नारियों को कैसे रहना हैं, पुरुष न उन्हें समझाए
आजकल सोशल मीडिया में नारियों को क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं, बारे लेख लिखे मिलते हैं। कैसे ढक कर रखना है और हैरानी की बात है कि कई मूढ़ हिन्दू इस चालाकी को समझ नहीं पाते और अपवोट व नाइस पोस्ट आदि करते हैं। वर्तमान पश्चिमी संस्कृति- अमेरिका या इंग्लैंड आदि देशों में लोग स्वतंत्र विचारधारा के पक्षधर हैं। किसी को कोई मतलब नहीं कि कोई क्या पहनता है और क्या नहीं। बीच पर आपको सारा परिवार एक साथ नहाते व खेलता मिल जाता है। कोई किसी तरफ कोई ध्यान नहीं देता। लोग इतने ओपन हैं कि कोई किसी तरफ ध्यान ही नहीं देता। कोई लड़की कम वस्त्रों में घूमती दिखाई देती है तो कोई उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता हर कोई अपने में व्यस्त है। कोई पास में बैठा अपनी प्रेमिका से किस कर रहा है तो कोई गले में बाहें डाले प्रेम से बातें कर रहा है। कोई मोबाइल से किसी को मैसेज कर रहा है। किसी को किसी के निजी जीवन से कुछ नहीं लेना देना। आज निजता की कोई परवाह नहीं करता यहां तक कि अपने अंतरंग संबंधों को गर्व से सार्वजनिक किया जाता है। नारि का हर रूप में आदर- नारियों को हर रूप में आदर करना हर पुरुष का कर्तव्य है...