फंडा लिव इन रिलेशनशिप का
फंडा लिव इन रिलेशनशिप का कहते हैं कि प्यार भगवान है अौर कोई कहते हैं कि भगवान ही प्यार है। अाज के दौर में प्यार की परिभाषा भी बदल गई है। प्यार लिव इन रिलैशन वाला बन गया है। जब तक चाहो रहो एक साथ जब मन भर जाए तो रातों-रात बोरिया बिस्तर उठाया अौर निकल लिए पतली गली से। फोन भी उठाना बंद कर दो। पता ही न चले कि वह जीव जो कभी एक साथ रहने की कसमें खाता है, साथ-साथ जीने मरने की शपथ उठाता है अाज उसको क्या हो गया। क्यों वह बिना बताए भाग गया या भाग गई। कल तो अच्छा भला चल रहा था,एक साथ खाया, पिया अौर सोए फिर अचानक एेसा क्या हो गया कि 3 या 5 साल का प्यार हवा हो गया। एेसा ही हो रहा है अाज, लवर तो रास्ते में मिल जाते हैं , मजे भी मारे जाते हैं,खाया भी जाता है एक साथ,कसमें भी खाई जाती हैं पर पता नहीं क्या हो जाता है। भाऊ हवा ही एेसी चल पड़ी है। एक वह भी समय था कि शादी से पहले लड़का - लड़की को एक दूसरे से मिलाया भी नहीं जाता था अौर शादी भी हो जाती थी। 3-4 बच्चे भी पल जाते थे अौर सारी जिंदगी कब गुजर गई दोनों पति पत्नि को पता ही नहीं चलता था।अाज तो अंडरसटैंडिंग ज्यादा होती है दोनों पढ़े-लिखे भी होते...