,अफ्रीका व चीन में आदिवासियों व पेगेन धर्म में तो मानव बलि यहां तक की बच्चों की भी बलि दी जाती थी। हिन्दुओं में जीव की हत्या करने के लिए स्पष्ट नियम आधारित हैं। काटने से पहले देखा जाता है कि जीव का कोई अंग तो भंग नहीं है, वह बीमार तो नहीं, जीव गर्भवति तो नहीं, जीव की आयु कितनी है और उसे एक ही झटके में खत्म किया जाता है। हर जीव के गर्दन के पीछे दिमाग से लेकर पीछे तक रीड़ की हड्डी से एक बारीक धागे जैसी नाड़ी गुजरती है जो दिमाग तक दर्द आदि के बारे में सूचित करती है। यह नाड़ी कहीं से भी क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसकेे नीचे का हिस्सा बेकार हो जाता है। जब पीछे से एक झटके से वार किया जाता है तो जानवर का सिर धड़ से अलग हो जाता है और उसे दर्द नहीं होता क्योंकि दि