मरने के बाद कहां चला जाता है इंसान

मरने के बाद कहां चला जाता है इंसान
एक किटाणु से मां के गर्भ में बच्चा आ जाता है। उसमें पता नहीं कैसे जान आ जाती है। वह नौ
महीनों तक मां के गर्भ में रहता है फिर संसार में आ जाता है। माता-पिता उसका लालन-पालन करते हैं। फिर यही बच्चा बालक बन जाता है, फिर किशोर और बूढ़ा होकर मर जाता है।
उसके प्राण पता नहीं कहां चले जाते हैं। यह भी नहीं पता कि वह किस योनि में जाता है कौन सा जीव बनता है। या फिर उसके मरने के बाद सब खत्म हो जाता है। इस विषय पर हजारों ग्रंथ लिखे गए। जीवन चक्र मरने का और फिर मरने के बाद का। आत्मा का स्वरूप और आत्मा कहां जाती है। लगभग हर जीव या प्राणी के साथ ऐसा ही होता है। जीवन चक्र चलता रहता है। कु छ लोग यह भी विश्वास करते हैं कि मरने के बाद कयामत का दिन आएगा जब खुदा हर इंसान को उसकी कब्र से उठाएगा और उसका हिसाब किताब करेगा। कब्र में शव कुछ ही दिनों में मिट्टी हो जाता है,उसे कीड़े खा जाते हैं। उनकी पक्का विश्वास है ऐसा दिन एक दिन आएगा। एक प्राणी मर जाता है शरीर पांच तत्वों में ही मिल जाता है। इसके बाद उसकी आत्मा परमात्मा में मिलती है या फिर अगले प्राणी में चले जाती है। यह व्यक्ति के विश्वास पर ही है कि वह कैसा मानता है। हर कोई निर्णय करने में स्वतंत्र है, उसे क्या विश्वास करना है क्या नहीं। पश्चिमी देशों में जो लोग इस थ्यूरी से वाकिफ भी नहीं हैं उनमें से भी ज्यादातर लोग मानते हैं कि मौत के बाद, इसके आगे भी कुछ है। जीव आत्मा पर उनका विश्वास है और अहले जन्म में भी। वैज्ञानिक भी इसी खोज में लगे हैं। मानव या जीव का पिछला जन्म व कर्म का सिद्धांत।
ृऋषि मुनियों ने तो इस बारे ज्ञान प्राप्त कर लिया था अब इंसान को इस बारे और जानना है।www.bhrigupandit.com

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