वरत क्यों रखे जाते हैं, सितम्बर 2018 में पड़ने वाले वरत
वरत क्यों रखे जाते हैं, सितम्बर 2018 में पड़ने वाले वरत
सितम्बर माह 2018 में पड़ने वाले वरतों का हम अापको सिलसिलेवार बताएंगे। इस संसार में अाने वाला हर जीव अपने जीवन में जाने अनजाने में किसी भी चीज का वरत रखता है। धर्म को मानने वाले लोग इसे ईश्वर की उपासना की तरह मानते हैं। अापने देखा होगा कि अापके परिवार का कोई सदस्य या दोस्त या रिश्तेदार चावल नहीं खाता होगा या दूध नहीं पीता होगा, दही नहीं खाता होगा एेसा भी होता है कि किसी को ये सब खाना पीना बहुत ही अच्छा लगता हो। वरत क्यों रखे जाते हैं, सितम्बर 2018 में पड़ने वाले वरत
कोई अाईसकरीम नहीं खाता अौर किसी को यह बहुत ही पसंद होती है। शेर भूखा मर जाएगा लेकिन शाखाहारी नहीं होगा गाय भी मर जाएगी लेकिन मांस नहीं खाएगी क्योंकि भगवान ने एेसे ही इन जैसे जीवों को एेसे ही बनाया है। दुनिया में एेसे मानव कम ही मिलेंगे जो सबकुछ खाना पसंद करेंगे उन्होंने सबकुछ खा लिया हो। जब अाप बीमार पड़ते हैं तो अापको कुछ भी खाने का मन नहीं करता या कुछ विशेष फल ही खाने का मन करता है। डाक्टर भी अापको कई चीजें खाने से मना कर देता है। कई बार अापका मन रोटी से हट कर कुछ अौर ही खाने को करता है। यानि शरीर कहता है कि वह रोज-रोज एक ही तरह की चीज पचाते-पचाते बोर हो गया हूं। वह संदेश दिमाग को भेजता है अौर दिमाग अापको बताता है कि अाज क्या खाया जाए अौर क्या छोड़ दिया जाए। वरत का अर्थ होता है कि इच्छा से किसी वस्तु का या कार्य का कुछ समय के लिए त्याग करना। यह त्याग अाफिस के काम का भी होता है जैसे रविवार को अाप काम से अवकाश ले लेते हैं।वरत क्यों रखे जाते हैं, सितम्बर 2018 में पड़ने वाले वरत
मधुमेह होने के बाद अापको चीनी व मीठी चीजों से परहेज करना होता है, बीपी बढ़ने पर अापको नमक से परहेज करना है। वरत भी कुदरती है। इसे अाप रखेे या न रखें पर ये अापको रखने ही पड़ते हैं। जब अाप किसी कामना के लिए या ईश्वर से जुड़ने के लिए किसी चीज का त्याग करते हैं तो अापकी अाध्यात्मिक पावर बढ़ती जाती है। वरत रखने से शरीर में रोगों से लड़ने की पावर अाती है,चेहरे पर निखार अाता है, भूख पर कंट्रोल करने की ताकत मिलती है, शरीर को पाचन तंत्र को अाराम मिलता है, किसी देवता के लिए या मनोकामना के लिए रखा गया विधि से किया वरत पक्का फल देता है। वरत रखने वाले से बीमारियां दूर ही रहती हैं।
सितम्बर माह 2018 में पड़ने वाले वरत
1 सितम्बर शनिवार चंदन षष्ठी वरत
2 सितम्बर रविवार कृष्ण जन्माष्टमी वरत (स्मा.)
