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मैं शैतान हूं, हिंसा, नफरत और खून बहाने में आता है मुझको मजा

मैं शैतान हूं, हिंसा, नफरत और खून बहाने में आता है मुझको मजा मुझे नहीं पता था कि मैं शैतान हूं। यह मुझे तब पता चला जब मैंने शैतान के लक्षणों को समझा। जब मैं छोटा था तो मेरे माता-पिता मर गए गए। मैं अनाथ हो गया, मेरा इस संसार में कोई नहीं था। पता नहीं मैं कैसे पला-बढ़ा और इस समाज में पनपा। मुझे किसी रिश्तेदार ने पाला और मेरे मन में उसके प्रति कोई एहसान नहीं सिर्फ नफरत भरी थी क्योंकि उसने मुझे अपनी जायदाद  से कुछ भी न दिया मेरे बचपन से लेकर जावन होने तक उसने सिर्फ मेरे को रोटी, कपड़ा और मकान ही दिया। एक दिन उसकी मैंने हत्या कर दी और घर से भाग गया। मैं जब भी बच्चों को अपने मां-बाप से खेलते खुश होते देखता तो मैं नफरत से भर जाता। मैं चाहता कि बच्चों को उनके माता पिता के सामने काट दूं या उनके मां-बाप के काट दूं। ये जो समृद्ध व सभ्य लोग समाज में विचर रहे थे मैं उनकी तरफ नफरत से देखता था। मुझे लगता कि इन लोगों ने मेरा हक मारा है और मेरी यह दशा इनके कारण ही है। मैं चाहता था कि ऐसा बम बिस्फोट करूं कि ये सारे मेरी आंखों के सामने तडफ़-तडफ़ कर मरें। पर मैं सुरक्षित रहूं। मुझे किसी को तडफ़ा-तडफ़ा