माता बगलामुखी शत्रु नाशिनी मां


माता बगलामुखी शत्रु नाशिनी मां है। एक ऐसी शक्ति जो तुरंत ही बिजली की तरह असर करती है और शत्रुओं के दांत खट्टे कर देती है। शत्रुओं के लिए मां बगलामुखी एक काल की तरह है। इसके तेज से कोई भी बच नहीं सकता। माता बगलामुखी दसमहाविद्या में 8वीं महाविद्या हैं। मां पीले वस्त्र धारण करती हैं, इसलिए इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है। बगलुमुखी स्तम्भन की देवी हैं। सारे ब्रह्माण्ड की शक्ति मिल कर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती।  शत्रु और विरोधियों को शांत करने व तथा केस में विजय के लिए इनकी उपासना अचूक है।  baglamukhi puja

शत्रुओं के नाश के लिए, युद्ध में विजय के लिए, वाकसिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए ही इनकी साधना की जाती है। मां बगलामुखी की पूजा से दुश्मनों का स्तम्भन हो जाता है। वे निष्क्रिय हो जाते हैं। इनकी उपासना की जाती है। जातक को जीवन में सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं।

baglamukhi viniyog- विनियोग - विनियोग बोल कर जल पृथ्वी पर डाले। दाएं हाथ में जल लेकर
                ऊँ ऐं ह्लीं श्रीं ब्रह्मास्त सिद्ध प्रयोग स्त्रोत मन्त्रस्य भगवान नारद ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, बगलामुखी देवता, हृं बीजम् ई शक्ति, लं कीलकं, मम सर्वार्थ-साधन-सिद्धयर्थे पाठे  विनियोमः। viniyog
आवाहन- 
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।
ध्यान-
सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम् 
हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम् 
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै 
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।

बगलामुखी मंत्रों का जाप- 
किसी छोटे कार्य के लिए १०००० तथा बहुत ही कठिन लगने वाले काम के लिए एक लाख मंत्र का जाप करना चाहिए। बगलामुखी मंत्र के जाप से पूर्व बगलामुखी कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। 

कैसा है मां का स्वरुप : मां नवयौवना हैं और पीले रंग की सा‌‌ड़ी धारण करती हैं ।वह स्वर्ण सिंहासन पर बैठती हैं । इनके तीन नेत्र और चार हाथ हैं । सिर पर सोने का मुकुट सजा रहता है । मां का शरीर स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत हैं। शरीर पतला और सुंदर, रंग गोरा तथा स्वर्ण जैसी कांति है । मां  अत्यंत सुंदर हैं और चेहरे पर हमेशा मुस्कान छाई रहती है। यह मुस्कान मन को मोह लेती है ।

maa baglamukhi ki kahani- मां बगलामुखी की कथा- पौराणिक कथा experience in baglamukhi sadhna के अनुसार सतयुग में ऐसा भयंकर तुफान आया कि यह तुफान सबकुछ नष्ट करने लगा। प्राणियों में हाहाकार मच गई। इस तुफान ने हर तरफ भयंकर तबाही मचा दी। इस प्रकार पृथ्वी के सारे प्राणियों का संहार होने लगा। जगत के पालनकर्त्ता भगवान विष्णु को अपनी संतानों की चिंता होने लगी। वह उनका जीवन बचाने के लिए सौराष्ट्र के हरिद्रा सरोवर में जाकर कठिन साधना करने लगे और मां बगलामुखी का ध्यान करने लगे। श्रीविद्या मां बगलामुखी के रूप में उस सरोवर में प्रकट हो गईं। इस प्रकार मां बगलामुखी ने उस विध्वंसकारी तूफान को तुरंत रोक दिया। 
 बगलामुखी महाविद्या पर भगवान विष्णु का तेज है इसलिए ही इन्हें मां वैष्णवी कहा जाता है। मंगलयुक्त चतुर्दशी की अर्धरात्रि में इसका प्रादुर्भाव हुआ था। श्री बगलामुखी को ब्रह्मास्त्र के नाम से भी जाना जाता है

