LEO- सिंह राशि का मासगत फलादेश - 2019
सिंह राशि का मासगत फलादेश - 2019
सिंह राशि ( म,मी,मूू,मे,मो,टा,टी,टू,टे,टो) वर्षारम्भ से 13 जनवरी तक सूर्य शनि योग होने से निकट बंधुओं से तनाव व मतभेद रहें। 14 जवनरी से 12 फरवरी तक सू्र्य षष्ठस्थ रहने से कार्यों में देरी होगी, क्रोध का प्रभाव रहेगा, इससे आप बचें। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक सूर्य अष्टमस्थ होने से पिता एवम स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। 29 मार्च से 22 अप्रैल तक तथा फिर 5 नवम्बर से वर्षांत तक गुरु की शुभ दृष्टि इ राशि पर रहने से धार्मिक कार्यों में व्यस्तता तथा अध्यात्म की तरफ ध्यान रहेगा। खर्चों में काफी बढ़ौतरी रहेगी लेकिन आय के साधन भी बनते रहेंगे। परिवार घर में आध्यात्मिक वातावरण होगा।
जनवरी- मासारम्भ में राशि स्वामी सूर्य पंचमस्थ शिन युक्त होने से मिश्रित फल मिलेंगे। कार्य व्यवसाय में उन्नति के साधन प्रशस्त होंगे मान-सम्मान में होगी बढ़ौतरी, धार्मिक काम भी सम्पन्न होंगे निर्वाह योग्य आय के साधन भी बनेंगे, कुछ रुके हुए काम बनेंगे। लेकिन परिवार में मनमुटाव के कारण मन अंशात रहेगा। आर्थिक क्षेत्र में उतार चढ़ाव तथा कौटुम्बिक समस्याएं बढ़ेंगी।
उपाय 17 जनवरी को परिवार व संतान की वृद्धि के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत का पालन करना अच्छा रहेगा। मकर संक्राति के दिन तिल गुड़ युक्त से मिठाई,गर्म वस्त्रों का दान शुभ प्रभाव देगा।
फरवरी- गुरु के प्रभाव के कारण परिवार में धार्मिक काम होंगे। बनते कामों में विध्न, निकट बंधुओं में मतभेद रहेगा, स्वभाव में तेजी रहेगी । चोट लगने का भी भय रहेगा इसलिए एहतिहात रखें। गुप्त चिंताएं रहेंगी व अनावश्यक खर्चों में वृद्दि रहेगी। सेहत संबंधी परेशानी भी रहेगी मानसिक तनाव व गुप्त रोग के कारण परेशानी रहेगी। निर्वाह योग्य साधन बनते रहेंगे। मन अशांत रहेगा। परिवार में शुभ मंगल कार्य भी सफल होंगे। किसी से धोखा मिलने की सम्भावना रहेगी।
उपाय- तीर्थ स्नान करके यथा शक्ति दान करना अत्यंत शुभ रहेगा।
मार्च- ग्बिगड़े कामों में सुधार तथा कार्यों में सिद्धि के योग भाग्यवश बनेंगे, पारिवारिक माहौल में कुछ सुखद परिवर्तन होंगे। भूमि आदि को खरीदेंगे,धर्म-कर्म में रिझान रहेगा। कार्यों में विघन व माता-पिता की सेहत परेशानी का कारण बनेगी। मानसिक परेशानी, बेकार की दौड़-धूप व धन हानि होगी। माता-पिता से अनबन, सेहत में खराबी, अपनों से मनमुटाव,धन हानि रहेगी।
अप्रैल- कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी, संबंधी नई योजनाएं बनेंगी, यध्यपि निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। उन्नति के साधन बनेंगे, धन लाभ होगा,काम आगे बढ़ेंगे। सांझेदारी में हानि हो सकती है इसलिए किसी भी साझेदारी के काम में पैसा लगाने से गुरेज करें। धर्म कर्म के कामों में व्यय होगा, धार्मिक विचारों का प्रवाह होगा।
मई- मंगल की दृष्टि रहने से निर्वाह योग्य साधन बनते रहेंगे।किसी नवीन कार्य को शुरु करेंगे, स्थान परिवर्तन से घर में क्लेश रहेगा। रुका हुआ काम बनेगा, कामों में विघ्न, धन हानि, बेकार में नाम खराब होगा, स्वास्थ्य हानि, शारीरिक कष्ट, आय कम व बेकार के खर्च अधिक रहेंगे।
शत्रु हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे। एहतिहात वाला समय रहेगा शारीरिक कष्ट होंगे। क्रोध की अधिकता के कारण कोई काम बिगड़ सकता है।
जून- मेहनत करने से कोई रुका हूआ काम बनेगा। विद्या व व्यवसाए के क्षेत्र में संघर्ष करना होगा, कार्य में विघ्न व सोची योजनाओं पर कार्यरूप देने से विलम्ब के योग होंगे। वृथा भागदौड़,धन हानि,स्वास्थय में परेशानी व क्रय-विक्रय के कामों में परेशानी होगी, पेट विकार से कष्ट होगा। शनि-केतु के प्रभाव के कारण संतान संबंधी परेशानी रहेगी।
