महाभारत में महाराज पांडू ने किया ऐसा न्याय, इसकी नहीं मिलती मिसाल
www.bhrigupandit.com महाभारत में महाराज पांडू ने किया ऐसा न्याय, इसकी नहीं मिलती मिसाल महाभारत के आदिपर्व के अनुसार एक दिन राजा पांडु शिकार खेलने के लिए वन को निकलते हैं। जंगल में दूर से देखने पर उनको एक हिरण दिखाई देता है। वे उसे एक तीर से मार देते हैं। वह हिरण एक ऋषि निकलते हैं तो अपनी पत्नी के साथ प्रेम कर रहे थे। वे ऋषि मरते वक्त पांडु को शाप देते हैं कि तुम भी मेरी तरह मरोगे, जब तुम मैथुनरत रहोगे। इस हत्या से महाराज को बहुत ही दुख होता है। वह ग्लानि से भर जाते हैं। उनसे बहुत बड़ा अपराध हुआ है। अब एक दूसरे दृष्टिकोण से इस घटना को देखते हैं। इस व्यक्ति से हत्या होती है। उसका चश्मदीद गवाह भी वही है। दूसरा कोई नहीं जानता कि किसने हत्या की। बड़ी आसानी से प्रमाण इत्यादि नष्ट किए जा सकते थे। राजा पांडू को किसने कुछ कहना था। यदि पता भी चल जाता तो कह सकते थे कि मरने वालों ने उनपर हमला करने की कोशिश की थी, इसलिए मार दिया। ये केस ऐसा भी कह सकते हैं कि एक वाहन चालक ने तेज गति वाहन चलाते या गलती से एक राहगिर को टक्कर मार दी और भाग गया। आज 99 प्रतिशत केस ऐसे ही होते हैं। आरोपी टक्कर मारन