 माँ बगलामुखी के पूजा के नियम और सावधानियां क्या हैं? experience in baglamukhi sadhna-

- माँ बगलामुखी पूजा तंत्र की पूजा है। इसे बिना किसी गुरु के नहीं करना चाहिए।

- पूजा में  पीले आसन, पीले वस्त्र, पीले फल और पीले नैवैद्य का प्रयोग करना चाहिए।

-  बगलामुखी मन्त्र जाप के लिए हल्दी की माला का प्रयोग करें।  

- शत्रुओं तथा अपने विरोधियों को शांत करने के लिए, बगलामुखी जन्मोत्सव पर इनकी साधना जरूर करें।

baglamukhi mata vrat 2020- माता बगलामुखी व्रत का बहुत ही महत्व है। इस व्रत को करने से हर मनोकामना पूरी होती है। 
मां बगलामुखी की उपासना व व्रत की विधी क्या है तथा baglamukhi sadhna niyam
- आप सबसे नहा धोकर पीले वस्त्र पहन लें।
-चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछा लें।
- baglamukhi yantra sthapana vidhi- चौकी के ऊपर माँ बगलामुखी के चित्र, यंत्र या प्रतिमा को स्थापित कर दें।
- मां की प्रतिमा के सामने अखंड दीपक जलायें।
- मां को उन्हे पीले फूल तथा पीला नैवेद्य अर्पित करें।
- सबसे पहले इनके भैरव, मृत्युंजय की उपासना करें।
-  ध्यान लगाकर बगला कवच baglamukhi kavach का पाठ करें।  
-  संकल्प लेकर माता बगलामुखी के मन्त्र का जाप करें।
-  baglamukhi mata ka mantra, baglamukhi raksha mantra बगलामुखी बीज मंत्र baglamukhi beej mantra, 
सुरक्षा कवच का मंत्ऱ  होगा - "ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्ववां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा"
- कम से कम छत्तीस हज़ार या एक लाख मंत्रो का जाप करें।   
- अनुष्ठान के बाद दशांश हवन भी करें।
- बगलामुखी जयंती के दिन baglamukhi path के बाद माँ बगलामुखी को दो गाँठ हल्दी की अर्पित करें।
- एक हल्दी की गाँठ अपने पास रख लें।
- दूसरी गाँठ को जल प्रवाहित कर दें।

baglamukhi havan benefits तथा baglamukhi pooja effects- मां बगलामुखी baglamukhi sadhna ke labh के हवन के बहुत लाभ हैं। हवन करने से शत्रुओं का नाश होता है, विरोधी शांत रहते हैं, चुनाव में जीत के लिए राजनेता बगलामुखी का पाठ करवाते हैं ताकि विरोधी उनके सामने टिक न सके। baglamukhi black magic के तौर पर भी तांत्रिक मां की साधना करते हैं और baglamukhi mantra miracle बहुत हैं। मां की उपासना से  दरिद्रता खत्म हो जाती है और समृद्धि आती है। परिवार में शांति बनी रहती है। मन प्रसन्न रहता है। दुश्मन आपके सामने टिक नहीं पाते। धन लाभ होना शुरु हो जाता है, कर्ज उतर जाता है, कारोबार चलने लगता है। गम्भीर बीमारी दूर हो जाती है। हवन करने वाले के चेहरे पर चमक रहती है कि किसी पर भी उसका प्रभाव तुरंत पड़ जाता है।

baglamukhi puja cost- baglamukhi puja cost- काम पर निर्भर करती है कि यदि काम आसान है तो कम मंत्रों का जाप करना पड़ता है और यदि काम कठिन है तो अधिक दिन व अधिक सामग्री की जरूरत होती है। baglamukhi puja cost हजारों रुपए से लेकर लाखों तक भी हो सकती है। यह baglamukhi puja cost पूजा की समान्य 5 हजार रुपए से शुरु होती है। केवल प्रार्थना करनी हो मामूली फीस ही लगती है। maa baglamukhi sadhana kendra patna bihar में भी है और maa baglamukhi मंदिर हिमाचल प्रदेश में भी है।


baglamukhi chalisa
॥ दोहा ॥
सिर नवाइ बगलामुखी,
लिखूं चालीसा आज ॥
कृपा करहु मोपर सदा,
पूरन हो मम काज ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय श्री बगला माता ।
आदिशक्ति सब जग की त्राता ॥

