पुराण क्या हैं और इऩके नायकों का भारतीय जनमानस पर क्या असर है
पुराण क्या हैं और इऩके नायकों का भारतीय जनमानस पर क्या असर है बच्चों के उनके दादा-दादी व माता-पिता बचपन में जिन नायकों के किस्से सुनाते थे वे सभी नायक पौराणिक ही होते थे। ये कथाएं उनके जीवन पर ऐसा प्रभाव डालती थीं कि ये नायक उनके साथ हमेशा जीवनभर के लिए हो जाते थे। एक बार जिस नायक के साथ जुड़ गए तो जुड़ गए, फिर उनके विश्वास को श्रद्धा को तोड़ना बहुत मुश्किल था। राजपूत ऱण भूमि में रण की देवी चंडी का नाम लेकर ही दुश्मनों के दांत खट्टे कर देते थे। चंडी का प्रभाव ऐसा होता था कि ये एक करंट की तरह काम करता था। इसी प्रकार आज भी फौज में जब सैनिक लड़ाई करने जाते हैं तो हर-हर महादेव आदि के जयघोष लगाते हैं और दुश्मनों को खत्म करके ही लौटते हैं। यह ताकत, ऊर्जा उन्हें इन्ही नायकों से आज भी मिलती है जो जीवन भर उनके साथ चलते हैं। पुराण ऐसे ऐतिहासिक ग्रंथ हैं जिनके नायकों के वे किस्से हैं जिन्हें जनमानस तक पहुंचाने के लिए कथाओं का रूप दिया गया है। इनमें उस समय के लोगों का जीवन, सामाजिक व्यवहार, संगीत, भाषा, कला आदि की जानकारी मिलती है। ये ऐसे सशक्त साधन हैं जिनकी कथाएं देश-विदेश में हर जगह पहुंची