होली के त्यौहार के खिलाफ प्रोपैगंडा- ब्रेकिंग इंडिया फोर्सिस
होली के त्यौहार के खिलाफ प्रोपैगंडा- ब्रेकिंग इंडिया फोर्सिस
हिन्दुओं के त्यौहार ऐसे हैं जिसमें हर वर्ग का व्यक्ति एकता का परिचय देते हुए इन्हें पूरे जोश से मनाता है। इनमें होली का भी त्यौहार है, पहले तो वामपंथी, हजादी व सैकुलर हिन्दुओं को फंडिग की जाती है कि वे इसे एक दूषित त्यौहार के बारे में प्रचारित करें। वे रंगों को जहरीला बताते हैं कि इनको लगाने से एलर्जी व कैंसर हो जाता है। भय का पूरा वातावरण बनाने का प्रयास किया जाता है।
इसके बाद इसे महिला शोषण से भी जोड़ा जाता है जिसमें होलिका को दलित बताया जाता है और इसे बैन करवाने की बात कही जाती है, इसे ब्राहमणों का दलितों के प्रति अत्याचार भी बताया जाता है। होली से पहले एक दलित नेत्री का वीडियो बहुत वायरल हुआ था जिसमें वह इसे दलितों को मनाने से मना करती इसे महिला शोषण से जोड़ती नजर आती है।
इसके पीछे पर्दे के पीछे मिशनरियों का किसी के कंधे पर रख कर बंदूक चलाने की साजिश साफ होती है। त्यौहार एकता का सूत्र हैं जिन्हें हर हिन्दू को किसी भी हालत में मनाना चाहिए और इसे तन,मन,धन से प्रचारित भी करना चाहिए। यदि कोई उनके किसी भी त्यौहार के खिलाफ बोलता है तो उसे तुरंत उत्तर देना चाहिए। वैसी ही होली खेलनी है जैसी श्याम खेलते थे, अबीर, गुलाल व रंगों की पिचकारी। होली एक सांस्कृतिक पहचान भी है इसे सहेजना हर भारतीय का परम कर्त्वय है।
हिन्दुओं के त्यौहार ऐसे हैं जिसमें हर वर्ग का व्यक्ति एकता का परिचय देते हुए इन्हें पूरे जोश से मनाता है। इनमें होली का भी त्यौहार है, पहले तो वामपंथी, हजादी व सैकुलर हिन्दुओं को फंडिग की जाती है कि वे इसे एक दूषित त्यौहार के बारे में प्रचारित करें। वे रंगों को जहरीला बताते हैं कि इनको लगाने से एलर्जी व कैंसर हो जाता है। भय का पूरा वातावरण बनाने का प्रयास किया जाता है।
इसके बाद इसे महिला शोषण से भी जोड़ा जाता है जिसमें होलिका को दलित बताया जाता है और इसे बैन करवाने की बात कही जाती है, इसे ब्राहमणों का दलितों के प्रति अत्याचार भी बताया जाता है। होली से पहले एक दलित नेत्री का वीडियो बहुत वायरल हुआ था जिसमें वह इसे दलितों को मनाने से मना करती इसे महिला शोषण से जोड़ती नजर आती है।
इसके पीछे पर्दे के पीछे मिशनरियों का किसी के कंधे पर रख कर बंदूक चलाने की साजिश साफ होती है। त्यौहार एकता का सूत्र हैं जिन्हें हर हिन्दू को किसी भी हालत में मनाना चाहिए और इसे तन,मन,धन से प्रचारित भी करना चाहिए। यदि कोई उनके किसी भी त्यौहार के खिलाफ बोलता है तो उसे तुरंत उत्तर देना चाहिए। वैसी ही होली खेलनी है जैसी श्याम खेलते थे, अबीर, गुलाल व रंगों की पिचकारी। होली एक सांस्कृतिक पहचान भी है इसे सहेजना हर भारतीय का परम कर्त्वय है।
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