नर ही रेप क्यों करते हैं, इसके क्या कारण हैं
नर ही रेप क्यों करते हैं, इसके क्या कारण हैं
आपने देखा होगा कि नर ही रेप करते हैं। वे ऐसा क्यों करते हैं। प्राणियों में मादा के साथ उचित समय में संसर्ग करने के लिए नर प्राणियों में होड़ लग जाती है। नर प्राणी आपस में लड़ते हैं और जो ताकतवर होता है वह जीतता है और मादा प्राणी से संसर्ग करता है। पुरुषों में टैस्ट्रोटोम हारमोन्स पुरुषों को अहंकारी, दूसरे पर हावी रहने व काम प्रवृति को भड़काता है। युवकों में इसकी मात्रा ज्यादा होने के कारण वे हिंसक हो जाते हैं। पुरुषों में ही रेपिस्ट इंस्टिक्ट टैस्ट्रोटोम हारमोन्स के कारण ही होती है जबकि नारियों में ऐसा नहीं होता। महिलाओं में एस्ट्रोजन हारमोन होता है जो टैस्ट्रोटोम बिल्कुल उलट होता है। जैसे जब गुस्से पर काबू नहीं रहता तो मानव हत्या तक कर बैठता है,उसी तरह काम बेकाबू हो जाने पर पुरुष रेप करने को अमादा हो जाता है। कामांध पुरुष इतना खतरनाक हो जाता है कि उसे पता ही नहीं चलता कि वह कितना बड़ा अपराध कर चुका होता है। फिर अपराध को छिपाने के लिए उसे हत्या तक करनी पड़ती है।
रेपिस्ट इंस्टिक्ट पर काबू पाया जा सकता है। जब पुरुष को लगे कि वह अपने काम पर काबू नहीं पा सकता और
स्त्रीलिंग को देखकर उसका काम भड़क जाता है और वह किसी भी तरह रेप करके यौन भूख को शांत करना चाहता है तो उसे दिमागी डाक्टर की मदद लेनी चाहिए। इस उन्माद का बिना किसी शर्म के उपचार करवाना चाहिए। यदि समय पर इसका उपचार न हो तो यह गम्भीर अपराध का कारण बन सकता है। जो पुरुष समङ्क्षलगी होते हैं उन्हें महिलाओं को देखकर कोई उत्तेजना नहीं होता और न ही उनका उनमें कोई इंटरस्ट होता है। इसमेंकोई गलत बात नहीं होती। ईश्वर ने उन्हे ऐसा ही बनाया होता है। पुरुषों के अत्याधिक सैक्स उन्माद को कांऊसलिंग से कम किया जा सकता है। समय पर उपचार मिलने से समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। धाॢमक कार्यों में भाग लेना, व्यायाम करना, मैडिटेशन करना, महिलाओं की इज्जत करना सीखना, घूमना, पेंटिग करना,गाना, फोटोग्राफी करना, गाना-बजाना आदि गतिविधियां करने से पुरुषों में सैक्स उन्माद को कम करता है। अश£ील फिल्मों, साहित्य से दूर रहना चाहिए। अच्छी किताबें पढऩी चाहिए। याद रहे कि किसी भी चीज की अति हमेशा अपराध को भी जन्म देती है और इसका कारण भी बनती है।
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