शुद्ध तथा शुभ विवाह मुहूर्त्त mahurat 2020-

शुद्ध  तथा शुभ विवाह मुहूर्त्त mahurat  2020-


मुहूर्तों का क्या मह्त्व है-
 mahurat- विश्व हर घट रही घटना का एक समय है जैसे सूर्य समय पर उगता है, पृथ्वी सूर्य के गिर्द निश्चित परिधि में समय पर घूम रही है और चंद्रमा पृथ्वी के गिर्द  घूम रहा है। इस प्रकार समय के नियमों पर आधारित सारी सृष्टि में सारे काम समय के नियम से बंधे हैं। किसान अपने खेतों में बीज जब बोता है तो वह ठीक उसी समय पर बोता जब उसका मौसम व तिथि होती है। यदि वह उस माह की तिथी में जब बीज खेत में डालना हो, थोड़ा सा भी आगे पीछे हो जाए तो फसल खराब हो सकती है। वह परम्परा से तिथी को सामने रख कर ही बीज खेतों में डालता है। जैसे ही सूर्योदय होता है जो जीव घोंसले से निकल आते हैं और फिर अस्त होने पर निशाचर जीव सर्किय हो जाते हैं। सूरजमुखी का पौधा का फूल सूर्य की तरफ ही रहता है, पौधों में भोजन बनाने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है। सब कुछ समय से बंधा है। मां के पेट में बच्चा 9 मास रहता है पहले आ जाए तो परेशानी बाद में आए तो परेशानी। इसी प्रकार मानव भी चाहता है कि उसका जीवन सुख पूर्वक हो जब वह किसी भी महत्वपूर्ण फैसले को लेता है तो देखता है कि उसके लिए कौन सा समय ठीक है, शुभ है यही मुहूर्त कहलाता है। आप जब किसी काम का समय नियत करते हैं और उसके बारे में ज्योतिषी से सलाह लेकर काम करते हैं तो इसे शुभ मुहूर्त कहा जाता है। यदि आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई तिथि रखते हैं वह भी एक तरह का मुर्हूत तो होता है लेकिन यह आपकी सुविधा के अनुसार ही होता है।
शुभ विवाह मुहूर्त 2020 में : हिन्दू धर्म में मुख्य रूप से 16 संस्कारों का बहुत ही महत्व है। इन्हीं सोलह संस्कारों में से एक पवित्र संस्कार विवाह भी  है। ये सारे संस्कार बच्चे के गर्भ में आने से ही शुरु हो जाते हैं। इस संसार से कूच कर जाने पर अंतिम संस्कार किए जाते हैं।  हम आपको विवाह के 2020 में आने वाले शुभ मुहूर्तों के बारे में विस्तार से बताएंगे। ये सारे मुहूर्त स्थानीय पंचाग की मदद से तैयार किए गए हैं। इनमें हिन्दू धर्मशास्त्रों में कुछ जरूरी बिंदुओं का वर्णन किया गया है। ये बिन्दू जीवन के मुख्य तथ्यों को विस्तार से बताते हैं और साथ ही में ज्योतिषीय, धार्मिक और वैज्ञानिक अर्थ भी प्रदान करते हैं। साल 2020 में हिन्दू विवाह मुहूर्त की तिथि, दिन, नक्षत्र और मुहूर्त की अवधि नीचे दिए विवाह मुहूर्त 2020 की सूची में बताई गई  है। पाठत विवाह संस्कार 2020 के बारे में और भी अन्य जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि विवाह मुहूर्त 2020 क्यों महत्वपूर्ण है, और विवाह संस्कार के दौरान कौन-कौन से प्रमुख अनुष्ठान किये जाते हैं।
सांकेतिक शब्दों का विवरण- 1 को मेष, 2 को वृष, 3 को मिथुन, 4 को कर्क, 5 को सिंह, 6 को कन्या, 7 को तुला, 8 को वृश्चिक, 9 को धनु, 10 को मकर, 11 को कुम्भ व 12 के अंक को मीन लिया जाए।
दिन लग्न- दिन का समय, रा. ल.- रात्रि का लगन
चंद्र दान- अर्थात इस विवाह लग्न में चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान व पूजा करके विवाह कर सकते हैं। इस प्रकार बुध दान व मंगल दान आदि को भी लिया जाए।
आवश्के-लग्न निर्बल है, इसलिए बहुत ही जरूरी हो तभी इसी लग्न में विवाह किया जा सकता है।
पादवेध- अर्थात विवाह लग्न के समय नक्षत्रचरण को शुभ ग्रह का का वेध है।
नोट करें- विवाह मुहूर्तों में दी गई अंग्रेजी तारीख सूर्योदकालिक है जहां मुहूर्तकाल (लग्न) रात्रि 12 बजे के बाद तथा सूर्योदय से पहले का हो वहां अंग्रेजी तारीख अग्रिम मानी जाएगी।

