क्या मंदिरों में चढ़ते दान को ब्राह्मण खा जाते हैं
क्या मंदिरों में चढ़ते दान को ब्राह्मण खा जाते हैं अाजकल तथाकथित दलित नेता ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाने में जरा भी संकोच नहीं करते। अारोप लगाते समय यह भी नहीं सोचते कि क्या कोई इन अारोपों की जांच करेगा तो क्या होगा। वे हिटलर की तरह अनाप-शनाप गालियां निकाल कर अपने दिमाग में बसे गंद को निकालते हैं। अाइए हम इस अारोप का विश्लेषण करते हैं। भारत के सभी बड़े हिंदू मंदिरों पर प्रदेशों की सरकारों का कब्जा है। वहां सरकारी कर्मचारी व रिसीवरों का कब्जा है अौर मंदिर के पंडितों मंदिर कमेटी की तरफ से मामूली वेतन दिया जाता है। पंडितों की रोजी रोटी यजमानों के सहारे चलती है। अच्छे व समृद्ध यजमान उनकी यथासम्भव मदद करते हैं अौर पंडित उनके सारे धार्मिक कार्य सम्पन्न करवाते हैं। बड़े मंदिरों के पंडित मंदिर कमेटी के अधीन होते हैं। वे उन्हें जब चाहे निकाल देते हैं। दूसरी तरफ मसि्जदों व चर्चों पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं होता। वहां के मौलवियों को तो सरकारे वेतन भी देती हैं। मदरसों को हजारों करोड़ रुपए की सरकारों की तरफ से राशि दी जाती है। चर्च की जमीन प्राइम लोकेशन पर होती है अौर भारत में अर...