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Showing posts from February, 2020

पश्चिम में नास्तिकवाद क्यों तेजी से फैल रहा है

पश्चिम में नास्तिकवाद क्यों तेजी से फैल रहा है पश्चिमी देशों में जैसे ही लोग सभ्य होते गए वैसे ही उन्होंने अपने धर्म ग्रंथों का भी विभिन्न नजरियों से अवलोकन करना शुरु कर दिया। पहले इंटरनैट न होने के कारण लोगों का माइंडसेट केवल एक ही तरह की विचारधारा को पचाने में सक्षम था। यदि कोई अन्य विचारधारा उनको पेश भी की जाती वे जल्दी ही ओफैंड हो जाते थे। लेकिन जैसे-जैसे विज्ञान तर्क व प्रमाण के साथ अपनी खोजों को  सामने रखने लगा तो लोगों में रिलीजन के प्रति रुचि कम होने लगी। लोग कोई भी धार्मिक प्रतिबंध को मानने के लिए तैयार नहीं थे। वे दकियानूसी बातों को मानने से इंकार करने लगे। इस प्रकार नास्तिकवाद ने पश्चिमी देशों में अपने पैर जमा लिए। आज विश्व में नास्तिक लोगों की संख्या तेजी से फैल रही है। ये लोग बहुत ही सभ्य हैं और अपनी बात रखते हैं। इनमें से कई लोग बांगलादेश,पाकिस्तान व अरब आदि देशों से बचकर निकले हैं और पश्चिमी देशों ने उदारता से इनको शरण भी दी है क्योंकि यदि ये लोग अपने देशों में होते इनकी हत्या कर दी गई होती। आज सोशल मीडिया,यू ट्यूब में इन नास्तिकों के चैनलों में लाखों की संख्या मे...

काल्पनिकता की उड़ान व मानवीय मनोविज्ञान

काल्पनिकता की उड़ान व मानवीय मनोविज्ञान मानवीय व्यवहार में हर तरह के रस शामिल हैं। भाव, श्रृंगार,वात्सल्य, रौद्र आदि रसों को लेकर ही वह जीवन जीता है। वह अपनी कल्पना शक्ति को इतना विस्तारित करता है कि उसी में रम जाता है। जब इंसान ने पक्षियों को आकास मे उड़ता देखा तो उसने भी स्वप्न में उड़ना शुरु कर दिया। उसकी रचनाओं में पक्षियों आदि जीवों का नाम आने लगा। कुछ ऐसे जीवों की भी रचना हुई जो आधे मानव थे और आधे पशु या पक्षी। जीवों से मानव का इतना घनिष्ट रिश्ता था कि ये अब साहित्य में नजर आता था। यहां तक कि ये जीव बातें भी करते और सामान्य जीवन भी जीते। इतना ही नही पेड़ों को भी शामिल किया गया और पेड़ों को मानव की तरह ही जीवन जीते दिखाया गया। लोक कथाओं में सियार,भालू, बंदर आदि जीवों से बेटियों का विवाह करने व उन्हें दामाद के रूप में अपनाया गया। इन्ही जीवों पेड़ों को अपने ईष्ट व देवों के रूप में भी पूजा गया। किसी पात्र को लेकर उसके आसपास ही सारा कथानक बुना गया।  इस कथानक में प्राचीन काल के राजीनितिक, धार्मिक व समाजिक इतिहास को इतने रोचक तरीके से कहा गया कि इन्हें समझने के लिए गूढ़ समझ की जर...

Horoscope prediction Of B Paraak | B Paraak horoscope predictions

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Horoscope prediction Of B Paraak | B Paraak  horoscope predictions There is such a magic in the voice of  B. Paraak alias Prateek Bachchan that once listening, people become crazy about his voice. There is so much sweetness and pain in his throat that people just want to keep listening to him. B. Paraak is now in Top singr in Bollywood. This artist has gathered his feet at such a young age. There is so much magic in the voice that everyone is crazy about him. Today he has millions of fans.   Pratik Bachan 7 February 1995 12:00 am Chandigarh, India nature- He is calm and firm by nature and devoted to his work with patience and determination. He is physically strong and mentally tolerant and forbearing. He is very social. He get pleasure in being hospitable to his brothers, friends and relatives. He is somber, thoughtful, peace loving and large hearted. He has faced disappointments and  suffered from anxiety because of laziness, selfishness, sensuality...