muhurat- Vivah Muhurat 2020

हिन्दू विवाह मुहूर्त 2020 की सूची
दिनांक दिन मास-तिथि नक्षत्र         समय
15 जनवरी बुध माघ कृ. पंचमी उ.फाल्गुन 07:15-21:12|23:36-25:42
16 जनवरी गुरु माघ कृ. षष्ठी हस्त चित्रा 25:19-26:30 26:30-31:15
17 जनवरी शुक्र माघ कृ. सप्तमी चित्रा स्वाती07:15-25:12 25:12-31:12
18 जनवरी शनि माघ कृ. नवमी स्वाति 07:15-12:25|18:28-24:15
19 जनवरी रवि माघ कृ. दशमी अनुराधा 26:51-31:15
20 जनवरी सोम माघ कृ. एकादशी अनुराधा 07:15-23:16
26 जनवरी रवि माघ शु. द्वितीया धनिष्ठा 26:24-30:48
29 जनवरी बुध माघ शु. चतुर्थी उ.भाद्रपद 12:13-31:11
30 जनवरी गुरु माघ शु. पंचमी उ.भाद्रपद रेवती 07:11-15:12 15:12-31:10
31 जनवरी शुक्र माघ शु. षष्ठी रेवती अश्विनी 07:10-17:22 18:58-31:10
1 फरवरी शनि माघ शु. सप्तमी अश्विनी 07:10-18:11
3 फरवरी सोम माघ शु. नवमी रोहिणी 24:52-31:08
4 फरवरी मंगल माघ शु. दशमी रोहिणी 07:08-25:49
9 फरवरी रवि माघ पूर्णिमा मघा 20:31-31:04
10 फरवरी सोम फाल्गुन कृ. प्रतिपदा मघा 070:4-11:31|13:55-17:06
11 फरवरी मंगल फाल्गुन कृ. तृतीया उ.फाल्गुन 14:23-15:35
14 फरवरी शुक्र फाल्गुन कृ. षष्ठी स्वाति 13:03-14:48
15 फरवरी शनि फाल्गुन कृ. सप्तमी अनुराधा 29:09-30:59
16 फरवरी रवि फाल्गुन कृ. अष्टमी अनुराधा 06:59-11:48|15:24-28:53
25 फरवरी मंगल फाल्गुन शु. द्वितीया उ.भाद्रपद 19:10-30:50
26 फरवरी बुध फाल्गुन शु. तृतीया उ.भाद्रपद रेवती 06:50-22:08 22:08-30:49
27 फरवरी गुरु फाल्गुन शु. चतुर्थी रेवती 06:49-17:29
28 फरवरी शुक्र फाल्गुन शु. पंचमी अश्विनी 06:48-15:24|20:22-28:03
10 मार्च मंगल चैत्र कृ. प्रतिपदा हस्त 22:01-30:35
11 मार्च बुध चैत्र   कृ. द्वितीया हस्त 06:35-19:00
15 अप्रैल   बुध   वैशाख   उ.षा.                      प्रात: 9:08 तक मृत्युबाण दोष, दिन लग्न 2 (9:08 बाद) 5 (चंद्र दान), 6 (बुध दान), गुरु युति परिहार
16 अप्रैल गुरु वैशाख कृ. नवमी धनिष्ठा 23:06-29:54  राहू लग्न 8, 11 (चंद्र दान), 12 (बुध-शुक्र-राहु दान)
17 अप्रैल शुक्र वैशाख कृ. दशमी उ.भाद्रपद 05:54-07:05| 20:04-25:36
25 अप्रैल शनि वैशाख शु. द्वितीया रोहिणी 20:57-29:45
26 अप्रैल रवि वैशाख शु. तृतीया रोहिणी    05:45-22:56
1 मई शुक्र वैशाख शु. अष्टमी मघा    25:53-29:40
2 मई शनि वैशाख शु. नवमी मघा 05:40-09:03|14:05-23:40
4 मई सोम वैशाख शु. एकादशी उ.फाल्गुनी हस्त 08:57-19:19 19:19-28:44
5 मई मंगल वैशाख शु. त्रयोदशी हस्त 05:56-16:39
6 मई बुध वैशाख शु. चतुर्दशी चित्रा चित्रा 05:36-13:51 1:351-19:45
15 मई शुक्र ज्येष्ठ कृ. अष्टमी धनिष्ठा 05:30-08:29
17 मई रवि ज्येष्ठ कृ. दशमी उ.भाद्रपद 13:58-27:32
18 मई सोम ज्येष्ठ कृ. एकादशी उ.भाद्रपद रेवती 05:19-16:58 16:58-28:29
19 मई मंगल ज्येष्ठ कृ. द्वादशी रेवती 05:28-17:32
23 मई शनि ज्येष्ठ शु. प्रतिपदा रोहिणी 24:17-28:51
11 जून गुरु आषाढ़ कृ. षष्ठी धनिष्ठा 11:28-16:35
15 जून सोम आषाढ़ कृ. दशमी रेवती 05:23-16:31
17 जून बुध आषाढ़ कृ. एकादशी अश्विनी 05:23-06:04
27 जून शनि आषाढ़ शु. सप्तमी उ.फाल्गुनी 23:07-26:54
29 जून सोम आषाढ़ शु. नवमी चित्रा 07:14-29:22
30 जून मंगल आषाढ़ शु. दशमी चित्रा 05:27-05:39
27 नवंबर शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी अश्विनी 08:28-24:22
29 नवंबर रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी रोहिणी 30:03-30:56
30 नवंबर सोम कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी 06:56-30:57
1 दिसंबर मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा रोहिणी 06:57-08:30
7 दिसंबर सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी मघा 07:40-14:32
9 दिसंबर बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी हस्त 12:32-26:08
10 दिसंबर गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी चित्रा 12:52-31:04
11 दिसंबर 2020 शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी चित्रा 07:04-08:48

