डायबिटीज़ और इसके परहेज क्या हैं
डायबिटीज़ और इसके परहेज क्या हैं
ज्यादातर लोगों को काफी देर तक पता ही नहीं चलता कि उन्हें डायबिटीज़ यानि मधुमेय है। यह बीमारी ज्यादातर पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली होती है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन 40 की उम्र पार करने पर इसके होने की सम्भावना ज्यादा हो जाती है। आरामदायक जीवन जीने वाले आलसी लोगों को यह बीमारी जल्दी पकड़ लेती है। शुगर का लेवल शरीर में कम होने या ज्यादा होने से शरीर में परिवर्तन होने लगते हैं। यह बीमारी सबसे ज्यादा गुर्दों पर असर करती है। कम शुगर होने पर सिर दर्द, चक्कर आने लगते हैं और ज्यादा होने पर बेचैनी व रक्ताचाप बढ़ जाता है। इसका सीधा असर गुर्दों पर पड़ना शुरु हो जाता है,समय पर ध्यान न दिया जाए तो गुर्दे फेल हो जाते हैं।
कैसे होती है डायबिटीज़?
हमारे शरीर में शुगर को पचाने के लिए इंसुलिन बनते हैं और जब यह इंसुलिन बनने बंद हो जाते हैं तो शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। आपको खाली पेट सुबह व खाने के 2 घंटे बाद शुगर चैक करवानी चाहिए। आजकल शुगर चैक करने के इलैक्ट्रोनिक इंट्रूमैंट घर पर ही रखे जा सकते हैं और शुगर चैक करवाई जा सकती है। पहले डाक्टर से चैक करवाना चाहिए वह आपको बताएगा कि आपको किसी तरह की शूगर है,इसके बाद वह आपका निरीक्षण करने के बाद आपको दवाइयां लिख कर देगा जो आपको रैगुलर तौर पर खानी होती हैं।
आगे हम जानते हैं कि डायबिटीज़ के मरीजों को किस तरह के डाइट चार्ट का पालन करना चाहिए।
डायबिटीज़ (मधुमेह) के लिए भारतीय आहार चार्ट-
जब किसी को पता चलता है कि उसे डायबिटीज़ है तो वह परेशान हो जाता है। उसे लगने लगता है कि अब वह जल्दी मर जाएगा लेकिन उसे घबराना नहीं चाहिए। परहेज के साथ व दवाइयां समय पर खाते रहने से वह पूरा जीवन जी सकता है। बस खानपान में सावधानी व हल्का व्याया रोज करने से कोई परेशानी नहीं होती। मरीज को सलाद का सेवन ज्यादा करना चाहिए, पानी ज्यादा पीना चाहिए, भोजन कम कैलोरी वाला व संतुलित खाना चाहिए,जरूरत से ज्यादा खाना एक बार ही नहीं खाना चाहिए, थोड़ा-थोड़ा खाना खाते रहना चाहिए। फल वे खाने चाहिए जिसमें शुगर कम हो जैसे अमरूद, पपीता, बेर, जामुन आदि। एक दिन में 1200 से 1600 तक कैलोरी भोजन खाना चाहिए जिसमें वसा,प्रोटीन व कार्बोहाईड्रेट हों। सुबह गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। आपको चाय बिना चीनी के लेनी चाहिए या शुगर फ्री गोलियों को चाय में मिला सकते हैं,चाय के साथ एक या दो बिस्कुट या रस ले सकते हैं। सुबह नाश्ते में एक कटोरी नमकीन दलिया या दो परांठे या 2 उबले अंडे बिना जर्दी के या 2 पीस ब्राऊन ब्रैड या एक कटोरी दही ले सकते हैं। करेला व मेथी का सेवन जरूर करें ये डायबिटीज़ के लिए रामबाण औषधियां भी हैं।
एक कप/कटोरी दूध में गेंहू का दलिया (वीट फ्लेक्स) मिलाकर खाएं। इन सभी के साथ आप कम से कम एक फल ज़रूर खाएं (सेब, केला, अमरूद, संतरा)
ब्रंच ( नाश्ता और दोपहर के खाने के बीच का समय) खीरा, टमाटर, गाजर और चुकंदर मिलाकर एक सलाद बनाएं और इसमें स्वाद के लिए नींबू का रस, धनिया पत्ता और पुदीने के पत्ते डाल लें। अगर आप कच्ची सब्ज़ी खाना पसंद नहीं करते, तो सभी सब्ज़ियों को उबालकर, उसमें चुटकीभर नमक, काली मिर्च और थोड़ा मक्खन मिलाकर सूप भी पी सकते हैं।
दोपहर- दो मध्यम आकार की रोटियों के साथ राजमा, छोले या सब्ज़ी की करी ले सकते हैं। आप गाजर, फूलगोभी, शिमला मिर्च, बैंगन या भिंडी मिलाकर वेज सब्ज़ी बना सकते हैं। मछली को बेक उसका एक टुकड़ा ले सकते हैं।
शाम का नाश्ता बिना चीनी या शुगर फ्री मिली ग्रीन टी पी सकते हैं। इसके अलावा, एक कटोरी भेलपूरी या बेक स्नैक्स भी खा सकते हैं।
रात का खाना दो माध्यम आकार की रोटी, कोई भी एक सब्ज़ी करी (आप सब्ज़ी करी बनाने में लौकी, बैंगन व शिमला मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं )। जड़ वाली साग सब्ज़ियों स परहेज करना चाहिए। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में चुटकीभर हल्दी मिलाकर ज़रूर पिएं। इसके अलावा, रायता या छाछ पी सकते हैं।
