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effects of vashikaran on girl | Symptoms vashikaran on girls hindi

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effects of vashikaran on girl Symptoms vashikaran on girls  effects of vashikaran on girl - लड़कियों को अपने वश में करने के लिए उनपर वशीकरण किया जाता है। ज्यादातर केसों में पता ही नहीं चलता कि लड़की पर वशीकरण हुआ भी है कि नहीं। लोग लड़की को दवाइयां देते रहते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नही होता कि किसी ने वशीकरण कर दिया है।  vashikaran on girl के बारे में आपने सुना होगा लेकिन आपको पता नहीं होगा कि इसे कैसे किया जाता है। वशीकरण का प्रभाव लड़का-लड़की पर तुरंत होता है। वशीकरण के दौरान ऐसे तेज व पावरफुल मंत्रों का उच्चारण किया जाता है कि लड़की व लड़का तुरंत वशीकरण के प्रभाव में आ जाते हैं। जिस पर वशीकरण हुआ हो,उसके लक्षण कैसे होते हैं आज हम इसी विषय पर बात करेंगे।  वशीकरण मंत्र हमारे मन व दिमाग को प्रभावित करता है।  ladki par Vashikaran ke lakshan what is Vashikaran? Symptoms vashikaran on girls- वशीकरण के लक्षणों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि वशीकरण हुआ है या नहीं, इसका कितना प्रभाव है और यह किस स्तर पर पहुंचा है। यदि वशीकरण के बारे में हमारे पास पूरी जानकारी है तो हम किसी विषेशज्ञ की स

एक अंग्रेज की अपराध स्वीकारोक्ति - द कनफैशन

एक अंग्रेज की अपराध स्वीकारोक्ति - द कनफैशन  मेरा नाम विलीयम्स जोन्स है, और मैं अंग्रेज हूं। मैं यहां अपने  किए अपराधों की स्वीकारोक्ति करने के लिए खुले मन से यह पत्र लिख रहा हूं। मैं अंग्रेजों के किए नरसंहार, दूसरों की भूमि पर किए कब्जों, दुष्कर्म, चालाकियों, धोखेबाजी, झूठ, फरेब के बारे में कनफैशन करने के लिए आया हूं। मैं मानता हूं कि दुनिया की सबसे धूर्त, चालाक, अपराधी व दूसरों पर हावी होने वाली कौम अंग्रेज है। यह ऐसी कौम है जिसपर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता, जिसने भी विश्वास किया वह इस धरती पर जिंदा नहीं रहा।  आज हमारे गुलाम रह चुके लोग हमें सभ्य कहते हैं लेकिन हमारे पूर्वजों ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे उन्हें सभ्य कहा जाए। भारत जैसे देश में हम व्यापार करने के लिए गए थे, जब हमने देखा कि ये लोग तो बहुत ही भोले भाले हैं । इन्हें आसानी से लड़ाया जा सकता है तो हमने जाति, धर्म, रंग आदि के नाम पर उन्हें तोड़ा। एक राजा को को अपने साथ मिलाया उसे दूसरे राजा को खत्म करने के लिए प्रयोग किया। हमने लाखों संधियां की लेकिन हमने जब चाहा, संधी को तोड़ दिया।  हमने कई करार व वचन दिए और सभी को

पलायनवादी विचारधारा और इसका मनोविज्ञान क्या है?

