विदेशी आक्रमणकारी अमेरिका के मूल निवासियों की तरह भारतीयों को क्यों नहीं खत्म कर सके
विदेशी आक्रमणकारी अमेरिका के मूल निवासियों की तरह भारतीयों को क्यों नहीं खत्म कर सके विदेशी आक्रमणकारी लुटेरे जब भारत में आए तो वे भारत में लूटपाट करके अपने देशों को ही लौट जाते थे। जब इन्होंने भारत में ही बसेरा बना लिया तो इन्होंने भारतीयों की कारिगरी का लाभ उठाना शुरु कर दिया। भारत एक उन्नत देश था और अमेरिका के मूल निवासी उन्नत नहीं थे वे अच्छे कारिगर भी नहीं थे। अंग्रेज जब भारत में आए तो उस समय वे एक व्यापारी थे और वे भारत के उन्नत कारिगरों से माल तैयार करवाते और उन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाते। यह ऐसा ही था जैसे एक चलती फैक्टरी को दूसरा व्यक्ति खरीद लेता है और फिर उस फैक्टरी के पहले से काम करते कारिगरों से काम लेता है और नए कारिगरों को भर्ती करने का कोई रिस्क नहीं लेता। भारतीयों में हर विधा को ग्रंथों में लिखा गया था चाहे वह शास्त्रीय संगीत हो, भवन निर्माण हो या वेदों की ऋचाएं हों श्लोकों के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को कंठस्थ थे। भारतीय हर कला में दक्ष थे। अंग्रेज उनसे हथियार बनवाते, भवन आदि बनवाते और इनसे मुनाफा कमाते। इनको मारने से अंग्रेजों को कोई लाभ नहीं ...