food delivery birmingham | doorstep delivery birmingham --+44 121 243 9714

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food delivery birmingham | doorstep delivery birmingham --+44 121 243 9714 Everyone feels hungry and everyone wants that he get hot and good food. There should be food that has taste and is also organic. You do not need to worry. You get delicious food, fish, mutton tikka, tawa chicken, tandoori chicken, chips and you don't know what about 250 varieties Food items will be found at bob fish bar pizza in Birmingham. food delivery will be at your home in birmingham. Just dial the phone number +44 121 243 9714 and place order. food delivery birmingham will arrive at your home to deliver food. Enjoy the delicious food.  25 restaurants at your doorsteps. bob fish bar pizza birmingham has emerged as a brand service in Birmingham over the years. Reputed people of the city have come and dined here. Whenever someone comes to Birmingham or a guest comes to your house, people immediately dial the number +44 121 243 9714 of bob fish bar pizza birmingham for food delivery birmingham an...

श्रद्धा, विश्वास, अंधविश्वास व पाखंड

श्रद्धा, विश्वास, अंधविश्वास व पाखंड  मानवीय मनोविज्ञान ऐसा है कि किसी के विचार, परम्परा, ग्रंथ व कर्म में श्रद्धा रखता ही है। इसे जिसपर पर आस्था है वह उसे मानता है और आदर भी देता है। उसे उससे दैवीय आध्यात्मिक अनुभूति भी होती है। वह जिसे अपना आराध्य मानता है उसे अंतिम सत्य भी मानने लगता है। इसमें कोई बुराई नहीं हर किसी को अपनी श्रद्धा के अनुसार जीवन यापन करने का संवैधानिक अधिकार भी प्राप्त है। वह देश के किसी कानून का भी उल्लंघन नहीं कर रहा होता,बस अपनी श्रद्धा को और प्रागाढ़ बनाने का प्रयास करता है। मान लो एक साधक या भक्त मंदिर जाता है, वहां उसे शांति व खुशी मिलती है। वह अपने प्राण प्रतिष्ठित किए गए देवों के समक्ष नतमस्तक होता है । उनसे आध्यात्मिक वार्तालाप करता है। यह उसका निजी संबंध उसके आराध्य से होता है। वह किसी का विरोध नहीं करता और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए बाध्य करता है। लेकिन जब कोई उसकी श्रद्धा पर आक्रमण करता है और उसका विरोध करता है तो उसके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा होता है। उसकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा होता है। विश्वास- विश्वास के लिए ...

माता पिता को लव मैरिज के लिए कैसे मनवाएं | how to convince your parents

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माता पिता को लव मैरिज के लिए कैसे मनवाएं | how to convince your parents कोई भी बेटा या बेटी अपने माता-पिता का विरोध  नहीं करना चाहता लेकिन हालात ऐसे हो जाते हैं कि उन्हें अपने माता पिता के खिलाफ जाना पड़ जाता है। जब किसी से प्यार हो जाता है और दोनों प्रेमी आपस में विवाह करने की ठान लेते हैं तो दोनों के माता पिता उनके इस प्रेम विवाह के लिए अपनी सहमति प्रदान नहीं करते। कई बार कोई रास्ता न निकलता देख लड़का लड़की घर से भाग जाते हैं और आपस में शादी करवा लेते हैं। माता पिता को किस तरह अपनी शादी के लिए मनाना है उसके लिए कई बातें ध्यान में रखने योग्य हैं।माता पिता को लव मैरिज के लिए कैसे मनवाएं- 1 अपने माता या पिता को अपने प्रेम के बारे में बताएं। 2 यदि आपकी पिता से बात करने की हिम्मत न हो तो अपनी माता को इसके बारे में बताएं। 3 माता-पिता को अपने विश्वास में जरूर लें और और उनसे कोई भी बात न छिपाएं। 4 अपमे परिजनों को बताएं कि लड़का पूरी तरह से सैटल है और वह उसे अच्छा भविष्य प्रदान करेगा और उसका साथ कभी नहीं छोड़ेगा। 5 इस मामले अपने रिश्तेदारों व दोस्तों की मदद ली जा सकती है ताकि वे...