जुलाई- व्यवसाय के क्षेत्र में भागदौड़ रहेगी, अनिश्चितता के हालात बनेंगे। स्वास्थय के प्रति कुछ न कुछ परेशानी रहेगी। आय के सादन साधारण रूप से होंगे,कार्य क्षेत्र में वृथा दौड़ धूप रहेगी, खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा।
अगस्त- भाग्येश मंगल नीचराशिस्थ सूर्य युक्त होने के कारण आशा के विपरीत खर्च होगा। संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। उच्च प्रतिष्ठित लोगों से सम्पर्क स्थापित होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी,धर्म कर्म के कामों में रुचि बढ़ेगी, वाहन सवारी आदि के सुख साधनों में वृद्धि होगी। यदा-कदा अवसरों के की लाभ मिलेंगे।उत्साह में वृद्धि व संबंधियों का सहयोग मिलेगा। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा। रक्त विकार होगा, शरीर कष्ट तथा अशुभ फल होंगे। निकट बंधुओं से विरोद व मतभेद पैदा हो सकता है। ज्यादा मेहनत करने पर भी उचित फल प्राप्त नहीं होंगे।
सितम्बर- धन लाभ होगा, मान-सम्मान मिलेगा। कोई रुका हुआ काम बनेगा। संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। उच्च प्रतिष्ठित लोगों से सम्पर्क स्थापित होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी,धर्म कर्म के कामों में रुचि बढ़ेगी, वाहन सवारी आदि के सुख साधनों में वृद्धि होगी। यदा-कदा अवसरों के की लाभ मिलेंगे। उत्साह में वृद्धि व संबंधियों का सहयोग मिलेगा। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा। रक्त विकार होगा, शरीर कष्ट तथा अशुभ फल होंगे। निकट बंधुओं से विरोद व मतभेद पैदा हो सकता है। अचानत लाभ होगा लेकिन लेन-देन का काम सावधानी से करें। आय कम होगी व खर्च बहुत ही अधिक रहेंगे, व्यर्थ की भागदौड़, धन की हानि, स्वास्थय संबंधी कष्ट व चिंता बढ़ेगी। मन में अशांति व क्रोध के कारण कोई बनता काम बिगड़ सकता है । आशा के अनुरूप परिजनों का सहयोग आवश्यक रहेगा।
अमावस्या के दिन 28 सितम्बर को पितृस्त्रोत का पाठ करना शुभ रहेगा।
अक्तूबर- धीरे- धीरे परिस्थतियों में सुधार होगा, धन लाभ के नए रास्ते बनेंगे, संर्घषपूर्ण परिस्थितयों के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा व काम बनेंगे। कोई बिगड़ा हुआ काम अचानक बन सकता है। आय से खर्च अधिक , मानसिक परेशानी, स्वास्थय ढीला, भाई-बंधू से मतभेद, संतान संबंधी चिंता व सरकारी क्षेत्रों में परेशानी रहेगी। दूर की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं।
नवम्बर- सूर्य नीच राशिगत संचार करने से कारोबार में उतार चढ़ाव व संघर्ष रहेगा। माता-पिता से मतभेद रहेगा, पैतृक सम्पत्ति से विवाद हो सकता है। कानूनी परेशानी भी आड़े आ सकती है। सरकारी विभाग में काम रुके रहेंगे। धर्म कर्म की तरफ ध्यान जाएगा, धन लाभ साधारण रूप से होगा। कार्य क्षेत्र में दौड़धूप अधिक रहेगी। खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। परिश्रम के बाद ही कोई काम सिरे चढ़ेगा। स्वास्थय संबंधी विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
दिसम्बर- 16 दिसम्बर के बाद चतुग्रही योग(सूर्य, गुरू, शनि, केतु) होने के कारण परिवार में माहौल असुखद रहेगा। परिजनों में मन-मुटाव होगा। किसी नए काम की योजना भी बनेगी। कुछ सोची हुई योजनाओं में आंशिक सफलता मिलेगी। परंतु शरीर कष्ट, गुप्त चिंता, पेट व लीवर में खराबी के योग हैं। कुछ रुके हुए काम बनेंगे परन्तु क्रोध व उत्तेजना बढ़ेगी। स्वास्थय का विशेष ध्यान रखें। उच्च लोगों से सम्पर्क के साधन बनेंगे
और लाभ मिलेगा।
