कांवड़िए कौन होते हैं और ये धर्म व राष्ट्र की किस तरह सेवा करते हैं
कांवड़िए कौन होते हैं और ये धर्म व राष्ट्र की किस तरह सेवा करते हैं कांवड़ियों में बुहत उत्साह है। इस वर्ष कांवड़ यात्रा 25 जुलाई 2021 से शुरू होगी। महादेव के भक्त करोड़ों की संख्या में हरिद्वार गंगा जल लेने के लिए आएंगे। सभी हिन्दूओं से निवेदन है कि इनका जोरदार स्वागत करें। महादेव आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। कांवड़िए होते भगवान शिव के भक्त कांवड़िए शिव भक्त होते हैं जो हजारों साल पुरानी परम्परा के अनुसार शिव जलाभिषेक करते हैं। सावन के माह में ये शिव भक्त पूरे भारत से विभिन्न जगहों से हरिद्वार व अन्य पवित्र स्थानों पर पहुंचते हैं। वहां गंगा जी की आरती करते हैं और वहां से गंगा जी का जल अपने कलशों में भरकर अपने गांवों में वापस लौटते हैं। वे वहां शिव मंदिरों में शिवलिंगों का जलाभिषेक करते हैं। इनकी श्रद्धा इतनी प्रगाढ़ होती है कि भगवान शिव इनसे हमेशा प्रसन्न रहते हैं। कहते हैं कि कांवडिय़ों की सेवा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। नंगे पांव कलश धारण किए जब ये कांवड़िए एक जगह पर मिलते हैं तो ये राष्ट्रिय एकता को भी मजबूत कर रहे होते हैं। हिन्दुओं का दायित्व हर ह