सेठ, दुकानदारी व मौत
सेठ, दुकानदारी व मौत
सेठ करोड़ी मल क्षेत्र का अमीर दुकानदार था। उसकी दुकान में सूई से लेकर हर चीज बिकती थी। हर समय अपनी दुकानदारी में मस्त, माल गिनता और तिजौरियों में भरता। 24 घंटे मेहनत करता रहता। अच्छा खासा परिवार भी था 3 लड़कियां व एक लड़का। लड़का पाने के लिए उसने 3 लड़कियां कर लीं। मन में ठान कर बैठा था कि
लड़का जरूर करना है। भगवान ने उसकी सुन ली। इलाके में उसकी अच्छी इज्जत भी लोग करते थे।
कुछ दिनों से इलाके में लोग चोरियां होने की शिकायत करने लगे, कुछ लोगों की शिकायत थी कि उनकी लड़कियों से कुछ लोग छेडख़ानी करते हैं। घटनाएं चिंता का विषय होने के कारण सेठ से लोग विचार-विमर्श करने के लिए पहुंचे। उन्होंने जिन लोगों पर शक जताया वे सारे सेठ के पक्के ग्राहक थे। हजारों का सामान
वे सेठ की दुकान से खरीदते थे। भला सेठ क्यों अपने ग्राहकों के विरोध में बोलने लगा। उसने चालाकी से कहा कि आपको जरूर कोई गलती हुई है वे तो बहुत ही भले लोग हैं। लेकिन सेठ जानता था कि वे सच बोल रहे हैं। सेठ को तो अपनी दुकानदारी खत्म न हो इसकी चिंता थी इसलिए उसने यह पैंतरा फैंका। रात को सेठ जब घर पहुंता तो उसने सारी बात सेठानी को बताई। सेठानी ने कहा कि हां वे लोग जब वह बाजार जा रही थी तो उसे गंदी
निगाहों से देख रहे थे। सेठ ने गुस्से से कहा कि तुमको किसने बाजार जाने के लिए कहा था, इतने नौकर चाकर हैं क्या मर गए। आज के बाद तुम बाजार नहीं जाओगी।
इस तरह दिन बीतते गए। लोगों की जमीनों पर दबंग कब्जा करने लगे, शरीफ लोग अपनी जायदादें व मकान औने-पौने भाव पर बेच कर धीरे-धीरे निकलने लगे। दबंग महिलाओं के बाहर निकलने पर उन पर फब्तियां कसते। सेठ को इसकी कोई परवाह नहीं थी, पड़ौसी की बेटियों से दुरव्यवहार करने वालों को भी वह मजे से सामान बेचता और दबंगों की चापलूसी करता।
एक रात इलाके में शोर मच गया पता नहीं लुटेरे कहां से निकल कर आ गए। हर जगह लूटपाट का नंगा नाच किया गया। लोग अपनी जान बचा कर भाग गए। हजारों अपराधियों की भीड़ दुकानों को लूट रही थी। प्रशासन कुछ भी कर पाने में असमर्थ था। बहू-बेटियों की इज्जत लूट ली गई। हर जगह दबंगों का नंगा नाच हो रहा था।जो साामने आता मार दिया जाता। सुबह जब इलाके में पुलिस आई तो वहां रह जगह चाखों-पुकार मची थी।
लोगों ने देखा कि सेठ का सारा परिवार मार दिया गया। बेटियों व उनकी मां को मारने से पहले उनसे सामूहिक बलात्कार किया गया। सेठ की सारी पूंजी,दुकान लूट ली गई। हर जगह खून ही खून था। सेठ लाश टुकड़ों में पड़ी थी। सब कुछ खत्म हो चुका था। सेठ जिन्हें अपना ग्राहक समझता था,वे असल में उसके हत्यारे थे।
सेठ करोड़ी मल क्षेत्र का अमीर दुकानदार था। उसकी दुकान में सूई से लेकर हर चीज बिकती थी। हर समय अपनी दुकानदारी में मस्त, माल गिनता और तिजौरियों में भरता। 24 घंटे मेहनत करता रहता। अच्छा खासा परिवार भी था 3 लड़कियां व एक लड़का। लड़का पाने के लिए उसने 3 लड़कियां कर लीं। मन में ठान कर बैठा था कि
लड़का जरूर करना है। भगवान ने उसकी सुन ली। इलाके में उसकी अच्छी इज्जत भी लोग करते थे।
कुछ दिनों से इलाके में लोग चोरियां होने की शिकायत करने लगे, कुछ लोगों की शिकायत थी कि उनकी लड़कियों से कुछ लोग छेडख़ानी करते हैं। घटनाएं चिंता का विषय होने के कारण सेठ से लोग विचार-विमर्श करने के लिए पहुंचे। उन्होंने जिन लोगों पर शक जताया वे सारे सेठ के पक्के ग्राहक थे। हजारों का सामान
वे सेठ की दुकान से खरीदते थे। भला सेठ क्यों अपने ग्राहकों के विरोध में बोलने लगा। उसने चालाकी से कहा कि आपको जरूर कोई गलती हुई है वे तो बहुत ही भले लोग हैं। लेकिन सेठ जानता था कि वे सच बोल रहे हैं। सेठ को तो अपनी दुकानदारी खत्म न हो इसकी चिंता थी इसलिए उसने यह पैंतरा फैंका। रात को सेठ जब घर पहुंता तो उसने सारी बात सेठानी को बताई। सेठानी ने कहा कि हां वे लोग जब वह बाजार जा रही थी तो उसे गंदी
निगाहों से देख रहे थे। सेठ ने गुस्से से कहा कि तुमको किसने बाजार जाने के लिए कहा था, इतने नौकर चाकर हैं क्या मर गए। आज के बाद तुम बाजार नहीं जाओगी।
इस तरह दिन बीतते गए। लोगों की जमीनों पर दबंग कब्जा करने लगे, शरीफ लोग अपनी जायदादें व मकान औने-पौने भाव पर बेच कर धीरे-धीरे निकलने लगे। दबंग महिलाओं के बाहर निकलने पर उन पर फब्तियां कसते। सेठ को इसकी कोई परवाह नहीं थी, पड़ौसी की बेटियों से दुरव्यवहार करने वालों को भी वह मजे से सामान बेचता और दबंगों की चापलूसी करता।
एक रात इलाके में शोर मच गया पता नहीं लुटेरे कहां से निकल कर आ गए। हर जगह लूटपाट का नंगा नाच किया गया। लोग अपनी जान बचा कर भाग गए। हजारों अपराधियों की भीड़ दुकानों को लूट रही थी। प्रशासन कुछ भी कर पाने में असमर्थ था। बहू-बेटियों की इज्जत लूट ली गई। हर जगह दबंगों का नंगा नाच हो रहा था।जो साामने आता मार दिया जाता। सुबह जब इलाके में पुलिस आई तो वहां रह जगह चाखों-पुकार मची थी।
लोगों ने देखा कि सेठ का सारा परिवार मार दिया गया। बेटियों व उनकी मां को मारने से पहले उनसे सामूहिक बलात्कार किया गया। सेठ की सारी पूंजी,दुकान लूट ली गई। हर जगह खून ही खून था। सेठ लाश टुकड़ों में पड़ी थी। सब कुछ खत्म हो चुका था। सेठ जिन्हें अपना ग्राहक समझता था,वे असल में उसके हत्यारे थे।
Comments
Post a Comment