what are shabar mantra | सिद्ध शाबर मंत्र क्या होते हैं
सिद्ध शाबर मंत्र क्या होते हैं
योगियों ने अपने योग बल से गुप्त साधनाएं की और मंत्रों को सिद्ध किया। तंत्र साधना व वैदिक मंत्रों को तो लिपिवद्ध करके शास्त्रों आदि में रख दिया गया लेकिन कुछ ऐसे भी मंत्र थे जिनको किसी किताब या ग्रंथ में नहीं लिखा गया। ये मंत्र अज्ञात योगियों ने गुरुओं की आज्ञा के अनुसार गुफाओं,कंदराओं में तपस्या करके सिद्ध किए। गुरु गोरखनाथ जी ने भी ऐसी ही कई मंत्र सिद्ध किए। ये मंत्र इतने शक्तिशाली होते थे कि इनके उच्चारण मात्र से ही रास्ते के पत्थर हट जाते थे चूर-चूर हो जाते थे, किसी भी धातु को सोने में बदल देते थे, पानी का बहाव रोक देते थे और बारिश ला देते थे। मंत्र मात्र के उच्चारण से किसी की भी किस्मत का सितारा बुलंद हो जाता था। रंक राजा बन जाता था और राजा रंक बन जाता था। कहते हैं कि चाणक्य जी ने साबर मंत्र को सिद्ध किया था जिसके बल पर वह किसी को भी भारतवर्ष का राजा बनाने का सामर्थय रखते थे। जबतक वह चंद्रगुप्त के साथ थे तब तक कोई भी भारत की तरफ आंख उठाकर न देख सका। किसी भी दुश्मन को धूल में मिलाने की शक्ति रखते हैं शाबर मंत्र।
ये मंत्र इसने अचूक होते हैं कि इनका कोई तोड़ नहीं तुरंत बन जाता है काम।
शक्तिशाली शाबर मंत्र शक्तियों से परिपूर्ण और सिद्ध होते हैं। मंत्रों के केवल उच्चारण से ही व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। ये मंत्र सरल और देसी भाषा में लिखे होते हैं और इनका उच्चारण भी आम भाषा के अनुसार ही किया जाता है | सभी शाबर मंत्र होते तो बहुत ही सरल भाषा में है किन्तु इनका कोई स्पष्ट अर्थ निकले यह जरुरी नहीं होता | इन मंत्रों का असली अर्थ समझना मुश्किल होता है लेकिन ये काम कर जाते हैं। साधु इन्ही मंत्रों से अपने भक्तों का भला करते हैं।
शाबर मंत्रो का जन्म प्रायः सिद्ध साधकों द्वारा ही हुआ है यही कारण है कि मंत्र के समापन पर देवताओं को विकट आन या दुहाई दी जाती है | जिस प्रकार से बच्चे अपने मां-बाप से अपनी बात मनवाने के लिए जमीन पर लेट जाते हैं,चीखते हैं, मनाते हैं इधर-उधर की बातें कहकर पना काम निकाल लेते हैंठीक उसी प्रकार से स्वयं, सिद्ध साधकों ने शास्त्रीय या वेद मन्त्रों का सहारा न लेकर अपनी समस्याओं को अपनी ही भाषा में कहा और मंत्रों को सिद्ध कर लिया। इनको शाबर मंत्र कहा जाने लगा।
सिद्ध शाबर मन्त्रों में इस प्रकार के शब्द देखने को मिलेंगे जैसे :
हनुमान जी की चौकी, राम जी का दरबार, सीता माता की छाया,
पंच देव, पंच कन्या का साथ हर काम हो तुरंत न हो कोई बाधा।
–माता की चौकी, रात का साया माता की सैइया पर धरे –अमुक की दुहाई –गुरु मेरे गोरखनाथ की शक्ति –मेरी भक्ति –अमुक की आन –ॐ नमो आदेश गुरु को –दूध पिया हराम–नमक को न छेड़ूं, धर्म को ना छोड़ू, मिट्टी को सोना, पानी को आग।।
