Posts

रामायण व महाभारत पूरे हिन्दू समाज को एक करने की समर्था रखते हैं

रामायण व महाभारत पूरे हिन्दू समाज को एक करने की समर्था रखते हैं रामायण व महाभारत पूरे हिन्दू समाज को एक करने की समर्था रखते हैं और जब तक भारत है और ये महागाथाएं व इनके पात्र अमर हैं। भारत का जनमानस इन महागाथाओं में ऐसे रचा बसा है कि इनसे इनको दूर करना असम्भव है। बस यही वामपंथियों, अधर्मियों के रास्ते में बड़ा बाधक है। इसी कारण ये लोग इन महागाथाओं व इनके नायकों से इतना भय खाते हैं। वे अच्छी तरह जानते हैं कि इन महागाथाओं व इनके नायकों को भारतीय जनमानस के हृदय पटलों से दूर करना आसान काम नहीं है। हिन्दू इनके पात्रों को ईश्वर का रूप मानते हैं और उन्हें अपना मित्र,पूर्वज, सलाहकार भी मारते हैं। उनसे ये जीवन की प्रेरणा भी लेते हैं। ये महाग्रंथ भारतीय इतिहास का जीवंत उदाहरण भी हैं। इस ऐतिहासिक घटनाओं को अधर्मि मिथिहास बताते हैं। इनके कुचक्र में भारतीय सैकुलर व कई तथाकथित समाज सुधारक भी फंस चुके हैं। ये लोग पहले इन महान नायकों को मिथिहासिक, फिर विलेन तथा इसके बाद इन्हें नकारने का प्रयास करते हैं। इन तीनों नेरेटिव को अलग-अलग हिन्दुओं के गुटों में प्रचारित किया जाता है और यदि कुछ हिन्दू इनके जा...

एक वायरस ने पूरी दुनिया की जीवन शैली को बदल दिया

एक वायरस ने पूरी दुनिया की जीवन शैली को बदल दिया आज एक वायरस ने पूरी दुनिया की जीवन शैली को बदल दिया है। जो लोग कल उछल-उछल कर भारतीय सनातन वैदिक जीवन शैली का ब्राह्मणवादी, पिछड़े, पौंगे आदि कह कर मजाक उड़ाते थे। वे मौत के भय से उस शैली को अपना रहे हैं। एकदम से जीवन में परिवर्तन हो गया है। लोग नमस्ते कर रहे हैं, शाकाहारी हो रहे हैं, योग को अपना रहे हैं, आयुर्वेद को नतमस्तक हो रहे हैं । भारतीय ऋषि मुनियों के दिए हठ योग, ज्ञान योग व भक्ति योग की तरफ आ रहे हैं। एकदम से ऐसा हुआ कि सभी देशों की सरकारों ने शवों का दाह-संस्कार करने को कह दिया। जेनेटिक वैज्ञानिकों ने कह दिया कि आपसी रिश्तेदारों में शादियां न करो,इससे अगली पीढ़ी में रोगों से लड़ने प्रतिरोधकता कम होती जा रही है। आज लोग  सूतक, वैदिक अंतिम संस्कार के नियमों का,  हवन के लाभों का भी, अध्यात्मिकता का भी और मैडिटेशन का लाभ उठा रहे हैं। मूक प्राणियों पर किए जाते अत्याचारों का विरोध वेगन लोग पूरी दुनिया में कर रहे हैं। यद्दपि वे नहीं जानते कि वेगन यानि पूर्ण शाकाहार का नियम भारत ने ही दुनिया को दिया है। आज सरकारें बहुत स...

What is the timing of Brahma Muhurtham?