 विवाह मुहूर्त 2020 : पंचांग में शुभ दिन, वार, मुहूर्त तथा नक्षत्र
वर्ष 2020 में विवाह के लिए सबसे शुभ मुहूर्त उस समय माना जाएगा बनेगा जब सूर्य मेष, वृषभ, वृश्चिक और कुम्भ राशियों में गोचर करेगा। इसके इलावा, जब सूर्य कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु और मीन राशि में गोचर करेगा तो उस दौरान विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं माना जाएगा। वर्ष 2020 में विवाह के लिए शुभ नक्षत्र हैं रोहिणी, मृगशिरा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूला, उत्तरा अषाढा, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र। इसके साथ ही वर्ष 2020 में विवाह के शुभ वार हैं - सोम, बुध, बृहस्पतिवार और शुक्रवार।

shubh dates- वर्ष 2020 में विवाह के लिए शुभ तिथियां हैं - द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, एकादशी और त्रियोदशी।

todays mahurat- todays mahurat जानने के लिए आप ऊपर बताए गए टेबल से समय चैक कर सकते हैं। इसमें  todays mahurat के लिए जिस दिन के लिए जानना हो उस दिन के बारे में चैक कर लें । उस डेट पर आपको जानकारी मिल जाएगी। 
shubh time- विवाह आदि के लिए shubh time जानने के लिए आप पंचाग से भी मदद ले सकते हैं और हमने जो तिथियां टेबल में बताई हैं इनके सामने ही shubh time के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। 

shubh mahhurat 2018, shubh mahhurat 2019- के बारे में आपने जानकारी लेनी है तो उसके बारे में आप 2019 व 2018 का पंचाग देख सकते हैं। ये तिथियां निकल चुकी हैं इसलिए यहां shubh mahhurat 2018 के बारे में बताने का कोई औचित्य नहीं है यदि आप फिर भी इसके बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमें पूछ सकते हैं।


 विवाह संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त की गणना करना अनिवार्य माना जाता है। अगर विवाह, शुभ मुहूर्त साल 2020 में संपन्न न करवाया जाए तो वैवाहिक जोड़ों को बहुत से अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
नोट- ये विवाह मुहूर्त केवल लोकल पंचाग के अनुसार हैं तिथियों के समय में परिवर्तन हो सकता है इसलिए लोकल पंचाग से मिलान कर लें और पंडिज जी से सलाह जरूर लें।

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