महामृत्युंजय मंत्र क्या है?
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महामृत्युंजय मंत्र शिव की स्तुति है और यह सिद्ध किया गया मंत्र है। इसके उच्चारण से भी दुख, रोग, अकाल मृत्यु दूर हो जाती है। मानव के दुखों का निवारण हो जाता है। यह मंत्र संसार के लोगों को भवसागर से पार लगा देता है। इसे विधिपूर्वक करना चाहिए। योग्य ब्राह्मणों के द्वारा अुनष्ठान कराने से सभी रोगों का नाश हो जाता है। जीवन बच जाता है। यह मंत्र एक अमृत के सामान है।
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का मंत्र माना जाता है। इस मंत्र को प्राण रक्षक और महामोक्ष मंत्र कहा जाता है। महामृत्युंजय मंत्र से शिवजी को प्रसन्न करने वाले जातक से मृत्यु भी डरती है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाला जातक मोक्ष को प्राप्त करता है। यह मंत्र ऋषि मार्कंडेय द्वारा सबसे पहले पाया गया था।
Maha Mrityunjaya puja, how can it be performed
महामृत्युंजय मंत्र-त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
हम तीन नेत्र वाले भगवान शंकर की पूजा करते हैं जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेल-रूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बंधनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं तथा आपके चरणों की अमृतधारा का पान करते हुए शरीर को त्यागकर आप ही में लीन हो जाएं और मोक्ष प्राप्त कर लें।
महामृत्युंजय मंत्र के फायदे
यह मंत्र व्यक्ति को न केवल मृत्यु भय से मुक्ति दिला सकता है बल्कि उसकी अटल मृत्यु को भी टाल सकता है। कहा जाता है कि इस मंत्र का सवा लाख बार निरंतर जप करने से किसी भी बीमारी तथा अनिष्टकारी ग्रहों के दुष्प्रभाव को खत्म किया जा सकता है। इस मंत्र के जाप से आत्मा के कर्म शुद्ध हो जाते हैं और आयु और यश की प्राप्ति होती है। साथ ही यह मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
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