8 वीं फेल बना करोड़पति, मुकेश अंबानी भी हैं ग्राहक- improve your stars
नई दिल्ली (bhrigupandit.com): बच्चे क्या नहीं कर सकते, कभी अपनी असपलता से वे हौसला न हारें तो वे दुनिया को दिखा सकते हैं कि वे भी कुछ कर सकते हैं। 23 वर्ष की उम्र में किसी भी युवा व्यक्ति के पास अनेक आइडिया होते हैं। लुधियाना के इस लड़के ने ऐसी सफलता प्राप्त की जिसके बारे में बहुत से लोग सिर्फ सोच ही सकते हैं। स्कूल ड्रॉपआउट त्रिशनित अरोड़ा ने एक नैतिक हैकर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उसने उत्तर भारत की पहली साइबर एमरजेंसी रिस्पोंस टीम स्थापित की है। त्रिशनित अब करोड़पति बन चुके हैं और उनके क्लाइंट मुकेश अंबानी से लेकर देश विदेश की कई बड़ी कंपनियां हैं। त्रिशनित अरोड़ा की सक्सेज स्टोरी भी किसी अजूबे से कम नहीं है। साइबर सुरक्षा के लिए वे विभिन्न कम्पनियों का काम देख रहे हैं।
अरोड़ा 8वीं कक्षा की परीक्षा में फेल हो गए थे और उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। सेल्फ स्टडी, पिता के कंप्यूटर में एक्पीरिमेंट करके देखना और यूट्यूब पर वीडियो देखकर खुद भी प्रयोग करना एक लाभकारी कदम साबित हुआ। जब कभी भी साइबर सुरक्षा का उल्लंघन होता है तब उन्हें बुलाया जाता है। 22 साल की उम्र में खुद की कंपनी खोल ली सातवीं कक्षा के बाद उन्होंने डिस्टेंस एजुकेशन सिस्टम के द्वारा अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करके बीसीए किया और 19 साल की उम्र में कंप्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग करना सीख गए। 22 साल की उम्र में त्रिशनित ने अपनी खुद की कंपनी खोल ली। लुधियाना में उनका कॉर्पोरेट ऑफिस है तथा इसके अलावा उनके वर्चुअल ऑफिस दुबई और यू. के. में भी है।
उनके क्लाइंट्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सीबीआई, पंजाब पुलिस और गुजरात पुलिस हैं। उनका कहना है कि 50 फाच्र्यून 500 कंपनियां अब उनके क्लाइंट्स हैं। त्रिशनित अपने क्लाइंट्स की साइट्स को साइबर चोरी से बचाने का काम करते हैं। उनका विश्वास है कि यदि साइबर अटैक होता है तो उनके सामने एक बहुत बड़ा मार्केट है जहां क्लाइंट्स का सारा ऑनलाइन डेटा चोरी हो जाता है जिसे वे सुरक्षित कर सकते हैं। 2 करोड़ टर्न ओवर का लक्ष्य उनका लक्ष्य 2 करोड़ टर्न ओवर का है। त्रिशनित ने हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा, द हैकिंग एरा और हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स नाम से किताबें भी लिखी हैं। त्रिशनित का कहना है कि उन्हें अभी काफी आगे बढऩा है। वह अपना अगला निशाना अमेरिका को बना रहे हैं जहां से उन्हें काफी ग्राहक मिल रहे हैं।
अरोड़ा 8वीं कक्षा की परीक्षा में फेल हो गए थे और उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। सेल्फ स्टडी, पिता के कंप्यूटर में एक्पीरिमेंट करके देखना और यूट्यूब पर वीडियो देखकर खुद भी प्रयोग करना एक लाभकारी कदम साबित हुआ। जब कभी भी साइबर सुरक्षा का उल्लंघन होता है तब उन्हें बुलाया जाता है। 22 साल की उम्र में खुद की कंपनी खोल ली सातवीं कक्षा के बाद उन्होंने डिस्टेंस एजुकेशन सिस्टम के द्वारा अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करके बीसीए किया और 19 साल की उम्र में कंप्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग करना सीख गए। 22 साल की उम्र में त्रिशनित ने अपनी खुद की कंपनी खोल ली। लुधियाना में उनका कॉर्पोरेट ऑफिस है तथा इसके अलावा उनके वर्चुअल ऑफिस दुबई और यू. के. में भी है।
उनके क्लाइंट्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सीबीआई, पंजाब पुलिस और गुजरात पुलिस हैं। उनका कहना है कि 50 फाच्र्यून 500 कंपनियां अब उनके क्लाइंट्स हैं। त्रिशनित अपने क्लाइंट्स की साइट्स को साइबर चोरी से बचाने का काम करते हैं। उनका विश्वास है कि यदि साइबर अटैक होता है तो उनके सामने एक बहुत बड़ा मार्केट है जहां क्लाइंट्स का सारा ऑनलाइन डेटा चोरी हो जाता है जिसे वे सुरक्षित कर सकते हैं। 2 करोड़ टर्न ओवर का लक्ष्य उनका लक्ष्य 2 करोड़ टर्न ओवर का है। त्रिशनित ने हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा, द हैकिंग एरा और हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स नाम से किताबें भी लिखी हैं। त्रिशनित का कहना है कि उन्हें अभी काफी आगे बढऩा है। वह अपना अगला निशाना अमेरिका को बना रहे हैं जहां से उन्हें काफी ग्राहक मिल रहे हैं।
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