बगला सम तब आनन माता ।
एहि ते भयउ नाम विख्याता ॥

शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी ।
असतुति करहिं देव नर-नारी ॥

पीतवसन तन पर तव राजै ।
हाथहिं मुद्गर गदा विराजै ॥ 4 ॥

तीन नयन गल चम्पक माला ।
अमित तेज प्रकटत है भाला ॥

रत्न-जटित सिंहासन सोहै ।
शोभा निरखि सकल जन मोहै ॥

आसन पीतवर्ण महारानी ।
भक्तन की तुम हो वरदानी ॥

पीताभूषण पीतहिं चन्दन ।
सुर नर नाग करत सब वन्दन ॥ 8 ॥

एहि विधि ध्यान हृदय में राखै ।
वेद पुराण संत अस भाखै ॥

अब पूजा विधि करौं प्रकाशा ।
जाके किये होत दुख-नाशा ॥

प्रथमहिं पीत ध्वजा फहरावै ।
पीतवसन देवी पहिरावै ॥

कुंकुम अक्षत मोदक बेसन ।
अबिर गुलाल सुपारी चन्दन ॥ 12 ॥

माल्य हरिद्रा अरु फल पाना ।
सबहिं चढ़इ धरै उर ध्याना ॥

धूप दीप कर्पूर की बाती ।
प्रेम-सहित तब करै आरती ॥

अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे ।
पुरवहु मातु मनोरथ मोरे ॥

मातु भगति तब सब सुख खानी ।
करहुं कृपा मोपर जनजानी ॥ 16 ॥

त्रिविध ताप सब दुख नशावहु ।
तिमिर मिटाकर ज्ञान बढ़ावहु ॥

बार-बार मैं बिनवहुं तोहीं ।
अविरल भगति ज्ञान दो मोहीं ॥

पूजनांत में हवन करावै ।
सा नर मनवांछित फल पावै ॥

सर्षप होम करै जो कोई ।
ताके वश सचराचर होई ॥ 20 ॥

तिल तण्डुल संग क्षीर मिरावै ।
भक्ति प्रेम से हवन करावै ॥

दुख दरिद्र व्यापै नहिं सोई ।
निश्चय सुख-सम्पत्ति सब होई ॥

फूल अशोक हवन जो करई ।
ताके गृह सुख-सम्पत्ति भरई ॥

फल सेमर का होम करीजै ।
निश्चय वाको रिपु सब छीजै ॥ 24 ॥

गुग्गुल घृत होमै जो कोई ।
तेहि के वश में राजा होई ॥

गुग्गुल तिल संग होम करावै ।
ताको सकल बंध कट जावै ॥

बीलाक्षर का पाठ जो करहीं ।
बीज मंत्र तुम्हरो उच्चरहीं ॥

एक मास निशि जो कर जापा ।
तेहि कर मिटत सकल संतापा ॥ 28 ॥

घर की शुद्ध भूमि जहं होई ।
साध्का जाप करै तहं सोई ॥

सेइ इच्छित फल निश्चय पावै ।
यामै नहिं कदु संशय लावै ॥

अथवा तीर नदी के जाई ।
साधक जाप करै मन लाई ॥

दस सहस्र जप करै जो कोई ।
सक काज तेहि कर सिधि होई ॥ 32 ॥

जाप करै जो लक्षहिं बारा ।
ताकर होय सुयशविस्तारा ॥

जो तव नाम जपै मन लाई ।
अल्पकाल महं रिपुहिं नसाई ॥

सप्तरात्रि जो पापहिं नामा ।
वाको पूरन हो सब कामा ॥

नव दिन जाप करे जो कोई ।
व्याधि रहित ताकर तन होई ॥ 36 ॥

ध्यान करै जो बन्ध्या नारी ।
पावै पुत्रादिक फल चारी ॥

प्रातः सायं अरु मध्याना ।
धरे ध्यान होवैकल्याना ॥

कहं लगि महिमा कहौं तिहारी ।
नाम सदा शुभ मंगलकारी ॥

पाठ करै जो नित्या चालीसा ।
तेहि पर कृपा करहिं गौरीशा ॥ 40 ॥

॥ दोहा ॥
सन्तशरण को तनय हूं,
कुलपति मिश्र सुनाम ।
हरिद्वार मण्डल बसूं ,
धाम हरिपुर ग्राम ॥

