satya narayan vrat katha | satya narayan vrat katha ji ki vidhi
satya narayan vrat katha | satya narayan vrat katha ji ki vidhi श्री सत्यनारायण व्रत की कथा श्री सत्यनारायण व्रत की कथा का महत्व बहुत है। इस कथा को करने से घर में धन, वैभव, द्रव्य अादि की कोई कमी नहीं रहती। दुखों, बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। पूजा के लिए योग्य ब्राहमण को बुलाया जाता है। पूजा की थाली तैयार कि जाती है। पंचामृत को गाय के कच्चे दूध,शहद, गुड़,दही व तुलसी दल से तैयार किया जाती है। अाटे को देसी घी में भून कर गुड़, शक्कर अादि मिलाकर पंजीरी प्रशाद के तौर पर तैयार की जाती है। इस प्रकार कथा सुनाई जाती है। भक्तों को कथा सुनाई जाती है। पूजा व अारती के बाद पंंजीरी फल अादि का प्रशाद भक्तों में बांटा जाता है। यथा शक्ति ब्राह्मणों को भोज करवाया जाता है अौर दक्षिणा अादि दी जाती है।सत्यनारायण भगवान की कथा लोक में प्रचलित है। हिंदू धर्मावलंबियो के बीच सबसे प्रतिष्ठित व्रत कथा के रूप में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की सत्यनारायण व्रत कथा है। सत्यनारायण व्रत कथा के दो भाग हैं, व्रत-पूजा एवं कथा। सत्यनारायण व्रतकथा स्कंदपुराण के रेवाखंड से संकलित की गई है। सत्...