दक्षिण भारतीय लोग सुबह ब्लैक कॉफी और दो डायजेस्टिव बिस्किट या ग्रीन टी में शहद और नींबू मिलाकर पिएं (आप चाहे तो बाज़ार में उपलब्ध शहद व नींबू वाली ग्रीन टी भी ले सकते हैं)।
नाश्ता दो से तीन इडली के साथ सांभर और चटनी (नमक का इस्तेमाल कम करें ) या फिर दो डोसा के साथ सांभर और चटनी (नमक का इस्तेमाल कम करें)। इसके अलावा, एक कटोरी उपमा और चटनी खा सकते हैं।
अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि मधुमेह होने पर किन-किन चीज़ों से परहेज करना चाहिए।
एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को किसी भी समय का आहार छोड़ना नहीं चाहिए। दिनभर में तीन वक़्त का खाना, तो ज़रूर खाना चाहिए। इसके अलावा, जब भी खाएं, तो एक बार में ज़्यादा न खाकर हर थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें। ज़्यादा चीनी युक्त भोजन से दूर रहें ।
हरी सब्ज़ियां जैसे – पालक, मटर, शिमला मिर्च, लौकी, प्याज, लहसुन व बैंगन आदि का सेवन कर सकते हैं। इससे आपके शरीर में शुगर की मात्रा संतुलित रहेगी।
फल – मधुमेह के मरीज़ों के लिए ताज़े फलों का सेवन भी काफ़ी फायदेमंद है। आप मधुमेह में केला, संतरा व कीवी जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं। हमेशा याद रखें कि मधुमेह के लिए फल (कुछ चुनिंदा फल) अमृत का काम करते हैं।
आप कम फैट वाला दूध, दही या सीमित मात्रा में चीज़ का सेवन कर सकते हैं। इनके अलावा, आप बिना नमक के पॉपकॉर्न, मक्खन व डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा खा सकते हैं।
डायबिटीज़ (मधुमेह) में क्या नहीं खाना चाहिए
शीतलपेयों से दूर रहें, नमक कम खाएं, चीनी का सेवन न करें, ज्यादा कॉफी न पीएं, तली हुई चीजों से परहेज करें। हल्का व्यायाम करना चाहिए।
व्यायाम और योगासन भी काफ़ी महत्वपूर्ण है।
हर रोज़ सुबह जॉगिंग या दौड़ें, इससे आप तंदरुस्त रहेंगे।
साइकिल चलाना – आप चाहें, तो साइकिल चलाने का भी आनंद ले सकते हैं। इससे न सिर्फ आपकी बचपन की यादें ताज़ा होंगी, बल्कि आप स्वस्थ भी रहेंगे।
सुबह-शाम टहलना – अगर आपको व्यायाम करना नहीं पसंद या आप जिम नहीं जा सकते, तो सबसे बेहतर होगा कि सुबह और शाम टहलने ज़रूर जाएं।
डांस – यह न सिर्फ़ एक अच्छा व्यायाम है, बल्कि एक कला भी है। नाचने से न सिर्फ़ आपकी कैलोरी कम होगी, बल्कि आपको अपने अंदर एक कला का अनुभव भी होगा।
आप बालासन, धनुरासन, चक्रासन जैसे योग कर सकते हैं।
नाश्ता बिल्कुल न छोड़ें, क्योंकि नाश्ता महत्वपूर्ण आहार होता है। इससे हम न सिर्फ़ शारीरिक, बल्कि मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रहते हैं। नाश्ता करने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है और आपका वज़न भी संतुलित रहता है।
डिटॉक्स पेय पदार्थ जैसे :- नींबू पानी का सेवन करें।
घबराने की जरूरत नहीं बस थोड़ी सी सावधानी व परहेज से आप अपनी पूरी जिंदगी आराम से गुजार सकते हैं। मधुमेह में आहार का ख़ासतौर पर ध्यान रखें, सही आहार चार्ट का पालन करें और अपने अनुभव कमेंट में ज़रूर शेयर करें।
ज्यादातर लोगों को काफी देर तक पता ही नहीं चलता कि उन्हें डायबिटीज़ यानि मधुमेय है। यह बीमारी ज्यादातर पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली होती है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन 40 की उम्र पार करने पर इसके होने की सम्भावना ज्यादा हो जाती है। आरामदायक जीवन जीने वाले आलसी लोगों को यह बीमारी जल्दी पकड़ लेती है। शुगर का लेवल शरीर में कम होने या ज्यादा होने से शरीर में परिवर्तन होने लगते हैं। यह बीमारी सबसे ज्यादा गुर्दों पर असर करती है। कम शुगर होने पर सिर दर्द, चक्कर आने लगते हैं और ज्यादा होने पर बेचैनी व रक्ताचाप बढ़ जाता है। इसका सीधा असर गुर्दों पर पड़ना शुरु हो जाता है,समय पर ध्यान न दिया जाए तो गुर्दे फेल हो जाते हैं।
कैसे होती है डायबिटीज़?
