क्या कुलभषण जाधव को पाकिस्तान रिहा करेगा?
क्या कुलभषण जाधव को पाकस्तान रिहा करेगा?
क्या भारत से अच्छे संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को छोड़ देगा? क्या वो उन दिनों को याद करेगा जब भारत ने उसके 90,000 सैनिकों को सही-सलामत छोड़ दिया था। आज दरियादिली का ढिंढोरा पीटने वाला पाकिस्तान बेनकाब हो गया। उसने बेशक कुलभूषण जाधव को मां और बहन से मिलने दिया लेकिन कुछ तस्वीरें खुलासा करती हैं कुलभूषण जाधव पर अमानवीय अत्याचार किए गए। आज की मुलाकात के दौरान जाधव ने नीले रंग का कोट पहना हुआथा। इस दौरान जाधव के दाहिने कान पर गहरे रंग का निशान दिखा।साथ ही उनके सिर और गले पर भी कुछ निशान हैं, जिनके बारे में आशंका है कि वे चोट के निशान हैं। उनका चेहरा सूजा हुआ दिख रहा है।
मां व बहन ने कहा कि कुलभूषण 47 साल के हैं, लेकिन फोटो में वे 70 साल के बूढ़े लग रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान जाधव को बहुत टॉर्चर कर रहा है। उधर, पाकिस्तान ने सोमवार को कथित भारतीय जासूस जाधव को भारतीय आतंकवाद का चेहरा बताया। पाकिस्तान ने साथ ही यह भी कहा कि जाधव और उनके परिजनों की यह मुलाकात अंतिम नहीं है।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है लेकिन यह मामला अंतर्राष्ट्रीय अदालत में लंबित है। फैसल ने कहा कि जाधव को उसके परिजनों से मिलाने के लिए 25 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती है। उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं ने जाधव के साथ खुले तौर पर और उपयोगी बातचीत की। यह मानवीय आधार पर सकारात्मक पहल थी। हमने जाधव के परिवार के कहने पर मुलाकात के समय में 10 मिनट की बढ़ौतरी की। वह नौसेना का एक अधिकारी था।
अब प्रश्न उठाता है कि पाकिस्तान ऐसा क्यों कर रहा है कि जाधव को फांसी नहीं दे रहा। इसके बदले में वह भारत सरकार पर क्या दबाव बनाना चाहता है। परोक्ष रूप से वह क्या चाहता है कि भारत सरकार उनकी मां को पूरा करे । पाकिस्तान ने उसे ङ्क्षजदा इस लिए रख रहा है
कि इसके जरिए वह भारत पर प्रैशर डाल रहा है कि उसकी किसी नाजायज मांग मानी जाए। जब आंतकवादियों ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का अपहरण कर लिया था या कहिए ऐसा ड्रामा रचा गया था तो दुर्दांत आतंकवादी छोड़े गए थे। जिनका खमियाजा भारत को संसद हमला व मुम्बई ताज हमले में सैंकड़ों निर्दोश लोगों की हत्याओं से चुकाना पड़ा था। पाकिस्तानी सैनिक जब भारतीय सैनिकों को अंह भंग कर सर कलम कर देते हैं तो क्या वह भारत से पहले पूछते हैं? अब भारत को चौकन्ना रहना होगा वह पाकिस्तान पर कैसा भी दबाव बना कर कुलभूषण जाधव को सकुशल वापस भारत लाना ही होगा।
क्या भारत से अच्छे संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को छोड़ देगा? क्या वो उन दिनों को याद करेगा जब भारत ने उसके 90,000 सैनिकों को सही-सलामत छोड़ दिया था। आज दरियादिली का ढिंढोरा पीटने वाला पाकिस्तान बेनकाब हो गया। उसने बेशक कुलभूषण जाधव को मां और बहन से मिलने दिया लेकिन कुछ तस्वीरें खुलासा करती हैं कुलभूषण जाधव पर अमानवीय अत्याचार किए गए। आज की मुलाकात के दौरान जाधव ने नीले रंग का कोट पहना हुआथा। इस दौरान जाधव के दाहिने कान पर गहरे रंग का निशान दिखा।साथ ही उनके सिर और गले पर भी कुछ निशान हैं, जिनके बारे में आशंका है कि वे चोट के निशान हैं। उनका चेहरा सूजा हुआ दिख रहा है।
मां व बहन ने कहा कि कुलभूषण 47 साल के हैं, लेकिन फोटो में वे 70 साल के बूढ़े लग रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान जाधव को बहुत टॉर्चर कर रहा है। उधर, पाकिस्तान ने सोमवार को कथित भारतीय जासूस जाधव को भारतीय आतंकवाद का चेहरा बताया। पाकिस्तान ने साथ ही यह भी कहा कि जाधव और उनके परिजनों की यह मुलाकात अंतिम नहीं है।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है लेकिन यह मामला अंतर्राष्ट्रीय अदालत में लंबित है। फैसल ने कहा कि जाधव को उसके परिजनों से मिलाने के लिए 25 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती है। उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं ने जाधव के साथ खुले तौर पर और उपयोगी बातचीत की। यह मानवीय आधार पर सकारात्मक पहल थी। हमने जाधव के परिवार के कहने पर मुलाकात के समय में 10 मिनट की बढ़ौतरी की। वह नौसेना का एक अधिकारी था।
अब प्रश्न उठाता है कि पाकिस्तान ऐसा क्यों कर रहा है कि जाधव को फांसी नहीं दे रहा। इसके बदले में वह भारत सरकार पर क्या दबाव बनाना चाहता है। परोक्ष रूप से वह क्या चाहता है कि भारत सरकार उनकी मां को पूरा करे । पाकिस्तान ने उसे ङ्क्षजदा इस लिए रख रहा है
कि इसके जरिए वह भारत पर प्रैशर डाल रहा है कि उसकी किसी नाजायज मांग मानी जाए। जब आंतकवादियों ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का अपहरण कर लिया था या कहिए ऐसा ड्रामा रचा गया था तो दुर्दांत आतंकवादी छोड़े गए थे। जिनका खमियाजा भारत को संसद हमला व मुम्बई ताज हमले में सैंकड़ों निर्दोश लोगों की हत्याओं से चुकाना पड़ा था। पाकिस्तानी सैनिक जब भारतीय सैनिकों को अंह भंग कर सर कलम कर देते हैं तो क्या वह भारत से पहले पूछते हैं? अब भारत को चौकन्ना रहना होगा वह पाकिस्तान पर कैसा भी दबाव बना कर कुलभूषण जाधव को सकुशल वापस भारत लाना ही होगा।
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