Gemini - मिथुन राशि का मासगत फलादेश - 2019

मिथुन राशि का मासगत फलादेश - 2019

मिथुन राशि  ( का, की,कु, घ, ड़,छ,के,को, ह)  वर्ष फल वृष राशि पर वर्ष भर शनि की सप्तम दृष्टि रहने के कारणउत्तेजाना, पेट,वायु संबंधी रोगों की सम्भावना है। बेकार की दौड़धूप, गुप्त चिंताएं, बन्धु विरोध तथा स्वास्थ्य संबंधी कष्ट रहें। 29 मार्च से 23अप्रैल तक, दोबारा 4 नवम्बर से वर्ष के अंत तक गुरु की सप्तम दृष्टि रहने से  बनते कामों में देरी, अड़चने, धन हानि, शत्रु प्रबल रहेंगे और खर्चों में काफी बढ़ौतरी रहेगी लेकिन आय के साधन भी बनते रहेंगे।  20 जनवरी  से 6 फरवरी तक राशि स्वामी बुध अष्टमस्थ होने से शरीर कष्ट,  संतान, पारिवारिक व सेहत संबधी उलझने बढ़ेंगी। 25 फरवरी से 14 मार्च तक फिर 12 अप्रैल से 2 मई तक बुध मीनस्थ (नीच राशि)  होने से स्वास्थ हानि, मानसिक तनाव, बनते कामों में विघ्न तथा निकट बंधुओं से तनाव रहेगा। 7 मार्च से वर्ष के अंत तक राहु का संचार रहेगा।Gemini - मिथुन राशि का मासगत फलादेश - 2019

 जनवरी- सूर्य-बुध-शनि-मंगल आदि ग्रहों की संयुक्त दृष्टियां रहने  से मिश्रित प्रभाव घटित होंगे। मान-सम्मान में होगी बढ़ौतरी, धार्मिक काम भी सम्पन्न होंगे निर्वाह योग्य आय के साधन भी बनेंगे, कुछ रुके हुए काम बनेंगे। परिवार में मनमुटाव के कारण मन अंशात रहेगा।
उपाय- मकर संक्राति के दिन तिल गुड़ युक्त से मिठाई,गर्म वस्त्रों का दान शुभ प्रभाव देगा।

फरवरी-  बनते कामों में विध्न, निकट बंधुओं में मतभेद रहेगा, स्वभाव में तेजी रहेगी । चोट लगने का भी भय रहेगा इसलिए एहतिहात रखें। गुप्त चिंताएं रहेंगी व अनावश्यक खर्चों में वृद्दि रहेगी। सेहत संबंधी परेशानी भी रहेगी मानसिक तनाव व गुप्त रोग के कारण परेशानी रहेगी। निर्वाह योग्य साधन बनते रहेंगे। मन अशांत रहेगा। परिवार में शुभ मंगल कार्य भी सफल होंगे।
उपाय- 4 फरवरी को श्री नारायण कवच, पितृस्त्रोत का पाठ करना शुभ रहेगा।
मार्च- बुध निचस्थ व वक्री  रहने के कारण मानसिक परेशानी, बेकार की दौड़-धूप व धन हानि होगी। माता-पिता से अनबन, सेहत में खराबी, अपनों से मनमुटाव,धन हानि रहेगी। 
अप्रैल- कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी, संबंधी नई योजनाएं बनेंगी, यध्यपि निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। उन्नति के साधन बनेंगे, धन लाभ होगा,काम आगे बढ़ेंगे।  सांझेदारी में हानि हो सकती है इसलिए किसी भी साझेदारी के काम में पैसा लगाने से गुरेज करें। धर्म कर्म के कामों में व्यय होगा, धार्मिक विचारों का प्रवाह होगा।
मई- राहु का संचार रहने से कामों में विघ्न, धन हानि, बेकार में नाम खराब होगा, स्वास्थ्य हानि, शारीरिक कष्ट, आय कम व बेकार के खर्च अधिक रहेंगे।
 शत्रु हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे। 18 मई से बुध द्वादस्थ होने से एहतिहात वाला समय रहेगा शारीरिक कष्ट होंगे। क्रोध की अधिकता के कारण कोई काम बिगड़ सकता है।

जून- लग्न राशि पर बुध-राहु योग होने से कार्य में विघ्न व सोची योजनाओं पर कार्यरूप देने से विलम्ब के योग होंगे। वृथा भागदौड़,धन हानि,स्वास्थय में परेशानी व क्रय-विक्रय के कामों में परेशानी होगी।
जुलाई- व्यवसाय के क्षेत्र में भागदौड़  रहेगी, अनिश्चितता के हालात बनेंगे। बुध वक्री रहने से स्वास्थय के प्रति कुछ न कुछ परेशानी रहेगी। आय के सादन साधारण रूप से होंगे,कार्य क्षेत्र में वृथा दौड़ धूप रहेगी, खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा।  संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा।
अगस्त-  संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा।  रक्त विकार होगा, शरीर कष्ट तथा अशुभ फल होंगे। निकट बंधुओं से विरोद व मतभेद पैदा हो सकता है।  ज्यादा मेहनत करने पर भी उचित  फल प्राप्त नहीं होंगे।
सितम्बर- 10 सितम्बर के बाद अचानत लाभ होगा लेकिन लेन-देन का काम सावधानी से करें। आय कम होगी व खर्च बहुत ही अधिक रहेंगे, व्यर्थ की भागदौड़, धन की हानि, स्वास्थय संबंधी कष्ट व चिंता बढ़ेगी। मन में अशांति व क्रोध के कारण कोई बनता काम बिगड़ सकता है । आशा के अनुरूप परिजनों का सहयोग आवश्यक रहेगा।
अमावस्या के दिन 28 सितम्बर को पितृस्त्रोत का पाठ करना शुभ रहेगा।
अक्तूबर- धीरे- धीरे परिस्थतियों में सुधार होगा, धन लाभ के नए रास्ते बनेंगे, संर्घषपूर्ण परिस्थितयों के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा व काम बनेंगे। कोई बिगड़ा हुआ काम अचानक बन सकता है। आय से खर्च अधिक , मानसिक परेशानी, स्वास्थय ढीला, भाई-बंधू से मतभेद, संतान संबंधी चिंता व सरकारी क्षेत्रों में परेशानी रहेगी।
नवम्बर- धर्म कर्म की तरफ ध्यान जाएगा, धन लाभ साधारण रूप से होगा। कार्य क्षेत्र में दौड़धूप अधिक रहेगी। खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। परिश्रम के बाद ही कोई  काम सिरे चढ़ेगा।  स्वास्थय संबंधी विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
दिसम्बर- कुछ सोची हुई योजनाओं में आंशिक सफलता मिलेगी।  शरीर कष्ट, गुप्त चिंता, पेट व लीवर में खराबी के योग हैं।  कुछ रुके हुए काम बनेंगे परन्तु क्रोध व उत्तेजना बढ़ेगी।  स्वास्थय का विशेष ध्यान रखें। उच्च लोगों से सम्पर्क के साधन बनेंगे और लाभ मिलेगा।
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