वृश्चिक राशि क्या होती है व इस के जातक कैसे होते हैं

वृश्चिक राशि क्या होती है व इस के जातक कैसे होते हैं


वृश्चिक राशि सम, स्त्री तथा स्थिर राशि है। स्वभाव सौम्य एवं उत्तर दिशा को सूचित करती है। ब्राह्मण जाति तथा रंग इसका सुर्ख लाल रात बली विचरण स्थान जल व कीटक है। सांकेतिक चिन्ह बिच्छू है मंगल इसका स्वामी एवं चंद्रेश के नीच फल का है।

⟹ कद औसत कई बार छोटा परंतु सुगठित एवं संतुलित शरीर पट्ठे मजबूत लंबा व चौड़ा चेहरा छोटी मोटी गर्दन टांगें कुछ बेढंगी,  काले घुंघराले बाल होते हैं। रंग सांवला सा होता है पीला जैसा दिखता है। व्यक्तित्व तथा देखने में आकर्षक लगते हैं।

⇏ तीक्ष्ण बुद्धि चंचल स्वभाव एवं आदर्शवादी होते हैं। अपनी धुन के पक्के होते हैं। इच्छाशक्ति प्रबल जोशीले स्वतंत्र विचार और साहस बहुत होता है।  धीरज के साथ काम करने वाले होते हैं परंतु स्वभाव कुछ कड़वा होता है अपने सामने आई कठिनाइयों को कुचल कर आगे बढ़ते हैं।

⇏ चाहे विजय की संभावना हो या न हो फिर भी अंतिम दम तक लड़ते रहते हैं। कल्पना शक्ति अच्छी एवं अंतर ज्ञान प्राप्त होता है। अपनी बात पर अडिग और अपनी बात के आगे किसी की बात नहीं चलने देते। हिंसा की भावना बहुत देर तक रखते हैं और प्रतिशोध लेते हैं। यह बहुत स्वार्थी भी होते हैं दूसरों के भेद जानकर फिर उनको यह तंग परेशान करते हैं इनमें बदला लेने की भावना प्रबल होती है।

 पढ़े-लिखे जातक हर काम में निपुण एवं धैर्यवान होते हैं।  कम पढ़े लिखे होते हैं धार्मिक कार्यों में रुचि रखते हैं।  दूसरे इनसे  लड़ने से डरते हैं रौब डालना इनकी आदत ही बन जाता है। मन में जो है उसे कम ही बताते हैं एवं भीतर रखते योजनाएं बनाते रहते हैं। इनके भाई बहन कम ही होते हैं।
  विज्ञान, डॉक्टर, इंजीनियर आदि में पूरी पढ़ाई करते हैं । पढ़ाई में रुकावट भी आम आती रहती हैं यदि यह तो सा हो जाए तो पढ़ाई अधूरी रह जाती है गुप्त विद्या तथा आध्यात्मिक विद्या भी प्राप्त करते हैं। विवाह होता है तो परंतु उदाहरण देर से होता है पहली पत्नी का सुख काम ही होता है तथा यह स्थिति के अनुसार दूसरा विवाह करना पड़ता है। गृहस्थ जीवन सुखी रहता है।
यह कामवासना के शिकार हो जाते हैं तथा अपनी पत्नी के इलावा दूसरी महिलाओं के साथ संबंध रखते हैं। ऐसे जातक पिता के लिए शुभ होते हैं तथा माता के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। विवाह 24 से 29 वर्ष की आयु में हो जाता है । यह धोखेबाज रक्त के प्यासे तथा अपनी बुराइयों को छुपा कर रखने वाले होते हैं।

 इस प्रकार इनके शत्रु स्थाई एवं बहुत होते हैं इनके मित्र भी बहुत होते हैं उच्च पद  प्राप्त व्यक्तियों  की कृपा इन पर प्रबल होती है। यह बहुत बार अपने मित्र को भी डंक मार देते हैं। यह अपने परिश्रम तथा योग्यता द्वारा बड़े आदमी बनते हैं।  गांव में रहना व खेती करना भी पसंद करते हैं।

 राजनीतिक आलोचक इंजीनियर, मशीन के काम, रसायन शास्त्री, पुलिस, सेना. नौसेना जन्म मृत्यु विदेश वास तथा डॉक्टर बहुत अच्छे होते हैं । वृश्चिक प्राकृतिक चक्र क्रमांक 8 की आठवीं राशि है एवं सूचित करती है कि इस राशि वाले मुर्दे को जीवित करने की क्षमता रखने वाले होते हैं। यात्रा काफी तथा लाभ कम ही होता है। यात्राएं नियोजित ना हो तो नुकसान ही होता है।
यात्रा में पानी से खतरा रहता है और एक्सीडेंट भी होते हैं। जीवन में आयु के 1, 8, 9, 10, 15, 16, 17, 18, 21, 22, 26, 35,45, 39,43, 55,58, 62 वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं। पढ़ाई और संतान विवाह कारोबार संबंधी महत्वपूर्ण घटनाएं घटती हैं अधिक कामकाज करने के कारण अनियमित आज आहार व्यवहार अत्यंत भोग आदि करने से पेट विकार, सिरदर्द, नाड़ी, दुर्बलता एवं पीड़ा आदि हो सकते हैं।

 बड़ी बीमारी भी आ सकती है और ऑपरेशन करना पड़ता है। गले की गिल्टी, कमर के नीचे के रोग, बवासीर ,फोड़े बुखार एवं तीव्र पीड़ा हो सकती है।
 मंगलवार का दिन 9 की संख्या शुभ फलदायक है। लाल रंग भी शुभ है। रत्न मूंगा मंगलवार के दिन एवं 9, 18 व 27 तारीख को धारण करना ठीक है।

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