महान कलाकार श्रीदेवी का इस तरह जाना, दुखी कर गया
महान कलाकार श्रीदेवी का इस तरह जाना, दुखी कर गया
छोटी आयु में अभिनय के क्षेत्र में आने वाली दक्षिण भारतीय अभिनेत्री श्रीदेवी ने बहुत ही संघर्ष किया। जवानी में बी ग्रेड की फिल्मों से अपना करियर शुरु करने वाली इस अभिनेत्री ने बहुत ही
पापड़ बेले। बालिवुड में इसने बहुत ही संघर्ष किया। कई बार इसे अपमानित होना पड़ा लेकिन इसने कभी भी हार नहीं मानी। उनकी एकता कपूर की तरह ज्योतिष में बहुत ही दिलचस्पी थी।
श्रीदेवी कपूर जो कि श्रीदेवी के नाम से प्रख्यात, भारतीय फिल्मों की मशहूर अदाकारा थीं। जिन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, मलयालम, तेल्गु, कन्नड़ और में भी काम किया। अपनी वर्सटैलिटी और हिन्दी फिल्मों की बेहतरीन अभिनेत्री मानी जाने वाली श्रीदेवी ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म सोलवां सावन से 1979 में की थी। लेकिन उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म हिम्मतवाला से मिली। इस फिल्म के बाद वह हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार अभिनेत्रियों में शुमार हो गयीं।
श्रीदेवी ने अपने फि़ल्मी करियर में कई अनगिनत फिल्में की। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई दमदार रोल किए और कई मजबूत फीमेल किरदार को पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश किया और मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा उन्होंने कई आर्ट फिल्मों मे भी काम किया जिसे भारत में पैरलल सिनेमा कहा जाता हैै। उन्हें तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है। उनके करियर का ग्राफ कई बार नीचे भी गिरा लेकिन के उन्होंने अपने को कई बार इससे उबारा और स्टेटस को बरकरार रखने के लिए उनकी क्षमता ने सभी का दिल जीता। 2013 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया।
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता अय्यपन हैं-जोकि एक वकील हैं। उनकी माँ का नाम राजेश्वरी है। उनकी एक बहन और दो सौतेले भाई हैं। बहन का नाम- श्रीलता है। भाईयोँ का नाम आनंद और सतीश है।
श्रीदेवी का फि़ल्मी करियर उन दिनों उंचाइयोँ पर था, तभी उनके और उनके कोस्टर मिथुन चक्रवर्ती के अफेयर की खबरे मिडिया में उडऩे लगी। चर्चा तो ये भी थी की श्रीदेवी और मिथुन ने चुचाप शादी भी कर ली है। हालंकि इन सबसे मिथुन के गृहस्थ जीवन में जरीर भूचाल लाकर रख दिया था। इसके बाद मिथुन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सबको अपने और श्रीदेवी के रिश्ते की सफाई दी।
श्री देवी की ऑफिशियली शादी निर्देशक बोनी कपूर 1996 में हुई। इनकी दो बेटियां जाह्नवी और ख़ुशी कपूर हैं। फि़लहाल इनकी बड़ी बेटी पूरी तरह से बॉलीवुड में आने को तैयार है।
श्रीदेवी ने अपने फि ल्मी करियर की शुरुआत महज चार वर्ष की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। उनकी पहली फिल्म बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट थुनविान थीं। नन्ही श्रीदेवी को मलयालम मूवी पूमबत्ता (1971) के लिए केरला स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने इस दौरान कई तमिल-तेलगु और मलायलम फिल्मों में काम किया जिसके लिए उन्हें कई अवार्डों से सम्मानित भी किया गया।
श्रीदेवी ने अपने वयस्क करियर की शुरुआत साल 1979 में हिंदी फिल्म सोलवां सावन से की थी। हालंकि उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म 1983 में आई फिल्म हिम्मतवाला से मिली। इस फिल्म में उनके अपोजिट जितेंद्र नजर आये थे। यह फिल्म 1983 ब्लॉकस्बस्टर फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में जितेन्द्र के साथ की। उसके बाद उनकी फिल्म तोहफा आई जिसने उस दौर में कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
वर्ष 1983 में फिल्म सदमा में श्रीदेवी दक्षिण सिनेमा के अभिनेता कमल हासन संग नजर आई। इस फिल्म में उनके अभिनय को देख आलोचक भी दंग रह गए। श्रीदेवी को फिल्म सदमा के लिए पहली बार फिल्मफेयर अवाड्र्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नामंकन मिला था।