Image
What is the timing of Brahma Muhurtham?- The Brahma Muhurta has great significance in Indian religious traditions. Religious works begin in the Brahma Muhurta and the doors of the temples also open for worship. The great men, saints meditate and do yoga etc. in the Brahma Muhurta. Let's get information about Brahma Muhurta. According to Vedic calculation, there are 30 Muhurats in 24 hours. The fourth Mahurat of the night is called the Brahma Muhurta. This time is considered very sacred. There are two Muhurtas in the morning before sunrise. The first of them is called Brahma Muhurta. The 30th part of the day and night is called the Muhurta i.e. the time period of 2 hours or 48 minutes is called the Muhurta. The time after that is the time of lord Vishnu when the morning starts but the sun is not visible. According to the clock, the time of 4.24 am to 5.12 am Brahma Muhurta. What should we do in Brahma Muhurta?- What to do in Brahma Muhurta: Do religious work in Brahma Mu...

महामृत्युंजय मंत्र से क्या होता है?

Image
महामृत्युंजय मंत्र से क्या होता है? - महामत्युंजय मंत्र के बहुत ही लाभ हैं इन लाभों के बारें में निम्न लिखित जानकारी हम आपको दे रहे हैं। 1 महामत्युंजय मंत्र ऐसा शक्तिशाली मंत्र है जिसके उच्चारण मात्र से हर तरह का संकट, बीमारी दूर हो जाती है। 2. इससे साधक को मृत्यु का भय नहीं लगता। 3. यह मंत्र साधक को अकाल मृत्यु के जंजाल से बचा लेता है। 4. इस मंत्र महा-मृत्युं-जय का अर्थ है मौत पर विजय पाना। जो भी प्राणी इस मंत्र के प्रभाव में आ जाता है, वह मौत पर विजय पा लेता है। 5.जिस प्रकार गायत्री मंत्र की महिमा है उसी प्रकार त्रियंबकं मंत्र भी ऐसी पाजिटिव एनर्जी को पैदा करता है कि हर प्रकार की समस्या दूर हो जाती है। 6. इस मंत्र की महिमा वेदों में गाई गई है, विशेषकर इसका वर्णन ऋगवेद में किया गया है। 7.ऐसा माना जाता है कि जिसकी जब बचने की कोई उम्मीद नहीं रहती, तो इस मंत्र को जाप से उसको मौत से भी बचा कर वापस लाया जा सकता है। 8.यह मंत्र आपके आसपास सुरक्षा की एक ढाल बना देता है। जिससे कोई भी आपको नुक्सान नहीं पहुंचा पाता। 9. यह मंत्र आपको चुनौतियों से जूझने की शक्ति प्रदान करता है, जीवन ...

क्रूरता की हद व दीमागी पागलपन की उपज है करोना वायरस

Image
क्रूरता की हद व दीमागी पागलपन की उपज है करोना वायरस मानवीय दिमाग को कैसा भी बनाया जा सकता है। क्रूरता से भरा हुआ या करुणामयी। जब एक बच्चा चींटियों को मारता है, या किसी जीव को अपने मनोरंजन के लिए कष्ट पहुंचाता है तो माता-पिता उसके इस कृत्य पर हंसते हैं तो वे उसके क्रूरतम व्यवहार को पनपने में मदद कर रहे होते हैं। यदि वे उसे उसी समय डांटते हैं और समझाते हैं कि उसे भी दर्द होता है जैसे तुमको, इसलिए उसे प्यार करना सीखो मारना नहीं। आपने देखा होगा कि कसाई को जीव की हत्या करने में कोई दुख नहीं होता क्योंकि उसकी दिमागी संवेदनाएं मर चुकी होती हैं। उसके लिए ये किसी वस्तु को काटने के समान ही होता है। जीवों की हत्या करने, उनके रक्त को नाली में बहता देख बच्चे की संवेदनाएं बचपन में ही मर जाती हैं। उसे मात्र यह एक ऐसा कृत्य ही लगने लगता है जैसे कि बस काट दिया। चीन में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। अत्याचार का सिलसिला कहीं भी रुकता नहीं। जीवों को जिस तरह से चीनी अपना भोजन बनाते हैं, उन्हें तड़फता देख कर उनके मन में कोई संवेदना, दया नहीं उभरती। अब वे इससे आगे बढ़ते हैं क्योंकि अब उन्हें इन जीवों को मा...