विदेश यात्रा कब होगी, कैसी रहेगी?
विदेश यात्रा कब होगी, कैसी रहेगी छोटी, लम्बी या विदेश यात्राओं के लिए तीसरा, नौंवा व बाहरवां भाव जांचा जाता है। इन भावों के स्वामी ग्रहों की स्थिति जांची जाती है। यात्रा के कारक ग्रह केतु,शुक्र, चंद्र के बारे में भी विचार किया जाता है। 1. यदि लग्न का स्वामी 12वें भाव में हो को विदेशों में अथवा विदेश में घर बनाकर रहना पड़ता है। 2.यदि लग्न का स्वामी ग्रह, नवम् भाव का स्वामी ग्रह और तीसरे भाव का स्वामी ग्रह बाहरवें भाव में हो तो तो भी विदेश में ही रहना पड़ता है। 3 लग्न का स्वामी, तीसरे भाव का स्वामी, नवें व 12वें का स्वामी यदि 12वें,दूसरे, तीसरे अथवा नवें भाव में हो तो भी यात्राएं बहुत होती हैं और विदेश यात्राएं होती हैं। 4. चौथे व आठवें भाव में शनि,केतु, राहू हों तो विदेश यात्राएं होती हैं। तीसरे भाव में स्वामी ग्रह तो जांचने से भी यात्राओं के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाती है। यदि तीसरे भाव में निम्न ग्रह स्थित हों या भाव का स्वामी ग्रह हो तो- सूर्य तीसरे भाव में स्थित हो तो जीवन में यात्राएं कम ही हों, यदि हों तो सरकारी कामों से संबंधित हों व लाभ हो। घमंड व अहंकार से हानि का डर।...