साल 1986 में आई फिल्म नगीना, जिसमे श्रीदेवी ने एक इच्छाधारी नागिन की भूमिका अदा की थी। यह फिल्म उस साल की दूसरी सुपर-डुपर हिट फिल्म साबित हुई थी। इसी साल उनकी दो और फि़ल्में रिलीज हुई। जिनमे सुभाष घई की मल्टी-स्टारर फिल्म कर्मा और फिरोज खान की जांबाज शामिल थी। दोनों ही फिल्मों में श्रीदेवी की गजब के अभिनय को दर्शकों ने सराहा।
साल 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया में श्री एक जर्नलिस्ट के किरदार में नजर आई। जोकि एक उनका आइकॉनिक रोल माना जाता है। यह फिल्म साइंटिफिक थ्रिलर फिल्म थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट अनिल कपूर नजऱ आये थे। फिल्म मिस्टर इंडिया का गाना हवा-हवाई आज भी दर्शकों के जुबान पर रहता है। उस दौर में श्री देवी और अनिल कपूर का रेन डांस सांग काटे नहीं कटते आज भी बारिश के गानों में पहले नंबर पर है। 1989 में आई फिल्म चालबाज में श्रीदेवी दोहरी भूमिका में नजऱ आई थीं। जोकि 80 के दशक की आइकोनिक मूवीज में से एक है। इस फिल्म के लिए उन्हें आलोचकों से काफी प्रशंसा मिली थी। श्रीदेवी को फिल्म चालबाज के लिए उन्हें उनके पहले फिल्म फेयर सर्वश्रेठ अभिनेत्री के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था।
चालबाज के बाद श्रीदेवी यशराज फिल्म्स की फिल्म चांदनी में अभिनेता ऋषि कपूर के साथ नजर आयीं थीं। इस फिल्म का गाना मेरे हाथों में नौ-नौं चूडिय़ाँ है आज भी वेडिंग सांग्स लिस्ट में सबसे उपर है। श्रीदेवी ने इस फिल्म के गाने चांदनी ओ मेरी चांदनी गाने में अपनी आवाज दी थी। इसके बाद साल 1991 में श्रीदेवी एक बार फिर यशराज की फिल्म लम्हे में दिखाई दी। फिल्म लम्हे के लिए श्रीदेवी को उनका दूसरा फिल्म फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। 1993 में श्रीदेवी मेगास्टार अमिताभ बच्चन के अपोजिट नजऱ आयीं थीं। उन्होंने इस फिल्म दो भूमिका अदा की थी। एक वॉरियर की दूसरी उसकी बेटी की। इस फिल्म की शूटिंग भारत के अलावा काबुल में भी हुई थी। फिल्म काबुल में उतनी ही लोकप्रिय साबित हुई जितनी भारत में। इस फिल्म में श्रीदेवी ने अपने अभिनय से सबकी तारीफें बटोरी। इसी साल श्री देवी उस दौर की सबसे बड़े बजट की फिल्म रूप कीरानी चोरो का राजा में अनिल कपूर संग नजऱ आयीं। हालांकि फिल्म जितनी बड़े बजट की उतनी ही बुरी उसे बॉक्स ऑफिस पर मुंह की खानी पड़ी थी। इसके बाद श्रीदेवी लाडला और फिल्म जुदाई में नजर आई।
1996 में निर्देशक बोनी कपूर से शादी के बाद श्रीदेवी ने फिल्मी दुनिया से अपनी दूरी बना ली थी। लेकिन इस दौरान वह कई टीवी शोज में नजर आई। श्रीदेव ने साल 2012 में गौरी शिंदे की फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से रूपहले परदे पर अपनी वापसी की। हिंदी सिनेमा से कई वर्षों तक दूर रहने के बाद भी फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में श्री देवी ने बेहतरीन अभिनय से आलोचकों और दर्शकों को चौंका दिया था।
श्रीदेवी की प्रसिद्ध फि़ल्में
जुली, सोलवां सावन,सदमा, हिम्मतवाला, नया कदम, नगीना, घर संसार, नया कदम ,मकसद, सुल्तान, आग और शोला, भगवान, आखरी रास्ता,जांबांज, वतन के रखवाले, जवाब हम देंगे, जाग उठा इंसान, अक्लमंद, इंकलाब, तोहफा, सरफरोश, बलिदान,औलाद, नजराना,कर्मा, हिम्मत और मेहनत, मिस्टर इंडिया, निगाहें, जोशीले ,गैर क़ानूनी,चालबाज,खुदा गवाह, लम्हे, हीर राँझा, चांदनी, रूप की रानी चोरों का राजा, चंद्रमुखी, चाँद का टुकड़ा,गुमराह,लाडला, आर्मी, जुदाई, हल्ला बोल, इंग्लिश विंग्लिश।
श्रीदेवी का इस तरफ जाना एक धक्का दे गया। दुबई से उनके एक नजदीकी ने फोन पर जानकारी दी तो विश्वास ही नहीं हुआ कि वह अब इस संसार को छोड़कर चली गईं हैं। इस अभिनेत्री ने दुनिया को अपने अभिनय के नाम पर दिया वह कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इस अभिनेत्री की कमी हमेशा खलती रहेगी। जब तक सूरज चांद रहेगा श्रीदेवी तेरा नाम रहेगा। हमारा इस महान अभिनेत्री सलाम।
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