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Top Astrologer in Lidhran, Vashikaran Specialist in Lidhran

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  Top Famous astrologer in lidhran, vashikaran specialist in Lidhran Bhrigu Panditji, the top astrologer in Lidhran, village near Jalandhar district, has been solving people's astrological problems for the last 25 years. He is a Vashikaran Spacialist in Lidhran. If you have any kind of problem like traveling abroad, the effect of black magic, vashikaran, love problem, marriage problem, the girl is not in control, marriage problem etc. guaranteed solution.  Top astrologer in Lidhran Bhrigu ji show very easy measures which are very effective. These measures take effect immediately. Many people from Jalandhar's village Lidhran have gone abroad and are raising the name of the country and their village with their hard work. Love problem solution Vashikaran Specialist  What is Vashikaran? Black magic effect Marriage problem Health problem Travel abroad Visa problem Match making Let us About Lidhran  Location code or village code of Lidhran village is 030458. this village is located

अलगाववाद की मानसिकता क्या है और इसे कैसे इंजैक्ट किया जाता है

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  अलगाववाद की मानसिकता क्या है और इसे कैसे इंजैक्ट किया जाता है एक समाज को दूसरे समाज से, एक समूह को दूसरे समूह से दूर रखने के लिए कुछ काल्पनिक, धार्मिक,सांस्कृतिक, सामाजिक, क्षेत्रीय कारण को पैदा किया जाता है।  कुछ अलगावादियों हाथों में आधुनिक हथियार होते हैं और कुछ अपनी तथाकथित विद्धवता का सहारा लेकर अपने एजैंडे चलाते हैं। लोग अलगाववाद के लिए बड़ी चालाकी से हर एजैंडे का इस्तेमाल करते हैं। अलगाववाद एक राजनीतिक टूल के लिए प्रयोग किया जाता है जिसमें एक समाज को दूसरे से अलग करके उनके अधिकारों की रक्षा करने के नाम पर वोट लिए जाते हैं, लेकिन किया कुछ नहीं जाता।  अलगाववाद कैसे शुरु हुआ- वैसे तो अलगाववाद क्रियायों में प्राकृतिक ही है जैसे स्त्री व पुरुष। ज्यादातर महिलाएं अपनी महिला दोस्तों के साथ ही रहती हैं और पुरुष भी ऐसा ही करते हैं। बच्चे बच्चों से साथ ही अच्छा मानते हैं। जैसे विवाह में लड़का पक्ष के लोग अलग हो जाते हैं और लड़की पक्ष के लोग अलग। यह सारा कुछ प्राकृतिक ही है। एब्रहामिक इतिहास में अलगाववाद व इसकी भारतीयों द्वारा की गई कापी- बाइबल में पहली बार शब्द प्रयोग हुआ हमारे ईश्वर व

हिन्दू संस्कृति को कैसे धवस्त किया जा सकता है

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  हिन्दू संस्कृति को कैसे धवस्त किया जा सकता है हिन्दू संस्कृति को धवस्त करने के लिए चरणों में काम करना होगा। हिन्दुओं के विश्वास व श्रद्धा को हर हाल में तोड़ना जरूरी है। यह तभी हो सकता है जब बार-बार हिन्दू संस्कृति को गैर कानूनी, पाखंडवाद, अंधविश्वास, काल्पनिक, खतरनाक, समाजिक बुराई, नारी शोषण, दलित शोषण आदि नकारात्मक विषयों से जोड़ा जाए। यह काम हिन्दू नाम वाले वामपंथियों व क्रिप्टो से ही करवाया जाए। इससे लोग शक नहीं करते कि पर्दे के पीछे कौन काम कर रहा है। यदि हिन्दुओं की आस्था पेड़ों में है तो उन पेड़ों को ही काट दिया जाए।  इनकी संस्कृति का मजाक उड़ाया जाए त्यौहारों को समामाजिक बुराई से जोड़ा जाए। ऐसा उसी समय करना है जब इनके त्यौहार चल रहे हों, उसी समय चोट करनी है जब लोहा गर्म हो। ऐसा हर बार करना है बार-बार करना है। सत्यमेव जयते जैसे सीरियल, फिल्मों आदि में ऐसे ही मुद्दे चालाकी से उठाने हैं। हर बार मूर्ति पूजा, मंदिरों का विरोध करना है और ऐसा हर बार कहना है। टीवी पर जैसे एक पेड न्यूज को 24 घंटे बार-बार चलाया जाता है वैसे ही हर प्रवचन में मूर्ति पूजा, हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए एक

धर्मान्तरण के बढ़ते कदमों को कैसे रोका जाए ?

