shree devi talab mandir jalandhar



shree devi talab mandir jalandhar
श्री देवी तालाब मंदिर उत्तर भारत में महान तीर्थ के नाम से जाना जाता है। माता दुर्गा का यह प्राचीन मंदिर अपनी विशेष पहचान बना चुका है। देश-विदेश से भक्तजन यहां माथा टेकने आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। पवित्र सरोवर में बीचों-बीच बना सोने का माता का भवन देखने योग्य है।

मंदिर के मुख्य द्वार की वास्तुकला देखते ही बनती है। दिन-रात महान कारिगरों ने ऐसे माता का प्रवेश द्वार बनाया है कि इसकी छटा देखते ही बनती है। मंदिर में प्रवेश करते ही दाएं ओर बवन के बिल्कुल सामने भगवान शिव की सुंदर मूर्ति है। पहले वाले दरवाजे से आप अंदर प्रवेश करते हैं तो दाएं तरफ जोड़ा घर है वहां आप अपने जूते जमा करवा सकते हैं। हाथ मुंह धोकर आप प्रशाद की दुकानों से प्रशाद लेकर माता के भवन में माथा टेकने जा सकते हैं। shree devi talab mandir jalandhar

  प्राचीन माता त्रिपुरमालिनी मां के मंदिर के दर्शन करके भक्त भावविभोर हो जाते हैं। मंदिर में धर्मशाला भी है जहां बाहर से आए भक्त पहले से बुकिंद करवा कर 3 दिन तक ठहर सकते हैं। उन्हें परेशानी न हो इसलिए वे पहले से धर्मशाला में बुकिंग करवा सकते हैं। मंदिर सुबह 4 बजे माता की आरती से खुल जाता है और रात्रि  8 बजे बंद हो जाता है। दोपहर को 2 से 4 बजे तक विश्राम होता है।

अनपूर्णा रसोईघर में निशुल्क भोजन मिलता है और पेड भोजनालय में आप पैसे देकर भोजन खा सकते हैं। बाबा अमरनाथ गुफा भी बनाई गई है । शेर के मुख से भक्त अंदर प्रवेश करते हैं। माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा की अनुकृति भी बनाई गई है। मंदिर कमेटी की तरफ से चरिटबल अस्पताल भी बनाया गया है जहां मरीजों का बहुत ही कम रेटों पर उपचार होता है। shree devi talab mandir jalandhar

  इसी मंदिर परिसर में प्राचीन माता काली का भी मंदिर है। मां का सोने का दरबार देख कर तो एक बार ऐसा मन में आता है कि यहीं बैठे रहें। अखाड़े की भी जगह है जहां पहलवान व्यायाम करते हैं। मंदिर में सफाई व्यवस्था का उत्तम प्रबंध है।

रात की रोशनी में मां का दरबार ऐसे लगता है जैसे तारें टिमटिमा रहे हों। मंदिर में भक्तों की सहायता के लिए मंदिर कमेटी चौकसी से काम करती है। सीसीटीवी कैमरे जगह-जगह पर  लगे हैं। यदि आपने माता के दरबार के दर्शन अभी तक नहीं किए तो आपको जरूर जाना चाहिए क्योंकि मां भवानी हरेक की मनोकामना पूरी करती है।

राम हाल - मंदिर में एक विशाल राम हाल है। इस हाल में आप अपने कार्यक्रम बुक करवा सकते हैं। बसरी, धार्मिक आयोजन, कीर्तन आदि करने का यहां विशेष प्रबंध है।

मुख्य मंदिर- मां भवानी का मुख्य मंदिर सरोवर के बीचों-बीच स्थित है। सोने से बने मां का मंदिर रात को लाइटों में चमचमाता इतना सुंदर लगता है कि मानों मां का विशाल महल है जहां मां विराजमान है।

धर्मशाला- मंदिर में बनी धर्मशाला में आप 3 दिनों तक रह सकते हैं। बाहर से आए श्रद्धालुओं के रहने व खाने का यहां प्रबंध होता है। कमरे बहुत ही सुंदर व हवादार हैं। सफाई का अच्छा प्रबंध है।

अन्नपूर्णा रसोई- यहां भक्तों को निशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। इसके ऊपर पे़ड भोजनालय भी है जहां से लोग कुछ पैसे देकर भोजन खा सकते हैं।

 प्राचीन काली माता मंदिर- मंदिर परिसर में ही प्राचीन काली माता मंदिर भी है जिसकी अलग प्रबंधक कमेटी है। मां काली की प्राचीन मूर्ति की यहां पर आलौकिक छटा है । मां के दर्शनों के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
श्री देवी तालाब चेरीटेबल अस्पताल- मंदिर प्रबंधक कमेटी की तरफ से यहां चैरिटेबल अस्पताल चलाया जा रहा है । यहां कम रेटों पर जरूरतमंद लोग अपना इलाज करवा सकते हैं।

कैसे पहुंचे मंदिर में- मंदिर जालंधर शहर के बीचों बीच में स्थित हैै। रेलवे स्टेशन से आटो में 15 रुपए सवारी से दोआबा चौक पहुंच कर वहां से पैदल 5 मिनट का रास्ता है। बस स्टैंड से लोकल बस सेवा से दोआबा चौक तक बस सेवा मिलती है आटो से भी पहुंचा जा सकता है। मंदिर  में रहने के लिए पहले  से  बुकिंग
करवानी पड़ती है। बाहर से आए श्रद्दालुओं के ठहरने का भी इंतजाम है।

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