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विदेश यात्रा कब होगी, कैसी रहेगी?

विदेश यात्रा कब होगी, कैसी रहेगी छोटी, लम्बी या विदेश यात्राओं के लिए तीसरा, नौंवा व बाहरवां भाव जांचा जाता है। इन भावों के स्वामी ग्रहों की स्थिति जांची जाती है। यात्रा के कारक ग्रह केतु,शुक्र, चंद्र के बारे में भी विचार किया जाता है।  1. यदि लग्न का स्वामी 12वें भाव में हो को विदेशों में अथवा विदेश में घर बनाकर रहना पड़ता है। 2.यदि लग्न का स्वामी ग्रह, नवम् भाव का स्वामी ग्रह और तीसरे भाव का स्वामी ग्रह बाहरवें भाव में हो तो तो भी विदेश में ही रहना पड़ता है। 3 लग्न का स्वामी, तीसरे भाव का स्वामी, नवें व 12वें का स्वामी यदि 12वें,दूसरे, तीसरे अथवा नवें भाव में हो तो भी यात्राएं बहुत होती हैं और विदेश यात्राएं होती हैं। 4. चौथे व आठवें भाव में शनि,केतु, राहू हों तो विदेश यात्राएं होती हैं। तीसरे भाव में स्वामी ग्रह तो जांचने से भी यात्राओं के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाती है। यदि तीसरे भाव में निम्न ग्रह स्थित हों या भाव का स्वामी ग्रह हो तो- सूर्य तीसरे भाव में स्थित हो तो जीवन में यात्राएं कम ही हों, यदि हों तो सरकारी कामों से संबंधित हों व लाभ हो। घमंड व अहंकार से हानि का डर। चंद

माया का खेल बहुत ही निराला है

माया का खेल बहुत ही निराला है माया का खेल इतना निराला है कि कोई भी इसके मोह बंधन से बच नहीं सका। वही लोग बच सके जो दूर कंदराओं में ईश्वर की भक्ति में लीन हैं। समाज में विचरण करता मानव माया के मोह में फंसा हुआ है। गरीब घरों में पैदा हुए गायक धार्मिक स्थलों में अपनी जीविका को कमाने के लिए गाते हैं। वहीं प्रचारक प्रवचन करते हैं लोग सुनते हैं लेकिन इतना धन नहीं देते कि ये लोग अपना परिवार अच्छे से पाल सकें। कुछ प्रचारक जो प्रचार माध्यमों का प्रयोग करके, विज्ञापन करके लोगों में प्रसिद्ध हो जाते हैं वे अपने माल को सही ढंग से बेच लेते हैं और करोड़ों में खेलते हैं। दूसरे लोग गांवों में बैठे अपने यजमानों के सहारे थोड़ा-थोड़ा करके पेट किसी तरह से पालते हैं क्योंकि न तो उनके पास इतना धन है कि वे अपना प्रचार बड़े स्तर पर कर सकें और न ही इनके यजमान इनको प्रोमोट करने में कोई ध्यान देते हैं।  अब इन लोगों को जब बालीवुड में काम मिलता है तो ये कलाकार रातों-रात करोड़ों में खेलने लगते हैं और अपने धार्मिक जीवन पर मिट्टी डाल कर हर तरह के गाने गाना शुरु कर देते हैं। एक गाने का इनको 50 से 60 लाख रुपए का भुगतान

