भारत में सूर्य व चंद्र ग्रहण 2019 के बारे में जानकारी

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वर्ष  2019 में  5 ग्रहण लगने वाले हैं. इसमें से 3 सूर्य ग्रहण होंगे और 2 चंद्र ग्रहण। जनवरी 2019 में सबसे पहले सूर्य ग्रहण लगेगा और उसके 15 दिनों बाद चंद्र ग्रहण लग रहा है।  सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है और ऐसी मान्यता है कि इसका विभिन्न राशियों पर प्रभाव होता है। हिन्दू परंपरा में ग्रहण का महत्वपूर्ण स्थान है।  ग्रहण 2 प्रकार के होते हैं- सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण। सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण भी मुख्यत: 2 प्रकार के होते हैं- खग्रास और खंडग्रास। जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे 'खग्रास' एवं जब ग्रहण कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है, तब उसे 'खंडग्रास' कहा जाता है। ग्रहण का समस्त 12 राशियों पर व्यापक प्रभाव माना जाता है।

वर्ष 2019 में विश्व में 3 ग्रहण होंगे जिनमें मात्र 2 ग्रहण ही भारतवर्ष में देखे जाएंगे।

1. खग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2019 का प्रथम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, जो 2-3 जुलाई 2019 को लगेगा। यह खग्रास सूर्यग्रहण होगा, जो भारत में कहीं भी दृश्यमान नहीं होगा। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इस सूर्यग्रहण के यम-नियम भारत में रहने वाले निवासियों पर प्रभावी नहीं होंगे।

2. खंडग्रास चंद्रग्रहण- भारत में 16 जुलाई को वर्ष 2019 का दूसरा ग्रहण चंद्रग्रहण होगा, जो 16 जुलाई 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं धनु-मकर राशि पर मान्य होगा। ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 1 बजकर 31 मिनट, मध्यकाल रात्रि 3 बजकर 1 मिनट एवं मोक्ष रात्रि 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 58 मिनट का रहेगा। भारत के सभी नगरों में इसका प्रारम्भ, मध्य, तथा मोक्ष रूप देखा जा सकेगा। भारत के सुदूर पूर्वी क्षेत्रों (अरुणआंचल प्रदेश, आसाम, मेघालय,नागालैंड,मिजोरम त्रिपुरा) में इस खंडग्रास चंद्रग्रहण की चंद्र क्रांति निर्मल होने से पहले ही अर्थात  4.30 से 5-49  के मध्य चंद्र अस्त हो जाएगा। अरुणाचल प्रदेश , आसाम के सुदूर पूर्वी सीमावर्ती नगरों में 17 जुलाई को प्रात 4.30 से 3-4 मिनट पहले ही चंद्रास्त होगा वहां यह ग्रहण ग्रस्तास्त हो जाएगा।
3. खंडग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2019 का तीसरा एवं अंतिम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, जो 26  दिसंबर 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा, जो मूल नक्षत्र एवं धनु राशि पर मान्य होगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ही दृश्यमान होगा। जहां यह ग्रहण दृश्यमान होगा, उन क्षेत्रों में ग्रहण के यम-नियम मान्य व प्रभावी होंगे।

ग्रहण का स्पर्शकाल प्रात: 8 बजकर 10 मिनट, मध्यकाल प्रात: 9 बजकर 31 मिनट एवं मोक्ष 10 बजकर 51 मिनट पर होगा। ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 41 मिनट का रहेगा।

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