नेरेटिव को कैसे गढ़ा जाता है, कैसे प्रोपोगेट किया जाता है

 नेरेटिव को कैसे गढ़ा जाता है, कैसे प्रोपोगेट किया जाता है महाभारत को लिखने से पहले सैंकड़ों साल से लोगों के मुंह में इसकी गाथाएं प्रचलित हो चुकी थीं। ये गीतों, नाट्य आदि के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में उनकी लोकल भाषाओं में गाई जा रही थीं। हर प्रात्र का चित्रण लोगों के मतिष्क में इतिहास की तिथियों की तरह अंकित था। सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में लोग महाभारत के पात्रों की पूजा अर्चना भी करते थे। लेखक या लेखकों ने इन्हीं गाथाओं को महाकाव्य का रूप दिया। हैरानी की बात है कि यह महाकाव्य अनवरत रूप से ऐसे ही हजारों सालों से भारतीय जनमानस के हृदय में वास करता है। कभी किसी ने इनके प्रात्रों, इसकी गाथा आदि पर न तो शंका व्यक्त की और न ही छे़ड़छाड़ करने की कोशिश की। पात्र जैसे थे उसे वैसे ही ग्रंथ को लिखे जाने से पहले ही लोग स्वीकार कर चुके थे। मुगलकालीन नेरेटिव-मुगलकाल के दौरान भारतीय नायकों को नकार दिया गया था। उनके पात्रों व धर्म का मजाक उड़ाया जाता था। हिन्दू धर्म से जुड़े हर चिन्ह को नष्ट करने का प्रयास किया गया। भारी संख्या में धर्मपरिवर्तन हुआ और एक संस्कृति को छोड़ कर अरबी संस्कृ...

गोरा रंग को कब सुंदरता की निशानी बनाया गया

गोरा रंग को कब सुंदरता की निशानी बनाया गया भारत में इंसान के नस्ली भेदभाव को दर्शाते विभिन्न चैनलों में आपको हजारों विज्ञापन मिल जाएंगे जिममें चमड़ी का रंग गोरा करने की क्रीमों का प्रचार किया जाता है। इसमें हर माह करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया जाता है। आप भारत के किसी भी 5 सितारा होटल में चले जाएं वहां आपको अधिकांश महिलाएं गोरे रंग की ही मिलेंगी, किसी भी एयरलाइंय में गोरे रंग की ही एयर होस्टेस मिलेंगी, प्राइवेट सैक्टरों में भी आपको ऐसा ही कुछ देखने को मिलेगा। पश्चिमी देशों से जब श्वेत लोग भारत में आते हैं तो देखते हैं कि भारतीय लोगों का सांवला रंग कितना आकर्षक है लेकिन इन लोगों को अपने इस रंग के कारण हीन भावना ही रहती है। यह लोग अपनी भाषा के प्रति भी हीन ही हैं और जब हम उनसे बात करते हैं तो वे अंग्रेजी में बात करके  गौरव महसूस करते हैं। यह हीनता सैंकड़ों सालों की गुलामी से ही आई है। भारत सरकार ने रंगभेद के नस्ली विज्ञापनों पर रोक लगाने का फैसला किया है। ऐसा करने पर 50 लाख तक का जुर्माना लगाया जा  सकता है। भारत के लोगों का रंग सांवला है और दुनिया के सबसे सुंदर लोगों में भारत...

विदेशी आक्रमणकारियों को सुधारने के लिए भीतरी गतिविधियां क्यों नहीं शुरु हुईं

विदेशी आक्रमणकारियों को सुधारने के लिए भीतरी गतिविधियां क्यों नहीं शुरु हुईं अमेरिका की महानता की बातें की जाती हैं तो उसके काले इतिहास के बारे में कुछ नहीं लिखा या बोला जाता केवल महानता की बातें ही की जाती हैं। इसके विपरीत जब भारत महान की बातें की जाती हैं तो विदेशी हमलावरों को महान लिखा गया है। शिवाजी जैसे राष्ट्रवादियों को लुटेरा तक कहा गया है। मुगलों के आने के बाद भारत में कई संत व समाज सुधारक सामने आए लेकिन मुगलों ने इनकी हत्याएं करके लहर को निर्यदयता से कुचल दिया। इन संतों के लिखे ग्रंथों को उनके शिष्यों ने सम्भाल लिया। इस प्रकार उनकी विचारधारा बची रही। इसके बाद जब अंग्रेजों का दौर आया तो सारी सामाजिक बुराइयां एकदम से हिन्दू धर्म में ही दिखने लगीं और अचानक से थोक के भाव समाज सुधारक पैदा होने लगे। हैरानी की बात है कोई भी समाज सुधारक अंग्रेंजों में पैदा नहीं हुआ और न ही इस्लाम में। इऩ सभी समाज सुधारकों में एक बात कामन थी कि ये जाने अनजाने में मिशनरियों का रास्ता आसान कर रहे थे। इन समाज सेवकों में ज्यादातर राष्ट्रवादी थे लेकिन इससे अंग्रेजों को कोई परेशानी नहीं थी। जहां क्रांति...