रसिक हिन्दुओं को कैसे सही संदेश पहुंचाएं हिन्दू संत

रसिक हिन्दुओं को कैसे सही संदेश पहुंचाएं हिन्दू संत  रसिक हिन्दू संगीत सुनते हैं, गाते हैं और नाचते हैं। ये रस के पुजारी जहां भी इनको रस मिलता है चले जाते हैं चाहे सूफी की दरगाह ही क्यों न हो। ये इनको अपने धार्मिक कार्यक्रमों में भी बुलाते हैं। इनको दुनिया से कोई लेना देना नहीं होता क्योंकि ये वे लोग हैं जिनके पास नौकरियां हैं, धन है, कारोबार हैं और ये लोग रस के लिए धन खर्च करते हैं। कहीं सूखा प्रवचन हो तो वहां आपको 4 या 5 से अधिक श्रद्दालु नहीं मिलेंगे लेकिन कहीं रंगमंच, संगीत की लहरियां, फिल्मी गानों की तर्ज पर भजन हों तो हजारों लोग सुनने को आ जाएंगे। ये लोग रस को नहीं छोड़ सकते ।  ये रसिक वैसे ही हैं जैसे लोग ब्रांडेड कपड़े पहनने वाले, महंगी शिक्षा के लिए विदेशों में बच्चों को पढा़ने के लिए भेजने वाले, सिनेमाहाल में हजारों रुपए खर्चने वाले, अपनी शादियों में बेतहाशा दिखावा करने वाले, अपने घरों को करोड़ों के महंगे फर्निचरों से सजाने वाले, महंगे होटलों में राते रंगीन करने वाले हैं । इनमें अंतर यह है कि इन्हें सबकुछ धर्म में ही चाहिए और ये हाई प्रोफाइल संतों को बनाते हैं। जो एक कार्यक्र

lal kitab remedies for baby boy- Hindi

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lal kitab remedies for baby boy- लाला किताब के अनुसार जातक की कुंडली में संतान सुख दिलाने वाला ग्रह पंचम घर का स्वामी सूर्य होता है । संतान सुख मेें चंद्र का भी प्रभाव रहता है। यदि चंद्र नेगेटिव हो जाए तो संतान नष्ट होने की आशंका रहती है। ग्रहों के योग के आधार पर लड़का या लड़की का होना निर्भर करता है।  lal kitab remedies for baby boy- संतान सुख के लिए लाल किताब के टोटके निम्नलिखित हैं- 1. घर से सदस्यों की संख्या + आने वाले मेहमानों की संख्या+ दो चार चार रोटियां अधिक बनाकर कुत्तों या अन्य जानवरों को डालें। रोटियों की संख्या कम न हो छोटी बड़ी हो सकती हैं। 2. हर रोज भोजन खाने से पहले अपनी थाली से 3 या 4 टुकड़े रोटी के कुत्ते के लिए निकाल लें। जिस जगह भोजन बने उसी जगह बैठ कर खाएं। ऐसा करने से राहु की शरारतों से बचा जा सकता है। 3. रात को सोते समय चारपाई के नीचे पानी तथा सुबह उसे ऐसी जगह डालें जहां उसका अपमान न हो। उस पानी से अपने हाथ पांव न धोएं और न ही पिएं। 4. बच्चे के जन्म से पहले माता किसी बर्तन में घी व चीनी रख कर माता के हाथ लगा दें और किसी सुरक्षित जगह रख दें। बच्चा पैदा होने के बाद

सभ्यता का विकास व सांस्कृतिक विरासत या धरोहर क्या है?

सभ्यता का विकास व सांस्कृतिक विरासत या धरोहर क्या है? सभ्यताओं का विकास कैसे हुआ, मानव सभ्य कैसे हुआ, सांस्कृतिक विरासत व धरोहर क्या हैं, आदि विचार हमारे दिमाग में कम ही आते हैं। हम अपनी दिनचर्या व दैनिक जरूरतों को पूरा करने में इतना व्यस्त रहते हैं कि इसके बारे में हम ज्यादा नहीं सोचते और न ही चर्चा करते हैं। जब सिंधू घाटी की सभ्यता के बारे में पता चला तो देखा गया कि आज से हजारों साल पहले 3 मंजिला मकान, अंडरग्राऊंड नालिया, सड़कें आदि लोगों ने बनाए, आज इस जगह की खुदाई में मिट्टी के बर्तन, औजार, शिव व गणेश की मूर्तियां, शिवलिंग, त्रिशूल आदि मिले, अब इससे भी पुरानी सभ्यता राखीघाड़ी हरियाणा में मिली। खुदाई में रथ,हथियार, मूर्तियां व कंकाल मिले। आज इंडोनेशिया, थाईलैंड में की गई खुदाई में भगवान शिव व गणेश जी की भव्य मूर्तियां मिली तो सारी दुनिया हैरान रह गई। खुदाई में एक विशाल मंदिर मिला जो मिट्टी से ढक चुका था। इन कंकालों का डीएनए टैस्ट किया गया तो ये विशुद्ध भारतीय पाया गया। इस प्रकार पिछले 70 सालों से फैलाया गया झूठ कि आर्य विदेशों से आए  थे, प्रमाण सहित धराशाही हो गया। वामपंथी अपने फैला