हमारे शरीर में शुगर को पचाने के लिए इंसुलिन बनते हैं और जब यह इंसुलिन बनने बंद हो जाते हैं तो शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। आपको खाली पेट सुबह व खाने के 2 घंटे बाद शुगर चैक करवानी चाहिए। आजकल शुगर चैक करने के इलैक्ट्रोनिक इंट्रूमैंट घर पर ही रखे जा सकते हैं और शुगर चैक करवाई जा सकती है। पहले डाक्टर से चैक करवाना चाहिए वह आपको बताएगा कि आपको किसी तरह की शूगर है,इसके बाद वह आपका निरीक्षण करने के बाद आपको दवाइयां लिख कर देगा जो आपको रैगुलर तौर पर खानी होती हैं।
आगे हम जानते हैं कि डायबिटीज़ के मरीजों को किस तरह के डाइट चार्ट का पालन करना चाहिए।
डायबिटीज़ (मधुमेह) के लिए भारतीय आहार चार्ट-
जब किसी को पता चलता है कि उसे डायबिटीज़ है तो वह परेशान हो जाता है। उसे लगने लगता है कि अब वह जल्दी मर जाएगा लेकिन उसे घबराना नहीं चाहिए। परहेज के साथ व दवाइयां समय पर खाते रहने से वह पूरा जीवन जी सकता है। बस खानपान में सावधानी व हल्का व्याया रोज करने से कोई परेशानी नहीं होती। मरीज को सलाद का सेवन ज्यादा करना चाहिए, पानी ज्यादा पीना चाहिए, भोजन कम कैलोरी वाला व संतुलित खाना चाहिए,जरूरत से ज्यादा खाना एक बार ही नहीं खाना चाहिए, थोड़ा-थोड़ा खाना खाते रहना चाहिए। फल वे खाने चाहिए जिसमें शुगर कम हो जैसे अमरूद, पपीता, बेर, जामुन आदि। एक दिन में 1200 से 1600 तक कैलोरी भोजन खाना चाहिए जिसमें वसा,प्रोटीन व कार्बोहाईड्रेट हों। सुबह गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। आपको चाय बिना चीनी के लेनी चाहिए या शुगर फ्री गोलियों को चाय में मिला सकते हैं,चाय के साथ एक या दो बिस्कुट या रस ले सकते हैं। सुबह नाश्ते में एक कटोरी नमकीन दलिया या दो परांठे या 2 उबले अंडे बिना जर्दी के या 2 पीस ब्राऊन ब्रैड या एक कटोरी दही ले सकते हैं। करेला व मेथी का सेवन जरूर करें ये डायबिटीज़ के लिए रामबाण औषधियां भी हैं।
एक कप/कटोरी दूध में गेंहू का दलिया (वीट फ्लेक्स) मिलाकर खाएं। इन सभी के साथ आप कम से कम एक फल ज़रूर खाएं (सेब, केला, अमरूद, संतरा)
ब्रंच ( नाश्ता और दोपहर के खाने के बीच का समय) खीरा, टमाटर, गाजर और चुकंदर मिलाकर एक सलाद बनाएं और इसमें स्वाद के लिए नींबू का रस, धनिया पत्ता और पुदीने के पत्ते डाल लें। अगर आप कच्ची सब्ज़ी खाना पसंद नहीं करते, तो सभी सब्ज़ियों को उबालकर, उसमें चुटकीभर नमक, काली मिर्च और थोड़ा मक्खन मिलाकर सूप भी पी सकते हैं।
दोपहर- दो मध्यम आकार की रोटियों के साथ राजमा, छोले या सब्ज़ी की करी ले सकते हैं। आप गाजर, फूलगोभी, शिमला मिर्च, बैंगन या भिंडी मिलाकर वेज सब्ज़ी बना सकते हैं। मछली को बेक उसका एक टुकड़ा ले सकते हैं।
शाम का नाश्ता बिना चीनी या शुगर फ्री मिली ग्रीन टी पी सकते हैं। इसके अलावा, एक कटोरी भेलपूरी या बेक स्नैक्स भी खा सकते हैं।
रात का खाना दो माध्यम आकार की रोटी, कोई भी एक सब्ज़ी करी (आप सब्ज़ी करी बनाने में लौकी, बैंगन व शिमला मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं )। जड़ वाली साग सब्ज़ियों स परहेज करना चाहिए। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में चुटकीभर हल्दी मिलाकर ज़रूर पिएं। इसके अलावा, रायता या छाछ पी सकते हैं।
