ब्रह्मा जी अपनी बेटी पर क्यों सम्मोहित हो गए थे?
www.bhrigupandit.comब्रह्मा जी अपनी बेटी पर क्यों सम्मोहित हो गए थे?
सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी अपनी बेटी पर सम्मोहित हो गए। उसकी सुंदरता को एकटक देखते ही रह गए। अचानक वह इस तंद्रा से टूटे तो
बोले बेटा दम्भ आपने ऐसा क्यों किया। आपको तो मैंने दुनिया को मोहपाश में बांधने के लिए कहा था और आपने मुझ पर ही अपना प्रयोग कर दिया ऐसा क्यों? दम्भ ने उत्तर दिया, पिता जी आपने मुझे दुनिया को मोह पाश में बांधने को कहा था तो मैंने सोचा कि आप पर ही प्रयोग कर लूं। ऐसा है दम्भ। आज समाज में दम्भियों का बोलबाला है क्योंकि ये बहुत ही चतुर, प्रभावशाली, वाकपटुता में प्रवीण, मीडिया, प्रशाशन को अपने पैसों प्रभाव के बल से खरीद लेते हैं। ये सफेदपोश इतने चालाक होते हैं कि असली को ही रास्ते से हटा देते हैं। लोग इनकी बातों में
आ जाते हैं और इन दम्भियों को भगवान समझ लेते हैं।
एक बार ब्रह्मा जी अपने दरबार में बैठे थे। देखते हैं कि एक सुंदर राजसी आभा वाला युवक तेजी से वहां आ जाता है। ब्रह्माजी उसको देखकर खड़े होकर उसका स्वागत करते हैं,उन्हें ऐसा करते देखकर सभा में बैठे बाकी मंत्री भी खड़े हो जाते हैं। बू्रह्मा जी उससे पूछते हैं कि हे राज युवक आप कौन हैं। वह कुछ न बोलते मुस्करा देता है। ब्रह्मा जी अपनी दिव्य दृष्टि से उसे पहचान लेते हैं कि यह तो उनका बेटा दम्भ है।
दम्भ बोला देखा पिता जी मैं दम्भ आपको भी मोह माया में बांध सकता हूं। ऐसा है इन दम्भियों का आचरण। ये दम्भी हर क्षेत्र में कार्यरत हैं।
पैसे, प्रभाव के बल पर लोगों को आचम्भित कर देते हैं। हमारे यहां भी एक दम्भी है करोड़ों इसके भक्त है,इसको अपना भगवान मानते हैं।
यह किसी के खिलाफ नहीं लेकिन भक्तों को पता ही नहीं चलता कब यह उनके मूल धर्म से उनको उखाढ़ लेता है। राजनीति, मीडिया में इसका पूरा प्रभाव है। लोग इसके झांसे में आक र फिर दोबारा बाहर नहीं निकल पाते। रोटी खाते, काम करते, मित्रों के साथ उठते बैठते ये सिर्फ उसकी ही बातें मनोरोगियों की तरह करते हैं। ऐसे सैकुलर बाबों ने तो धर्म का विनाश करने का पूरा प्लान बनाया है। इनक ा निशाना भोले-भाले हिन्दू ही होते हैं।
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