क्यों इतना खतरनाक है करोना वायरस
क्यों इतना खतरनाक है करोना वायरस
why corona virus is so dangerous- करोना वायरस को विश्व महामारी घोषित किया जा चुका है। करोना का अभी तक कोई उपचार नहीं है। यदि प्रथम स्टेज में रोगी पकड़ में आ जाता है तो उसके बचने के चांस 50 प्रतिशत हैं लेकिन इसके अगले चरणों में उसकी मौत तो पक्की है, साथ ही वह जिनके भी सम्पर्क में आता है उसको भी ग्रसित कर सकता है। यदि अस्पताल में उसके उपचार की शुरुआत होती है तो खर्च 5 लाख से 20 लाख तक पहुंच सकता है और फिर भी बचने की कोई गारंटी नहीं है। भारत जैसे देश में यदि किसी महानगर में 10 मरीज भी करोना से ग्रसित होते हैं तो यह सारे महानगर की आर्थिक व्यवस्था को धड़ाम कर सकते हैं क्योंकि ऐसे मरीजों का उपचार सरकार के बस में भी नहीं है। केवल 10 मरीज ही एक लाख लोगों को सिर्फ 3 दिनों में संक्रमित कर सकते हैं, सोचिए क्या होगा।
किसी भी महानगर में सारे अस्पतालों को मिला भी लिया जाए तो केवल 2000 मरीजों का ही अस्पतालों में उपचार हो सकता है, इससे आगे न तो मैडिकल सुविधाएं हैं और न ही डाक्टर। ऐसा ही इटली व स्पेन जैसे देशों में हुआ, मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बड़ी कि सबकुछ धड़ाम हो गया। सरकार, डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। लोगों को आक्सीजन भी उपलब्ध नहीं और आंखों के सामने लोग तिल-तिल कर मर रहे हैं। इटली में 5 डाक्टरों की भी मौत करोना वायरस से हो चुकी है। 5 हजार लोग इटली में मारे जा चुके हैं, सब तरफ हाहाकार मचा है।
भारतीयों की समाजिक जिम्मेदारी- भारत के लोगों ने इसे सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए, लॉकडाऊन का सख्ती से पालन करना है क्योंकि बचाव ही इसका सबसे बढ़िया तरीका है। सोशल कांटैक्ट से बचें और इसका सख्ती से पालन करें क्योंकि भारतीयों की जान का मामला है।
why corona virus is so dangerous- करोना वायरस को विश्व महामारी घोषित किया जा चुका है। करोना का अभी तक कोई उपचार नहीं है। यदि प्रथम स्टेज में रोगी पकड़ में आ जाता है तो उसके बचने के चांस 50 प्रतिशत हैं लेकिन इसके अगले चरणों में उसकी मौत तो पक्की है, साथ ही वह जिनके भी सम्पर्क में आता है उसको भी ग्रसित कर सकता है। यदि अस्पताल में उसके उपचार की शुरुआत होती है तो खर्च 5 लाख से 20 लाख तक पहुंच सकता है और फिर भी बचने की कोई गारंटी नहीं है। भारत जैसे देश में यदि किसी महानगर में 10 मरीज भी करोना से ग्रसित होते हैं तो यह सारे महानगर की आर्थिक व्यवस्था को धड़ाम कर सकते हैं क्योंकि ऐसे मरीजों का उपचार सरकार के बस में भी नहीं है। केवल 10 मरीज ही एक लाख लोगों को सिर्फ 3 दिनों में संक्रमित कर सकते हैं, सोचिए क्या होगा।
किसी भी महानगर में सारे अस्पतालों को मिला भी लिया जाए तो केवल 2000 मरीजों का ही अस्पतालों में उपचार हो सकता है, इससे आगे न तो मैडिकल सुविधाएं हैं और न ही डाक्टर। ऐसा ही इटली व स्पेन जैसे देशों में हुआ, मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बड़ी कि सबकुछ धड़ाम हो गया। सरकार, डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। लोगों को आक्सीजन भी उपलब्ध नहीं और आंखों के सामने लोग तिल-तिल कर मर रहे हैं। इटली में 5 डाक्टरों की भी मौत करोना वायरस से हो चुकी है। 5 हजार लोग इटली में मारे जा चुके हैं, सब तरफ हाहाकार मचा है।
भारतीयों की समाजिक जिम्मेदारी- भारत के लोगों ने इसे सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए, लॉकडाऊन का सख्ती से पालन करना है क्योंकि बचाव ही इसका सबसे बढ़िया तरीका है। सोशल कांटैक्ट से बचें और इसका सख्ती से पालन करें क्योंकि भारतीयों की जान का मामला है।
Comments
Post a Comment