लग्न में गुरु कैसा फल देता है
लग्न में गुरु कैसा फल देता है गुरु ग्रह आध्यात्मिकता, धार्मिकता व ज्ञान का प्रतीक है। लग्न में गुरु बैठा हो तो यह जातक को धर्मिक, भावुक बना देता है। ज्ञान पाने की उसकी इच्छा रहती है और अध्यापक, प्रचारक आदि होता है। लग्न में गुरु शुभता का प्रतीक होता है। जातक में अच्छे गुण होने के कारण समाज में लोग उसे आदर देते हैं। लग्न में बैठा गुरु जातक के लिए अत्यंत शुभफलदायक होता है।लग्न में गुरु की स्थिति से जातक प्रबल रूप से आध्यात्मिक, भावुक आदि कई तरह के शुभ गुणों से युक्त होता है। यदि अन्य ग्रहों के योग ठीक हों तो जातक ज्योतिष व गुप्त विद्याओं में भी जानकारी रखता है। लग्न का गुरु कमजोर होने पर शरीर कमजोर रहता है यानी छोटा कद, दुबला-पतला या भारी शरीर रहता है मगर इसकी पंचम व नवम-सप्तम पर दृष्टि बच्चों, जीवनसाथी व भाग्य के लिए लाभकारी होती है। साधारणत: लग्न का बृहस्पति निरोगी, दीर्घायु बनाता है, जीवन में संघर्ष देता है मगर अंत में विजयी भी बनाता है। लग्न में गुरु की स्थिति से जातक के स्वभाव में बड़ापन्न भी होता है जिस कारण ऐसे व्यक्ति से कई लोग सहानुभति रखते हैं। गुरु की दृष्टि शुभ मान