इस प्रकार की प्रण करने वाली या कसम देने वाली बातें शाबर मन्त्रों को ताकतवर बनाती हैं | इस सच्चाई से मुख नहीं मोड़ा जा सकता है कि कभी-कभी शास्त्रीय मन्त्रों के प्रभाव की कमी को ये शाबर मंत्र बड़ी ही सफलता से पूर्ण करते हैं | शाबर मंत्र अपने आप में एक शक्ति, सफलता व स्पष्ट प्रभाव रखते हैं। संभवतः इसी कारण से आज शाबर मंत्र तांत्रिकों के गले की शान बने हुए हैं |
कुछ साधक संस्कृत व अन्य भाषा का उच्चारण नहीं कर पाते लेकिन यदि उनकी भाषा में उन्हें मंत्र दे दिया जाए तो वे आसानी से साधना कर लेते हैं और मजे की बात है कि जिस किसी ने कभी साधना न भी की हो वे भी कामयाब हो जाते हैं। यही है शाबर मंत्रों की शक्ति व रहस्य।
गुरु सबसे अपनी विद्या को छिपा कर रख सकता है लेकिन अपने शिष्य को अपनी तपस्या का फल व अवश्य देता है। भारत में अनेक विद्यायें पायी जाती हैं जो कि यथा समय अपने चमत्कार प्रस्तुत करती रहती हैं | इन्हीं चमत्कारी विद्याओं में से एक विद्या है – सिद्ध शाबर मंत्र | सिद्ध शाबर मन्त्रों के प्रयोग कभी विफल नहीं जाते | इन मंत्रो का प्रयोग करते समय किसी प्रकार की दीक्षा, या गुरु आदि की भी आवश्यकता नहीं होती है | बस मंत्र को प्रयोग करने की विधि का पता होना चाहिए | कोई विद्वान् हो या साधारण जातक सभी को शाबर मंत्र के परिणाम समान मात्रा में प्राप्त होते हैं |
नोट- उक्त जानकारी को निजी तौर पर प्रयोग न करें इसे पाठकों के ज्ञान के लिए सिर्फ जानने मात्र के लिए दिया गया है।
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योगियों ने अपने योग बल से गुप्त साधनाएं की और मंत्रों को सिद्ध किया। तंत्र साधना व वैदिक मंत्रों को तो लिपिवद्ध करके शास्त्रों आदि में रख दिया गया लेकिन कुछ ऐसे भी मंत्र थे जिनको किसी किताब या ग्रंथ में नहीं लिखा गया। ये मंत्र अज्ञात योगियों ने गुरुओं की आज्ञा के अनुसार गुफाओं,कंदराओं में तपस्या करके सिद्ध किए। गुरु गोरखनाथ जी ने भी ऐसी ही कई मंत्र सिद्ध किए। ये मंत्र इतने शक्तिशाली होते थे कि इनके उच्चारण मात्र से ही रास्ते के पत्थर हट जाते थे चूर-चूर हो जाते थे, किसी भी धातु को सोने में बदल देते थे, पानी का बहाव रोक देते थे और बारिश ला देते थे। मंत्र मात्र के उच्चारण से किसी की भी किस्मत का सितारा बुलंद हो जाता था। रंक राजा बन जाता था और राजा रंक बन जाता था। कहते हैं कि चाणक्य जी ने साबर मंत्र को सिद्ध किया था जिसके बल पर वह किसी को भी भारतवर्ष का राजा बनाने का सामर्थय रखते थे। जबतक वह चंद्रगुप्त के साथ थे तब तक कोई भी भारत की तरफ आंख उठाकर न देख सका। किसी भी दुश्मन को धूल में मिलाने की शक्ति रखते हैं शाबर मंत्र।
ये मंत्र इसने अचूक होते हैं कि इनका कोई तोड़ नहीं तुरंत बन जाता है काम।