I am 17 years old boy is it possible to do gandmool Puja

yes you can do. Gandmool Nakshatra can be worshiped at any age, if it is not done for any reason during the time of birth. Gandmool  Nakshatra worship and remedies are done. Which is your birth constellation written in your horoscope or you can get information from Panchang. If you do not know how to read Panchag, you can get complete information about it from Panditji.

क्या कोरोना वायरस के चलते हुए इस समय थाईलैंड घूमने जा सकते हैं

वैसे तो आप थाईलैंड में घूमने के लिए जा सकते हैं क्योंकि वहां कोरोना वायरस का कोई खतरा अभी तक फिलहाल नहीं है। आपको पूरी ऐहतिहात व जरूरी सामान व दवाइयां अपने साथ रखनी होंगी। थाईलैंड में पर्यटकों का आना-जाना लगा है व सरकार ने भी अभी तक कोई रोक नहीं लगाई है। ऐसा समाचार आ रहा है कि इंडोनेशिया में एक मरीज की कोरोना वायरस से मृत्यु हो गई है लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। आप मैडिकली फिट हैं तो फिलहाल थाईलैंड घूमने के लिए जा सकते हैं।

कोरोना वायरस क्या है और यह चीन में कैसे फैला

कोरोना वायरस क्या है और यह चीन में कैसे फैला चीन में कोरोना वायरस अपना कहर डाल रहा है। इस वायरस का सैंटर चीन का शहर वुहान बताया जाता है। यहां चीन ने लोगों के घरों से बाहन निकलने पर रोक लगा दी है और मांस पर कुछ समय के लिए बैन लगा दिया है। सभी लोगों को मास्क लगाने के लिए दिए जा चुके हैं। वुहान शहर में चीन ने मात्र 6 दिन में 1000 बैड वाला अस्पताल भी लगभग तैयार कर लिया है जहां पर मरीजों को रखा जाने लगा है। चीन में इस वायरस से लगभग 300 लोगों की मौत हो गई है और 10000 के लगभग लोग इसके संक्रमण में है। मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्दि होती जा रही है। इस वायरस ने लगभग 15 देशों में अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है। इंडोनेशिया में भी एक व्यक्ति के इस वायरस से मारे जाने का समाचार मिला है। कैसे फैला यह वायरस- यह पहला मामला नहीं है कि चीन में ऐसा वायरस फैला हो। इससे पहले भी ऐसे वायरस फैलते रहे हैं और चीन ने तत्परता से काम करते हुए इन पर काबू पाया है। इस समय यह वायरस विकराल रूप धारण कर चुका है। माना जा रहा है कि यह वायरस सदी का घातक होगा जो पूरे एशिया में अपना असर दिया सकता है। कुछ लोग बता र...

विदेशी आक्रमणकारी अमेरिका के मूल निवासियों की तरह भारतीयों को क्यों नहीं खत्म कर सके

विदेशी आक्रमणकारी अमेरिका के मूल निवासियों की तरह भारतीयों को क्यों नहीं खत्म कर सके विदेशी आक्रमणकारी लुटेरे जब भारत में आए तो वे भारत में लूटपाट करके अपने देशों को ही लौट जाते थे। जब इन्होंने भारत में ही बसेरा बना लिया तो इन्होंने भारतीयों की कारिगरी का लाभ उठाना शुरु कर दिया।  भारत एक उन्नत देश था और अमेरिका के मूल निवासी उन्नत नहीं थे वे अच्छे कारिगर भी नहीं थे। अंग्रेज जब भारत में आए तो उस समय वे एक व्यापारी थे और वे भारत के उन्नत कारिगरों से माल तैयार करवाते और उन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाते। यह ऐसा ही था जैसे एक चलती फैक्टरी को दूसरा व्यक्ति खरीद लेता है और फिर उस फैक्टरी के पहले से काम करते कारिगरों से काम लेता है और नए कारिगरों को भर्ती करने का कोई रिस्क नहीं लेता। भारतीयों में हर विधा को ग्रंथों में लिखा गया था चाहे वह शास्त्रीय संगीत हो, भवन निर्माण हो या वेदों की ऋचाएं हों  श्लोकों के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को कंठस्थ थे। भारतीय हर कला में दक्ष थे। अंग्रेज उनसे हथियार बनवाते, भवन आदि बनवाते और इनसे मुनाफा कमाते। इनको मारने से अंग्रेजों को कोई लाभ नहीं ...

