amritsar train accident | अमृतसर में दशहरे दौरान ट्रेन हादसा 4 दर्जन से अधिक लोगों के मरने की अाशंका

Image result for train accident in amritsar hindiamritsar train accident | अमृतसर में दशहरे दौरान ट्रेन हादसा 2 दर्जन से अधिक लोगों के मरने की अाशंका

अमृतसर अाज अमृतसर के जौड़ा फाटक के पास दुखदायक दर्दनाक हादसा होने के कारण 4 दर्जन से अधिक  लोगों के मरने की अाशंका है। रेलवे लाइन के पास अाज सायं दशहरा मनाया जा रहा । इस दौरान लोग रेलवे ट्रैक के पास खड़े होकर राहण दहन देख रहे थे। एेसा कहा जा रहा है कि इस दौरान भगदड़ मच गई लोग रेलवे लाइन की तरफ भागने लगे तो दोनों अोर से ट्रेने अा गईं लोग समझ ही नहीं पाए अौर इन दोनों ट्रेनों की चपेट में अा गए। इस हादसे में 2 दर्जन लोगों के मरने व लगभग 50 लोगों के मारे जाने की अाशंका है। एेसा भी कहा जा सकता है कि यह ट्रैक कई दिनों से बंद था इस लिए लोग यहां पर बेफिक्र होकर रावण दहन का कार्यक्रम देख रहे थे। लेकिन रेलवे प्रशासन ने कब यह ट्रैक खोल दिया अौर इस पर रेलगाड़ियां चला दी, इस बारे किसी को कोई सूचना नहीं दी गई।
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रेलवे फाटक के निकट रावण दहन की किसने दी अनुमति
अब यह बात सामने अा रही है कि रेल लाइन के पास रावण दहन की किसने दी थी अनुमति। कुछ लोग कह रहे हैं कि रेलवे लाइन के पास किसी को एेसे कार्यक्रम करने की अाज्ञा नहीं दी जा सकती लेकिन फिर भी यह कार्यक्रम हुअा।
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लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए नहीं थी पुलिस
एेसा भी कहा जा रहा है कि यहां लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए कोई पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था।
 एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कांग्रेस की तरफ से अायोजित इस कार्यक्रम की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इस क्रार्यक्रम का उद्घाटन करने नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी पुहंची हुई थी।
इस हादसे से प्रदेश में शोक की लहर
इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रदेश व पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई है।
मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मरने वालों के परिजनों से संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों को हर सम्भव सहायता देने की भी बात कही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों  को पीड़ितों को हर सम्भव सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टंन अमरेन्द्र सिंह ने 5 लाख का मुअावजा देने की घोषणा की
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के इस दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को तुरंत 5-5 लाख रुपए मुअावजा देने की घोषणा की है। घायलों को सरकारी व निजी अस्पतालों में फ्री इलाज करवाने की भी घोषणा की है। उन्होंने राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके इलावा केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, ममता बैनर्जी अादि ने मरने वालों के परिजनों से संवेदना व्यक्त की है। अभी इस घटना के बारे में कहना मुशिकल है कि कितने लोग मारे गए हैं अौर कितने लोग घायल हुए हैं।
Updated
अमृतसर में दशहरे के मौके पर भीषण ट्रेन हादसे पर रेलवे का कहना है कि पुतला दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर एकत्र होना ‘स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला’ था। कार्यक्रम (रावण दहन) के लिए रेलवे ने कोई मंजूरी नहीं दी थी। ट्रैक पर इतनी भीड़ होने के बावजूद ट्रेन ड्राइवर द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर एक अधिकारी ने कहा, ‘वहां काफी धुआं व अंधेरा था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी।’ पुलिस के अनुसार इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई और 51 लोग घायल हो गए।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा कि मुख्य लाइन के नजदीक दशहरा को लेकर रेलवे प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई थी।  यह कहना गलत है कि रेलवे इस घटना के लिए जिम्मेदार है। यह मेन लाइन है और यहां स्पीड को लेकर कोई सीमा नहीं है।
वहीं, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भी घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा कि रेलवे को इस कार्यक्रम को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है।
अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी और इसमें एक वरिष्ठ मंत्री की पत्नी ने भी शिरकत की। यह अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

पटाखों की आवाज के कारण नहीं सुनाई पड़ा ट्रेन का हॉर्न 
यह हादसा अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर 27 के पास हुआ। हादसे के वक्त उस समय वहां रावण दहन देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। इसी दौरान डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 वहां से गुजर रही थी। रावण दहन के वक्त पटाखों की तेज आवाज के कारण ट्रेन का हॉर्न लोगों को नहीं सुनाई पड़ा और वे ट्रेन की चपेट में आ गए।
पंजाब सरकार ने राज्य में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। साथ ही शनिवार को राज्य के सभी स्कूलों को भी बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।