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सिंह राशि ( म,मी,मूू,मे,मो,टा,टी,टू,टे,टो) वर्षारम्भ से 13 जनवरी तक सूर्य शनि योग होने से निकट बंधुओं से तनाव व मतभेद रहें। 14 जवनरी से 12 फरवरी तक सू्र्य षष्ठस्थ रहने से कार्यों में देरी होगी, क्रोध का प्रभाव रहेगा, इससे आप बचें। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक सूर्य अष्टमस्थ होने से पिता एवम स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। 29 मार्च से 22 अप्रैल तक तथा फिर 5 नवम्बर से वर्षांत तक गुरु की शुभ दृष्टि इ राशि पर रहने से धार्मिक कार्यों में व्यस्तता तथा अध्यात्म की तरफ ध्यान रहेगा। खर्चों में काफी बढ़ौतरी रहेगी लेकिन आय के साधन भी बनते रहेंगे। परिवार घर में आध्यात्मिक वातावरण होगा।
जनवरी- मासारम्भ में राशि स्वामी सूर्य पंचमस्थ शिन युक्त होने से मिश्रित फल मिलेंगे। कार्य व्यवसाय में उन्नति के साधन प्रशस्त होंगे मान-सम्मान में होगी बढ़ौतरी, धार्मिक काम भी सम्पन्न होंगे निर्वाह योग्य आय के साधन भी बनेंगे, कुछ रुके हुए काम बनेंगे। लेकिन परिवार में मनमुटाव के कारण मन अंशात रहेगा। आर्थिक क्षेत्र में उतार चढ़ाव तथा कौटुम्बिक समस्याएं बढ़ेंगी।
उपाय 17 जनवरी को परिवार व संतान की वृद्धि के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत का पालन करना अच्छा रहेगा। मकर संक्राति के दिन तिल गुड़ युक्त से मिठाई,गर्म वस्त्रों का दान शुभ प्रभाव देगा।
फरवरी- गुरु के प्रभाव के कारण परिवार में धार्मिक काम होंगे। बनते कामों में विध्न, निकट बंधुओं में मतभेद रहेगा, स्वभाव में तेजी रहेगी । चोट लगने का भी भय रहेगा इसलिए एहतिहात रखें। गुप्त चिंताएं रहेंगी व अनावश्यक खर्चों में वृद्दि रहेगी। सेहत संबंधी परेशानी भी रहेगी मानसिक तनाव व गुप्त रोग के कारण परेशानी रहेगी। निर्वाह योग्य साधन बनते रहेंगे। मन अशांत रहेगा। परिवार में शुभ मंगल कार्य भी सफल होंगे। किसी से धोखा मिलने की सम्भावना रहेगी।
उपाय- तीर्थ स्नान करके यथा शक्ति दान करना अत्यंत शुभ रहेगा।
मार्च- ग्बिगड़े कामों में सुधार तथा कार्यों में सिद्धि के योग भाग्यवश बनेंगे, पारिवारिक माहौल में कुछ सुखद परिवर्तन होंगे। भूमि आदि को खरीदेंगे,धर्म-कर्म में रिझान रहेगा। कार्यों में विघन व माता-पिता की सेहत परेशानी का कारण बनेगी। मानसिक परेशानी, बेकार की दौड़-धूप व धन हानि होगी। माता-पिता से अनबन, सेहत में खराबी, अपनों से मनमुटाव,धन हानि रहेगी।
अप्रैल- कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी, संबंधी नई योजनाएं बनेंगी, यध्यपि निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। उन्नति के साधन बनेंगे, धन लाभ होगा,काम आगे बढ़ेंगे। सांझेदारी में हानि हो सकती है इसलिए किसी भी साझेदारी के काम में पैसा लगाने से गुरेज करें। धर्म कर्म के कामों में व्यय होगा, धार्मिक विचारों का प्रवाह होगा।
मई- मंगल की दृष्टि रहने से निर्वाह योग्य साधन बनते रहेंगे।किसी नवीन कार्य को शुरु करेंगे, स्थान परिवर्तन से घर में क्लेश रहेगा। रुका हुआ काम बनेगा, कामों में विघ्न, धन हानि, बेकार में नाम खराब होगा, स्वास्थ्य हानि, शारीरिक कष्ट, आय कम व बेकार के खर्च अधिक रहेंगे।
शत्रु हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे। एहतिहात वाला समय रहेगा शारीरिक कष्ट होंगे। क्रोध की अधिकता के कारण कोई काम बिगड़ सकता है।
जून- मेहनत करने से कोई रुका हूआ काम बनेगा। विद्या व व्यवसाए के क्षेत्र में संघर्ष करना होगा, कार्य में विघ्न व सोची योजनाओं पर कार्यरूप देने से विलम्ब के योग होंगे। वृथा भागदौड़,धन हानि,स्वास्थय में परेशानी व क्रय-विक्रय के कामों में परेशानी होगी, पेट विकार से कष्ट होगा। शनि-केतु के प्रभाव के कारण संतान संबंधी परेशानी रहेगी।
