अंग्रेज जो चाहते थे चमचे वही करते थे
अंग्रेज जो चाहते थे चमचे वही करते थे अंग्रेजों ने भारत पर शासन क्रूर तरीके से किया। वे जो चाहते थे उनके चमचे वही करते थे क्योंकि जनता इन चमचों की सुनती थी। इसके बदले में अंग्रेज इन चमचों को बड़ी जागीरें, विदेशी कपड़े, सिगार, विदेश की यात्राएं आदि कहने का मतलब शबाब व शराब भी। जो अंग्रेजों के खिलाफ होते थे वे उनको फांसी की सजा दे देते थे या काले पानी की सजा के लिए अंडेमान व निकोबार में जोलों में सडऩे के लिए भेज देते थे। अंग्रेज चाहते थे कि भारत टुकड़ों में बंट जाए। इसके लिए उन्होंने काले नेताओं की फौज खड़ी की। जिन्हा को कहा कि वह मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग करे,उसको वे समर्थन देंगे। जिन्ंहा ने वैसा ही किया। अंग्रेजों ने भारते के काले राजनेताओं को कहा कि वे भी उनकी बात माने। न नुकर का ड्रामा करने के बाद वे भी मान गए। इसके बाद अंग्रेज चाहते थे कि देश का एक और टुकड़ा किया जाए जिसका नाम दलिस्तान होगा। इसके लिए उन्होंने काले अंग्रेजों को चोगे डाले कि वे ऐसा करें। लेकिन यह चाल कामयाब नहीं हो सकी क्योंकि इसी समय लाखों दलित हिन्दुओं को पाकिस्तान से बाकि हिन्दुओं के साथ विस्थापति होकर भा