3 सितम्बर सोमवार कृष्ण जन्माष्टमी वरत (वैष्णव)
4 सितम्बर दूर्वाष्टमी वरत
4 सितम्बर गुग्गा नवमी
7 सितम्बर वत्स द्वादशी पूजा
9 सितम्बर कुशागरहणी अमावस
9 सितम्बर पिठोरी अमावस
11सितम्बर साम उपाकरम
12 सितम्बर हरितालिका तृतिया
12 सितम्बर कलंक चतुर्थी
13 सितम्बर सिद्धी विनायक वरत
14 सितम्बर ऋषि पंचमी वरत
15 सूर्य षष्ठी वरत
16 को संतान सप्तमी वरत
17 सितम्बर को राधाष्टमी वरत
17 को ही महालक्ष्मी वरत
18 को श्ऱी चंदर नवमी (उदासीन)
21 को वामन जयंती
23 को अनंत चुतुरदशी
24 को पूरणिमा श्राद
25 सितम्बर को पितृपक्ष श्राद शुरु होंगे।
इन वरतों को अपने अपने सम्पऱदायों के हिसाब से मनाया जाता है।
Call us: +91-98726-65620
E-Mail us: info@bhrigupandit.com
Website: http://www.bhrigupandit.com
FB: https://www.facebook.com/astrologer.bhrigu/notifications/
Pinterest: https://in.pinterest.com/bhrigupandit588/
Twitter: https://twitter.com/bhrigupandit588
Google+: https://plus.google.com/u/0/108457831088169765824
सितम्बर माह 2018 में पड़ने वाले वरतों का हम अापको सिलसिलेवार बताएंगे। इस संसार में अाने वाला हर जीव अपने जीवन में जाने अनजाने में किसी भी चीज का वरत रखता है। धर्म को मानने वाले लोग इसे ईश्वर की उपासना की तरह मानते हैं। अापने देखा होगा कि अापके परिवार का कोई सदस्य या दोस्त या रिश्तेदार चावल नहीं खाता होगा या दूध नहीं पीता होगा, दही नहीं खाता होगा एेसा भी होता है कि किसी को ये सब खाना पीना बहुत ही अच्छा लगता हो। वरत क्यों रखे जाते हैं, सितम्बर 2018 में पड़ने वाले वरत
कोई अाईसकरीम नहीं खाता अौर किसी को यह बहुत ही पसंद होती है। शेर भूखा मर जाएगा लेकिन शाखाहारी नहीं होगा गाय भी मर जाएगी लेकिन मांस नहीं खाएगी क्योंकि भगवान ने एेसे ही इन जैसे जीवों को एेसे ही बनाया है। दुनिया में एेसे मानव कम ही मिलेंगे जो सबकुछ खाना पसंद करेंगे उन्होंने सबकुछ खा लिया हो। जब अाप बीमार पड़ते हैं तो अापको कुछ भी खाने का मन नहीं करता या कुछ विशेष फल ही खाने का मन करता है। डाक्टर भी अापको कई चीजें खाने से मना कर देता है। कई बार अापका मन रोटी से हट कर कुछ अौर ही खाने को करता है। यानि शरीर कहता है कि वह रोज-रोज एक ही तरह की चीज पचाते-पचाते बोर हो गया हूं। वह संदेश दिमाग को भेजता है अौर दिमाग अापको बताता है कि अाज क्या खाया जाए अौर क्या छोड़ दिया जाए। वरत का अर्थ होता है कि इच्छा से किसी वस्तु का या कार्य का कुछ समय के लिए त्याग करना। यह त्याग अाफिस के काम का भी होता है जैसे रविवार को अाप काम से अवकाश ले लेते हैं।वरत क्यों रखे जाते हैं, सितम्बर 2018 में पड़ने वाले वरत
मधुमेह होने के बाद अापको चीनी व मीठी चीजों से परहेज करना होता है, बीपी बढ़ने पर अापको नमक से परहेज करना है। वरत भी कुदरती है। इसे अाप रखेे या न रखें पर ये अापको रखने ही पड़ते हैं। जब अाप किसी कामना के लिए या ईश्वर से जुड़ने के लिए किसी चीज का त्याग करते हैं तो अापकी अाध्यात्मिक पावर बढ़ती जाती है। वरत रखने से शरीर में रोगों से लड़ने की पावर अाती है,चेहरे पर निखार अाता है, भूख पर कंट्रोल करने की ताकत मिलती है, शरीर को पाचन तंत्र को अाराम मिलता है, किसी देवता के लिए या मनोकामना के लिए रखा गया विधि से किया वरत पक्का फल देता है। वरत रखने वाले से बीमारियां दूर ही रहती हैं।
सितम्बर माह 2018 में पड़ने वाले वरत
1 सितम्बर शनिवार चंदन षष्ठी वरत
2 सितम्बर रविवार कृष्ण जन्माष्टमी वरत (स्मा.)
3 सितम्बर सोमवार कृष्ण जन्माष्टमी वरत (वैष्णव)
4 सितम्बर दूर्वाष्टमी वरत
4 सितम्बर गुग्गा नवमी
7 सितम्बर वत्स द्वादशी पूजा
9 सितम्बर कुशागरहणी अमावस
9 सितम्बर पिठोरी अमावस
11सितम्बर साम उपाकरम
12 सितम्बर हरितालिका तृतिया
12 सितम्बर कलंक चतुर्थी
13 सितम्बर सिद्धी विनायक वरत
14 सितम्बर ऋषि पंचमी वरत
15 सूर्य षष्ठी वरत
16 को संतान सप्तमी वरत
17 सितम्बर को राधाष्टमी वरत
17 को ही महालक्ष्मी वरत
18 को श्ऱी चंदर नवमी (उदासीन)
21 को वामन जयंती
23 को अनंत चुतुरदशी
24 को पूरणिमा श्राद
25 सितम्बर को पितृपक्ष श्राद शुरु होंगे।
इन वरतों को अपने अपने सम्पऱदायों के हिसाब से मनाया जाता है।
Call us: +91-98726-65620
E-Mail us: info@bhrigupandit.com
Website: http://www.bhrigupandit.com
FB: https://www.facebook.com/astrologer.bhrigu/notifications/
Pinterest: https://in.pinterest.com/bhrigupandit588/
Twitter: https://twitter.com/bhrigupandit588
Google+: https://plus.google.com/u/0/108457831088169765824
Comments
Post a Comment