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  धर्मान्तरण के बढ़ते कदमों को कैसे रोका जाए ? बौद्ध काल में करोड़ों लोग बौद्ध हो गए थे लेकिन शंकराचार्य के पुनर्जागरण अभियान के तहत लोग फिर सनातन धर्म में लौट आए थे। मुगलों व अंग्रेजों के काल में करोड़ों लोग भय लोभ लालच आदि में आकर मुसलमान ईसाई हो गए। धर्मांतरण केवल भारत की समस्या नहीं पूरे विश्व की समस्या है। इस धर्मांतरण के खेल में मिस्र, ईरान, इराक, अमेरिका, यूरोप आदि देशों की मूल संस्कृतियां की नष्ट कर दी गईं। हिन्दुओं में धर्मांतरण पर विश्वास नहीं किया जाता क्योंकि यह ईश्वर को पाने के हर रास्ते को आदर देता है। दूसरों की संस्कृतियों को नष्ट नहीं करना चाहता सम्मान देता है। मुगलों व अंग्रेजी शासनों में भी सनातन धर्म इसीलिए जिंदा रहा क्योंकि हिन्दू अपनी संस्कृति से जुड़े रहे। अपनी श्रद्दा व विश्वास पर टिके रहे। हिन्दुओं को अपने धर्म पर, अपनी संस्कृति पर गर्व कैसे गर्व करना है, उनके दीमागों में भरना होगा। उन्हें अपनी महान परम्पराओं से जुड़े रहना होगा। हिन्दुओं को केवल संत, मंदिर उनके धर्मिक ग्रंथ व ग्रंथ व ईष्ट देव एक साथ रख सकते हैं। जो हिन्दू इनसे पक्के तौर पर जुड़े हैं उनका धर्मांत

हिन्दुओं को क्या छोड़ना है और क्या शामिल करना है, इस बारे में वे भ्रमित हैं

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हिन्दुओं को क्या छोड़ना है और क्या शामिल करना है, इस बारे में वे भ्रमित हैं भारत को अरबी हमलावरों और इसके बाद अंग्रेजों ने अपना गुलाम बनाया। विदेशी शासकों ने अपनी विचारधारा, संस्कृति, भाषा, पहनावा आदि को जबरन भारतीयों पर थोपा और कहीं भारतीयों ने देखा देखी शासकों की विचारधारा, संस्कृति आदि को अपना लिया। ये विदेशी हमलावर दुनिया के जिस भी देश को जीतते वे वहां अपना धर्म, विचारधारा, संस्कृति आदि को वहां के हारे हुए लोगों पर थोपते और इसके लिए वह हर तरह के अमानवीय हथकंडे अपनाते। ये लोग अपनी संस्कृति, भाषा व धर्म के बारे में इतना उन्मादी थे कि किसी भी हद तक चले जाते थे। करोड़ों लोगों की इनकी हिंसा के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी और आज भी गंवा रहे हैं।  गुलाम हमेशा शासक की नकल करता है, उसपर उसकी विचारधारा कब हावी हो जाती है उसे पता ही नहीं चलता। वह भी शासक की तरह सोचने व व्यवहार करने लगता है। अंग्रेजी उपनिवेशिक गुलाम मानसिकता के बारे में तो सभी बात करते हैं लेकिन बहुत कम लोग अरबी उपनिवेशिक गुलाम मानसिकता के बारे में चर्चा करते हैं, जो कि भारतीयों के लिए बहुत ही घातक है।  पिछले 1400 सालों से भारतीय