उत्तराखंड की संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत व धर्म
उत्तराखंड की संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत व धर्म
उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है। यहां के लोगों का रहन-सहन, वेषभूषा, भाषा, संस्कृति को जानने के लिए यहीं का होकर रहना पड़ेगा। तभी आप यहां के बारे में जान पाओगे। यहां आने वाले बाहर के लोगों यानि दूसरे देशों या प्रदेशों से आने वाले लोगों को यहां आने से पहले यह सीखना होगा कि कैसे यहां की परम्पराओं का आदर करना है। इनके लिए इनकी सांस्कृतिक झलकियां थोड़ी अजीब सी लग सकती हैं लेकिन याद रखना होगा कि ये लोग सदियों से इन्हीं में रचे व पले बढ़े हैं। इनके स्थानीय देव हैं, इनके कुछ सांस्कृतिक व धार्मिक कोड आफ कंडक्ट हैं जिनका आदर हरेक को करना ही होगा।
उत्तराखंड की संस्कृति अपने आप में सम्पूर्ण है यहां किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप निषेध होना चाहिए चाहे वह कोई समाज सुधारक ही क्यों न हो। इस संस्कृति को भारत सरकार की तरफ से पूरी तरह से संरक्षित कर दिया जाना चाहिए।
यहां की एक-वस्तु पर यहां के लोगों का अधिकार है, यहां किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं की जानी चाहिए। सरकार को हर गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं, सस्ता राशन, स्कूल आदि का संचालन बढ़िया ढंग से करना चाहिए। आज उत्तराखंड के बाहर के अमीर लोगों की तरफ से बेतहाशा जमीने खरीदी जा रही हैं जो कि यहां की संस्कृति के लिए एक बड़ा खतरा बन रही हैं।
इस देव भूमि तो दानवों की भूमि बन जाने से बचाने के लिए अभी से आंदोलन चलाने की जरूरत है।यदि ऐसा न हुआ तो अगले 20 सालों में परिस्थितियां गम्भीर हो जाएंगी। उत्तराखंड के लोगों को एकता बना कर रखनी होगी।
कुछ समय पहले तक उत्तराखंड में अपराध नाममात्र होता था, भ्रूण हत्या बिल्कुल भी नहीं थी, प्लास्टिक प्रदूषण नहीं था, ध्वनि प्रदूषण नहीं था क्योंकि बाहर लोगों का हस्क्षेप नहीं था। लेकिन आज चिंताजनक बात बनी हुई है, सनातनियों व हिन्दुओं के भेष में कई बाहरी प्रचारक यहां की संस्कृति से भयंकर छेड़छाड़ कर चुके हैं। दूसरे धर्म के लोगों ने यहां के भोले भाले लोगों को भड़काने का काम बेखूबी किया है।
अपने आसपास ध्यान रखें कि कोई अवैध निर्माण तो नहीं हो रहा, कोई बाहरी लोगों की गतिविधियां तो नहीं चल रहीं, हर गांव के प्रधान को पल-पल चौकस रहना होगा कि कोई बाहरी व्यक्ति समाज सुधार के भेष में लोगों को भड़का तो नहीं रहा, सरकार, पुलिस आदि को भी चौकस रहना होगा। अपनी व अपने प्रदेश की सुरक्षा के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तैयार रहना होगा।
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