उन्नीस सौ पिचानबे सन् की,
श्रावण शुक्ला मास ।
चालीसा रचना कियौ,
तव चरणन को दास ॥

baglamukhi jayanti 2021- When is Baglamukhi Jayanti?

According to the Hindu calendar, the occasion of Baglamukhi Jayanti is celebrated in the month of Vaisakh during the Shukla Paksha on the 8th day baglamukhi day (Ashtami Tithi). As per the Gregorian calendar, the day is celebrated in the month of May or April.

baglamukhi yantra-

baglamukhi havan samagri list- हवन सामग्री:- मां बगुलामुखी के हवन के लिए हल्दी, मालकाँगनी, तिल, बूरा, हरताल, घी में सान कर पाठ के हरेक स्वाहा पर आहुति देते हैं। अन्तिम आहुति प्रत्येक पाठ के बाद खीर की देते हैं। इसका तर्पण-मार्जन नहीं होता है। खीर-दूध में तिल डाल कर सख्त खीर बना ली जाती है। उसमें केसर व शहद भी मिला लिया जाता है।

baglamukhi mata vrat 2020- माता बगलामुखी व्रत का बहुत ही महत्व है। इस व्रत को करने से हर मनोकामना पूरी होती है। 

what is dus mahavidya- दश विद्या महा शक्ति के 10 स्वरूप हैं जो तेज ऊर्जा व शक्ति के परिचायक हैं। इन शक्तियों का प्रयोग कुंडलीनी खोलने व मोक्ष प्राप्त करने के लिए किया जाता है। The dus  Mahavidya is a group of ten aspects of Shakti. Dus means ten and mahavidhya, comes from the root of Sanskrit words Maha and Vidya in which Maha means great and Vidya stands for education that results in enlightening or nirvana.The Ten Mahavidyas are known as Wisdom Goddess.  many of the tantrik puja and sadhanas, the worshipping and showing devotion to the ten powerful forms of tantra goddess is called Dus Mahavidhya.

Call us: +91-98726-65620
E-Mail us: info@bhrigupandit.com

Tags- baglamukhi puja cost, baglamukhi puja vidhi in hindi pdf, baglamukhi beej mantra, baglamukhi kavach, baglamukhi path, baglamukhi chalisa, baglamukhi yantra, maa baglamukhi jayanti 2020, baglamukhi puja cost, baglamukhi day, baglamukhi havan samagri list, baglamukhi sadhna anubhav, baglamukhi pooja effects, maa baglamukhi sadhana kendra patna bihar, baglamukhi mata vrat 2020, baglamukhi sadhna niyam, maa baglamukhi ki kahani, experience in baglamukhi sadhna, baglamukhi sadhna ke labh, baglamukhi raksha mantra, baglamukhi mata image download, baglamukhi viniyog, maa baglamukhi jayanti 2020, baglamukhi yantra sthapana vidhi, baglamukhi mata ka mantra, maa baglamukhi beej mantra, baglamukhi temple, baglamukhi yantra, baglamukhi devi ki photo, baglamukhi kavach, baglamukhi puja effects in hindi, baglamukhi black magic, baglamukhi mantra miracle, what is dus mahavidya,shivology








Comments

astrologer bhrigu pandit

नींव, खनन, भूमि पूजन एवम शिलान्यास मूहूर्त

मूल नक्षत्र कौन-कौन से हैं इनके प्रभाव क्या हैं और उपाय कैसे होता है- Gand Mool 2023

बच्चे के दांत निकलने का फल | bache ke dant niklne kaa phal