अमेरिका पर कोलम्बस का आक्रमण व इसका काला अध्याय

अमेरिका पर कोलम्बस का आक्रमण व इसका काला अध्याय जब कोलम्बस अपने देश से निकला तो वह भारत की खोज के लिए निकला था। भारत की स्थिति उस समय ऐसी थी जैसी आज अमेरिका व अन्य अमीर देशों की थी। यहां कोई बेरोजगारी नहीं थी। भारत में स्टील की तलवारें बनाने का काम विशेष कारिगरों के हाथों में था और ये कारिगर बहुत ही प्रशिक्षित थे। ढाका का सिल्क व आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मांग यूरोप के देशों में बुहत थी। यूरोप में बातें मशहूर थीं कि मंदिर सोने से भरे थे और मोती व हीरे आम मिल जाते थे।  अरब देश से आने वाले समुद्री रास्तों पर अरबी लुटेरों का पूरा अधिकार था वे या तो भरे हुए जहाज लूट लेते थे या व्यापारियों से भारी भरकम पैसे लेकर उन्हें छोड़ते थे। यूरोप के लोगों में भारत आने की लालसा इतनी थी कि वे इसके लिए कोई भी जोखिम उठाने को तैयार थे। भारत को निकलने से पहले कोलम्बस ने अपने देश की रानी के लिए पहले भी कई साहसिक कारनामे व छोटे द्वीपों पर कब्जा किया था। अब वह भारत जाना चाहता था। वह पक्का ईसाई था और ईसाइत के प्रसार के लिए भी जा रहा था। कोलम्बस के अमेरिका में पहुंचने से पहले वहां हजारों सालों से रैड इ...

Why any Hindu king didN'T try to convert other religion people?

Hinduism does not believe in conversion- Hinduism does not believe in conversion. Hindus believe that soul the ATMA lives in every living being and this ATMA is the form of God. There can be different ways to find God. Hinduism is a polytheistic religion which believes that God is inhabited by all, God can be one and there are many, many forms of God.  In Hinduism, Another belief is also recognized, who believe only in self-knowledge. Hindu kings also followed the same tradition, one king would take over after another king would won the kingdom, and the general public was never harassed nor their prayer places broken. Conversion was not a problem in India for thousands of years and therefore the disease that was not there was not even medicine.

क्या पु्र्तगाली सच में भारत से मसालों का व्यापार करते थे ?

क्या पु्र्तगाली सच में भारत से मसालों का व्यापार करते थे भारत मुगलों के आने से पहले सोने की चिड़िया कहलाता था। यहां से आयुर्वेदिक दवाइयां व मसाले सारी दुनिया में  अपनी धाक जमा रहे थे। जब यूरोप के लोग खानाबदोशों की तरह जीवन जी रहे थे उस समय भारत में वेद, ज्योतिष व आयुर्वेद, योग में भारतीय पारंगत हो चुके थे। पुर्तगाली जब भारत आए तो वे भारत में आयुर्वेदिक दवाइयों के लालच में आए क्योंकि इन दवाइयों की कीमत यूरोप के बाजारों में सोने से भी ज्यादा थी। उन्होंने आयुर्वेद में पारंगत वैधों को बड़ी कीमतें देकर खरीद लिया और उनसे दवाइयों के मिश्रण तैयार करवाने लगे। जैसे कि वामपंथी इतिहासकार बताते हैं कि वे मसालों का काम करते थे । वे चालाकी से आयुर्वेद के बारे में नहीं लिखते। आयुर्वेद में पारंगत लोग स्थानीय लोग होते थे और उनका सारा परिवार ही इन दवाइयों को बनाने में पारंगत होता था। महिलाएं जंगलों से बूटियों को पहचान कर लाती थीं। आदिवासी भी इन दवाइयों के बनाते व इनसे लोगों का उपचार करते थे। ये सारा कुछ मौखिक होता और फार्मुला एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सिखा दिया जाता। पहले तो पुर्तगाली उनसे ये दवा...