शक्तिशाली शाबर मंत्र शक्तियों से परिपूर्ण और सिद्ध होते हैं। मंत्रों के केवल उच्चारण से ही व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। ये मंत्र सरल और देसी भाषा में लिखे होते हैं और इनका उच्चारण भी आम भाषा के अनुसार ही किया जाता है | सभी शाबर मंत्र होते तो बहुत ही सरल भाषा में है किन्तु इनका कोई स्पष्ट अर्थ निकले यह जरुरी नहीं होता | इन मंत्रों का असली अर्थ समझना मुश्किल होता है लेकिन ये काम कर जाते हैं। साधु इन्ही मंत्रों से अपने भक्तों का भला करते हैं।
शाबर मंत्रो का जन्म प्रायः सिद्ध साधकों द्वारा ही हुआ है यही कारण है कि मंत्र के समापन पर देवताओं को विकट आन या दुहाई दी जाती है | जिस प्रकार से बच्चे अपने मां-बाप से अपनी बात मनवाने के लिए जमीन पर लेट जाते हैं,चीखते हैं, मनाते हैं इधर-उधर की बातें कहकर पना काम निकाल लेते हैंठीक उसी प्रकार से स्वयं, सिद्ध साधकों ने शास्त्रीय या वेद मन्त्रों का सहारा न लेकर अपनी समस्याओं को अपनी ही भाषा में कहा और मंत्रों को सिद्ध कर लिया। इनको शाबर मंत्र कहा जाने लगा।
सिद्ध शाबर मन्त्रों में इस प्रकार के शब्द देखने को मिलेंगे जैसे :
हनुमान जी की चौकी, राम जी का दरबार, सीता माता की छाया,
पंच देव, पंच कन्या का साथ हर काम हो तुरंत न हो कोई बाधा।
–माता की चौकी, रात का साया माता की सैइया पर धरे –अमुक की दुहाई –गुरु मेरे गोरखनाथ की शक्ति –मेरी भक्ति –अमुक की आन –ॐ नमो आदेश गुरु को –दूध पिया हराम–नमक को न छेड़ूं, धर्म को ना छोड़ू, मिट्टी को सोना, पानी को आग।।
इस प्रकार की प्रण करने वाली या कसम देने वाली बातें शाबर मन्त्रों को ताकतवर बनाती हैं | इस सच्चाई से मुख नहीं मोड़ा जा सकता है कि कभी-कभी शास्त्रीय मन्त्रों के प्रभाव की कमी को ये शाबर मंत्र बड़ी ही सफलता से पूर्ण करते हैं | शाबर मंत्र अपने आप में एक शक्ति, सफलता व स्पष्ट प्रभाव रखते हैं। संभवतः इसी कारण से आज शाबर मंत्र तांत्रिकों के गले की शान बने हुए हैं |
कुछ साधक संस्कृत व अन्य भाषा का उच्चारण नहीं कर पाते लेकिन यदि उनकी भाषा में उन्हें मंत्र दे दिया जाए तो वे आसानी से साधना कर लेते हैं और मजे की बात है कि जिस किसी ने कभी साधना न भी की हो वे भी कामयाब हो जाते हैं। यही है शाबर मंत्रों की शक्ति व रहस्य।
गुरु सबसे अपनी विद्या को छिपा कर रख सकता है लेकिन अपने शिष्य को अपनी तपस्या का फल व अवश्य देता है। भारत में अनेक विद्यायें पायी जाती हैं जो कि यथा समय अपने चमत्कार प्रस्तुत करती रहती हैं | इन्हीं चमत्कारी विद्याओं में से एक विद्या है – सिद्ध शाबर मंत्र | सिद्ध शाबर मन्त्रों के प्रयोग कभी विफल नहीं जाते | इन मंत्रो का प्रयोग करते समय किसी प्रकार की दीक्षा, या गुरु आदि की भी आवश्यकता नहीं होती है | बस मंत्र को प्रयोग करने की विधि का पता होना चाहिए | कोई विद्वान् हो या साधारण जातक सभी को शाबर मंत्र के परिणाम समान मात्रा में प्राप्त होते हैं |
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