पलायनवादी विचारधारा और इसका मनोविज्ञान क्या है किसी भी मूल समस्या पर गम्भीरता से विचार न करना, मूल समस्या को सिरे से नकार देना, अपने कायरता पूर्ण लोजिक से मूल समस्या की जगह कहीं और ध्यान भटकाना आदि कहा जा सकता है। किसी समस्या का का प्रोफैशनल तरीके से हल निकालने की बजाए उसपर चर्चा ही न करना एक तरह का पलायनवाद ही है। यह ऐसा ही है जब एक डाक्टर के पास यदि कोई मरीज जाता, अपनी बीमारी का उपचार करने के लिए जाता है तो वह उसे कहे कि तीन बार लम्बी सांसें लो और फील गुड करो।या आपको दिल की बीमारी है और डाक्टर आपको कब्ज की दवाई दे देता है। किसी को दिल का रोग है तो उसे कहो कि ये लो थोड़ा गुड़ खा लो. मंत्र जाप करो, थोड़ी घर में आग लगाओ, सारी बीमारियां दूर हो जाएंगी।  किसी रोग के बारे में चर्चा करना बेकार है, जो होना है वह होगा,बस ईश्वर का नाम लेते रहो। पलायनवानदी मानसिकता की घातकता उस समय सामने आई जब  90 के दशक में जब वीपीसिंह की सरकार थी तो मंडल कमिशन की रिपोर्ट के विरोध में देश भर में 350 से अधिक छात्रों ने आत्मदाय कर लिया। इन छात्रों को लगा था कि आत्मदाह करने से उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।  उन्ह

चीन ने भारत पर 600 साल तक शासन किया गया होता तो क्या होता?

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चीन ने भारत पर 600 साल तक शासन किया गया होता तो क्या होता!!! कभी आपने सोचा कि चीन ने भारत पर अंग्रेजों व मुगलों की जगह पर भारत में 600 साल तक शासन किया होता तो क्या होता। चीनियों ने भारत पर शासन किया होता तो दिल्ली, मुम्बई आदि शहरों व गांवों के नाम चिंग मिंग तू, शान शा या कोई अन्य चीनी नाम पर होते। भारत का एक और चीनी नाम होता जैसे शिंगमिंग। वामपंथी सरकारें होतीं और भारत की मुख्य भाषा चीनी होती। जिस तरह लोग अंग्रेजी बोलने पर गर्व महसूस करते हैं वैसे चीनी भाषा को बोला जाता।  हर हिन्दू धार्मिक चिन्हों, ग्रंथों, त्यौहारों, मेलों आदि पर कब का बैन लग गया होता। गंगा जी के किनारे पिकनिक स्पॉट बने होते और हर की पौढ़ी को हर कोई भूल गया होता। धार्मिक ग्रंथों पर बैन लगा होता और इन्हें रखने वाले और पढ़ने वालों को देशद्रोही माना जाता, तुरंत मौत के घाट उतार दिया जाता। जो भी भारतीय संस्कृति की बात करता या किसी तरह के धार्मिक चिन्हों का प्रयोग करता दिखाई देता तो तुरंत गोली मार दी जाती। जलियांवाला बाग में भारतीयों को मारने का आदेश देने वाला चीनी होता।  चीनियों का दमन चक्र इतना भयंकर होता जैसे उन्होंने त

शनि की साढ़ेसाती किसे कहते हैं? शनि साढ़ेसाती के क्या उपाय हैं?

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शनि की साढ़ेसाती किसे कहते हैं? शनि साढ़ेसाती के क्या उपाय हैं शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि को यम, काल, दु:ख, गरीबी तथा मंद भी कहा जाता है।  किसी भी परेशानी, संकट, दुर्घटना, आर्थिक नुकसान, अपमान आदि के लिए इसका कारण हम शनि की साढ़ेसाती को मान लेते हैं।शनि देव हर इंसान को उसके कर्मों के हिसाब से शुभ अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाति साढ़े सात साल तक चलती है इसीलिए इसे साढ़ेसाति कहा जाता है। शनि की साढ़ेसाति हर व्यक्ति के जीवन में एक बार या इससे अधिक बार जरूर आती है।  शनि ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में जाने का जो समय लगता है वह अढ़ाई साल का होता है। एक राशि से दूसरी राशि में विचरऩ करते हुए शनि जातक की नाम राशि या लग्न राशि में रहता है। इस प्रकार उस राशि, उससे अगली राशि व बाहरवें स्थान की राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होता है। शनि को 3 राशियों में गुजरने के लिए साढ़े सात साल का समय लग जाता है। सभी 12 राशियों के एक चक्कर काटने में उसे 30 साल का समय लग जाता है। शनि का गोचर जब आपकी जन्म कुंडली में बैठे चंद्रमा से बारहवें भाव में हो साढ़ेसाती आरंभ हो जाती है।शनि की साढ