ज्येष्ठ मास में विवाह करना चाहिए कि नहीं
ज्येष्ठ मास में विवाह करना चाहिए कि नहीं ज्येष्ठ मास, ज्येष्ठ पुत्र और ज्येष्ठ कन्या ये तीन ज्येष्ठ तीन विवाह संस्कार मे वॢजत माने जाते हैं। परन्तु यदि दो ज्येष्ठ वर्तमान हों अर्थात लड़का-लड़की दोनों ज्येष्ठ यानि बड़े हों, परन्तु महीना ज्येष्ठ के अतिरिक्त हो अथवा लड़का-लड़की में में से एक ज्येष्ठ हो और दूसरा अनुज हो, तो ज्येष्ठ मास में विवाह करने से सामान्य मध्यम फल प्राप्त होता है। -वराहमीर के अनुसार तथापि आवश्यक परिस्थितिवश ज्येष्ठ मास में कृतिका नक्षत्र से सूर्य निकल जाने पर सूर्य दानादि करके विवाह करने में कोई आपत्ति नहीं। भारद्वाज मुनि के अनुसार ज्येष्ठ के महीने की भांति मार्गशीर्ष मास में भी अग्रज लड़का-लड़की एवं मार्ग मास- तीनों का त्याग करें। सगे भाई-बहन के विवाह छह मास के भीतर नहीं करने चाहिएं। यदि इस बीच संवत परिवर्तन हो जाए तो कोई दोष नहीं है।- मुनि मार्तंड पुत्र के विवाह के बाद अपनी कन्या का विवाह 6 महीने तक न करें। इसी तरह विवाह के 6 महीन तक मुंडन, यज्ञोपवीत आदि शुभ कार्य न करें- नारद जी । कन्या के विवाह के 6 महीने के भीतर पुत्र का विवाह करना शुभ है। दो सगी बहनों