विचार कैसे बनते और कैसे बदलते हैं
विचार कैसे बनते और कैसे बदलते हैं एक गांव से शहर में आया मजदूर जब कमा कर अपने गांव वापस जाता है तो वह शहरी कपड़े खरीदता है। अपने आप को शहरी साबित करने के लिए वह हर प्रकार का प्रपंच रचता है। शहर में अपने कल्चर अपने साथ ले जाता है। गांव से शहर में सैटल हुआ व्यक्ति हर कोशिश करता है कि वह ग्रामीण कल्चर से जल्दी से जल्दी पीछा छुड़ा ले क्योंकि उसे यह चिंता रहती है कि उसे कोई ग्रामीण न कह दे। इसी प्रकार जब कोई अनिवासी कैनेडा या अमेरिका से भारत आता है तो वह अपने साथ अपने साथ पश्चिमी कल्चर व पहनावा भी लेकर आता है। राजा की तरह हर कोई बनना चाहता है उसकी नकल करना चाहता है लेकिन राजा कभी नहीं चाहता कि प्रजा की तरह दिखे। इसी तरह समाज के कुलीन वर्ग के लोग जो करते हैं उनका निम्न या मध्यम वर्ग अनुसरण करता है। निम्न या मध्यम वर्ग में एक ऐसी इच्छा होती है कि वह कुलीन अमीर वर्ग में शामिल हो जाए। जो कुलीन वर्ग में होता है वह नहीं चाहता कि वह निम्न वर्ग में शामिल हो। आपको जितने भी नाटक व विज्ञापन दिखाए जाते हैं वे गरीब की झोंपड़ी के नहीं दिखाए जाते। इस प्रकार दोनों तरफ नफरत, घमंड व हीनता की मानस...