दक्षिण भारतीय लोग सुबह ब्लैक कॉफी और दो डायजेस्टिव बिस्किट या ग्रीन टी में शहद और नींबू मिलाकर पिएं (आप चाहे तो बाज़ार में उपलब्ध शहद व नींबू वाली ग्रीन टी भी ले सकते हैं)।
नाश्ता दो से तीन इडली के साथ सांभर और चटनी (नमक का इस्तेमाल कम करें ) या फिर दो डोसा के साथ सांभर और चटनी (नमक का इस्तेमाल कम करें)। इसके अलावा, एक कटोरी उपमा और चटनी खा सकते हैं।
अगले भाग में आप पढ़ेंगे कि मधुमेह होने पर किन-किन चीज़ों से परहेज करना चाहिए।
एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को किसी भी समय का आहार छोड़ना नहीं चाहिए। दिनभर में तीन वक़्त का खाना, तो ज़रूर खाना चाहिए। इसके अलावा, जब भी खाएं, तो एक बार में ज़्यादा न खाकर हर थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें। ज़्यादा चीनी युक्त भोजन से दूर रहें ।
हरी सब्ज़ियां जैसे – पालक, मटर, शिमला मिर्च, लौकी, प्याज, लहसुन व बैंगन आदि का सेवन कर सकते हैं। इससे आपके शरीर में शुगर की मात्रा संतुलित रहेगी।
फल – मधुमेह के मरीज़ों के लिए ताज़े फलों का सेवन भी काफ़ी फायदेमंद है। आप मधुमेह में केला, संतरा व कीवी जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं। हमेशा याद रखें कि मधुमेह के लिए फल (कुछ चुनिंदा फल) अमृत का काम करते हैं।
आप कम फैट वाला दूध, दही या सीमित मात्रा में चीज़ का सेवन कर सकते हैं। इनके अलावा, आप बिना नमक के पॉपकॉर्न, मक्खन व डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा खा सकते हैं।
डायबिटीज़ (मधुमेह) में क्या नहीं खाना चाहिए
शीतलपेयों से दूर रहें, नमक कम खाएं, चीनी का सेवन न करें, ज्यादा कॉफी न पीएं, तली हुई चीजों से परहेज करें। हल्का व्यायाम करना चाहिए।
व्यायाम और योगासन भी काफ़ी महत्वपूर्ण है।
हर रोज़ सुबह जॉगिंग या दौड़ें, इससे आप तंदरुस्त रहेंगे।
साइकिल चलाना – आप चाहें, तो साइकिल चलाने का भी आनंद ले सकते हैं। इससे न सिर्फ आपकी बचपन की यादें ताज़ा होंगी, बल्कि आप स्वस्थ भी रहेंगे।
सुबह-शाम टहलना – अगर आपको व्यायाम करना नहीं पसंद या आप जिम नहीं जा सकते, तो सबसे बेहतर होगा कि सुबह और शाम टहलने ज़रूर जाएं।
डांस – यह न सिर्फ़ एक अच्छा व्यायाम है, बल्कि एक कला भी है। नाचने से न सिर्फ़ आपकी कैलोरी कम होगी, बल्कि आपको अपने अंदर एक कला का अनुभव भी होगा।
आप बालासन, धनुरासन, चक्रासन जैसे योग कर सकते हैं।
नाश्ता बिल्कुल न छोड़ें, क्योंकि नाश्ता महत्वपूर्ण आहार होता है। इससे हम न सिर्फ़ शारीरिक, बल्कि मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रहते हैं। नाश्ता करने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है और आपका वज़न भी संतुलित रहता है।
डिटॉक्स पेय पदार्थ जैसे :- नींबू पानी का सेवन करें।
घबराने की जरूरत नहीं बस थोड़ी सी सावधानी व परहेज से आप अपनी पूरी जिंदगी आराम से गुजार सकते हैं। मधुमेह में आहार का ख़ासतौर पर ध्यान रखें, सही आहार चार्ट का पालन करें और अपने अनुभव कमेंट में ज़रूर शेयर करें।
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