जुलाई- व्यवसाय के क्षेत्र में भागदौड़ रहेगी, अनिश्चितता के हालात बनेंगे। स्वास्थय के प्रति कुछ न कुछ परेशानी रहेगी। आय के सादन साधारण रूप से होंगे,कार्य क्षेत्र में वृथा दौड़ धूप रहेगी, खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा।
अगस्त- भाग्येश मंगल नीचराशिस्थ सूर्य युक्त होने के कारण आशा के विपरीत खर्च होगा। संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। उच्च प्रतिष्ठित लोगों से सम्पर्क स्थापित होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी,धर्म कर्म के कामों में रुचि बढ़ेगी, वाहन सवारी आदि के सुख साधनों में वृद्धि होगी। यदा-कदा अवसरों के की लाभ मिलेंगे।उत्साह में वृद्धि व संबंधियों का सहयोग मिलेगा। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा। रक्त विकार होगा, शरीर कष्ट तथा अशुभ फल होंगे। निकट बंधुओं से विरोद व मतभेद पैदा हो सकता है। ज्यादा मेहनत करने पर भी उचित फल प्राप्त नहीं होंगे।
सितम्बर- धन लाभ होगा, मान-सम्मान मिलेगा। कोई रुका हुआ काम बनेगा। संयम व गम्भीरता से काम करने पर ही कार्य सिद्धि के योग बनेंगे। उच्च प्रतिष्ठित लोगों से सम्पर्क स्थापित होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी,धर्म कर्म के कामों में रुचि बढ़ेगी, वाहन सवारी आदि के सुख साधनों में वृद्धि होगी। यदा-कदा अवसरों के की लाभ मिलेंगे। उत्साह में वृद्धि व संबंधियों का सहयोग मिलेगा। किसी उच्चाधिकारी के सहयोग से सरकारी समस्या का हल होगा। रक्त विकार होगा, शरीर कष्ट तथा अशुभ फल होंगे। निकट बंधुओं से विरोद व मतभेद पैदा हो सकता है। अचानत लाभ होगा लेकिन लेन-देन का काम सावधानी से करें। आय कम होगी व खर्च बहुत ही अधिक रहेंगे, व्यर्थ की भागदौड़, धन की हानि, स्वास्थय संबंधी कष्ट व चिंता बढ़ेगी। मन में अशांति व क्रोध के कारण कोई बनता काम बिगड़ सकता है । आशा के अनुरूप परिजनों का सहयोग आवश्यक रहेगा।
अमावस्या के दिन 28 सितम्बर को पितृस्त्रोत का पाठ करना शुभ रहेगा।
अक्तूबर- धीरे- धीरे परिस्थतियों में सुधार होगा, धन लाभ के नए रास्ते बनेंगे, संर्घषपूर्ण परिस्थितयों के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा व काम बनेंगे। कोई बिगड़ा हुआ काम अचानक बन सकता है। आय से खर्च अधिक , मानसिक परेशानी, स्वास्थय ढीला, भाई-बंधू से मतभेद, संतान संबंधी चिंता व सरकारी क्षेत्रों में परेशानी रहेगी। दूर की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं।
नवम्बर- सूर्य नीच राशिगत संचार करने से कारोबार में उतार चढ़ाव व संघर्ष रहेगा। माता-पिता से मतभेद रहेगा, पैतृक सम्पत्ति से विवाद हो सकता है। कानूनी परेशानी भी आड़े आ सकती है। सरकारी विभाग में काम रुके रहेंगे। धर्म कर्म की तरफ ध्यान जाएगा, धन लाभ साधारण रूप से होगा। कार्य क्षेत्र में दौड़धूप अधिक रहेगी। खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। परिश्रम के बाद ही कोई काम सिरे चढ़ेगा। स्वास्थय संबंधी विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
दिसम्बर- 16 दिसम्बर के बाद चतुग्रही योग(सूर्य, गुरू, शनि, केतु) होने के कारण परिवार में माहौल असुखद रहेगा। परिजनों में मन-मुटाव होगा। किसी नए काम की योजना भी बनेगी। कुछ सोची हुई योजनाओं में आंशिक सफलता मिलेगी। परंतु शरीर कष्ट, गुप्त चिंता, पेट व लीवर में खराबी के योग हैं। कुछ रुके हुए काम बनेंगे परन्तु क्रोध व उत्तेजना बढ़ेगी। स्वास्थय का विशेष ध्यान रखें। उच्च लोगों से सम्पर्क के साधन बनेंगे
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