रामायण,महाभारत व अन्य ग्रंथों के क्या-क्या नेरेटिव प्रचलित हैं
रामायण,महाभारत व अन्य ग्रंथों के क्या-क्या नेरेटिव प्रचलित हैं वैसे तो हिन्दुओं के अलग-अलग धर्म ग्रंथों के बारे में अलग-अलग नेरेटिव भारत में प्रचिलित हैं लेकिन हम केवल रामायण व महाभारत महाकाव्यों के बारे में ही बात करेंगे। अलग-अलग कालखंड में नेरेटिव बदलते रहे हैं, जैसे- जैसे सामाजिक, राजनीतिक व धार्मिक परिस्थितियां बदलती रही हैं। हम मुख्य रूप से मुगलों से आने से पहले ओर बाद का नेरेटिव- प्री एंड आफ्टर मुगल पीरियड, अंग्रेजों के आने के दौरान का पीरियड-ब्रिटिश कोलोनाइजड प्रीरियड और इसके बाद स्वतंत्रता के बाद का पीरियड के रूप में ले सकते हैं। 1. मुगलों से आने से पहले का नेरेटिव- प्री मुगल पीरियड- मुगलों के आने से पहले भारत में वाल्मिकीय रामायण व महाभारत के मूल संस्कृत रामायण के नेरेटिव ही प्रसिद्ध थे। किसी के घर में कोई और ग्रंथ हो न हो रामायण व महाभारत जरूर होते थे। घर में समय समय पर ब्राह्मण या संत महापुरुष आते और बच्चों व परिवार को सरल भाषा में इन ग्रंथों की कथाओं को सुनाते थे। मुख्यत एक ही तरह का नेरेटिव होता था जिसमें श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार मान कर पूजा जाता ...