 शनिवार को राज्यकीय शोक घोषित 
 सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार की रात अमृतसर में दुखद रेल दुर्घटना के कारण शनिवार को राजकीय शोक घोषित कर दिया है। शनिवार को राज्य में सभी सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने रेल हादसे की राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी के लिए एक संकट प्रबंधन समूह की स्थापना की है।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा के नेतृत्व में गठित समूह में राजस्व मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरंजीत सिंह चन्नी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। स्थिति का जायजा लेने और राहत कार्यों की समीक्षा करने के लिए यह टीम दुर्घटना स्थल पर पहुंची गई है।
वहीं, पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा अौर राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर भी घायलों का हाल जानने के लिए गुरु नानक अस्पताल पहुंच गए हैं।
अमृतसर ट्रेन दुर्घटना: हेल्पलाइन नंबर

BSNL- 0183-2223171
BSNL- 0183-2564485
BSNL- 0183-2440024
BSNL- 0183-2402927

आप इस विश्लेषण को पढ़ें
राजनीति ने ले ली सैंकड़ो जानें, धर्म के नाम पर रेलवे ट्रैक के पास राजनीतिक आयोजन कैसे किया जा सकता है? घटनास्थल पर आयोजन के लिए बिल्कुल पर्याप्त जगह नहीं वहां 5 से 7 हजार लोगों को जुटाया गया।
स्थानीय कांग्रेस नेता जो कि आयोजक थे इन्होंने लोकसभा चुनाव को देखते हुए आयोजन को राजनीतिक मंच बना दिया, नवजोत कौर जो की चीफ गेस्ट थीं उनके कार्यक्रम स्थल पर लेट पहुंचने की वजह से आयोजकों ने भीड़ को घंटों रोक कर रखा ।
लोगों की आपत्ति के बावजूद नवजोत कौर भीड़ को देख उत्साहित होकर अपने भाषण को लंबा खींचती रही जिस वजह से रावण दहन के कार्यक्रम में विलंब हुआ । इस दौरान ट्रेन के गुजरने का टाइम और रावण दहन का समय दोनों क्लैश हो गया। आयोजकों ने एलइडी स्क्रीन रेलवे ट्रैक की तरफ लगाई हुई थी। हजारों लोगों की भीड़ को संभालने के लिए केवल दो पुलिसकर्मी मौजूद थे। एेसा भी कहा जा रहा है कि जानबूझ कर इस दुर्घटना की साजिश रचि गई थी। ट्रेन चालकों की नजर एक किलोमीटर तक रेललाइनपर ध्यान रखती है। फिर एेसा क्या कारण था कि उन्हें इतनी भीड़ दिखाई नहीं दी अौर गाड़ी की ब्रेक नहीं लगी, या जानबूझ कर लगाई नहीं गईं। घटनास्थल से 2 किलोमीटर की दूरी पर रेलवे स्टेशन और 2.5 किलोमीटर की दूरी पर गोल्डन टेंपल मौजूद फिर भी घटनास्थल पर पुलिस बहुत लेट पहुंची । प्रशासन ने रेलवे ट्रैक के पास आयोजन होने कैसे दिया, रेलवे के गेटमैन ने ड्राइवर को ट्रैक पर भीड़ होने की सूचना क्यों नहीं दी, अब रेलवे और नवजोत कौर दोनों घटना से अपना पल्ला झाड़ रहे।
मरने वालों की लाशें भी नहीं मिल रही, चश्मदीदों के अनुसार आशंका है की मरने वालों की संख्या कम दिखाने के लिए लाशों को गायब करवा दिया गया।
प्रत्येक चश्मदीद मरने वालों की संख्या 100 से 200 बता रहे हैं। .
चश्मदीदों के अनुसार घटना के वक्त नवजैत कौर मौजूद थे पता चलने के बाद वहां से भाग निकले..क्यों
आयोजकों ने घटना के बाद कोई सहायता नहीं किया राजनीति की भेंट चढ़ गई सैकड़ों जाने.. क्यों
अब वही हो रहा है जो हर घटना के बाद होता है मौतों के दाम तय कर दिए जाते है, फिर जांच बैठती है 2-4 सस्पेंड किए जाते हैं कुछ दिनों के बाद सब सामान्य हो जाएगा।
amritsar train accident | अमृतसर में दशहरे दौरान ट्रेन हादसा 4 दर्जन से अधिक लोगों के मरने की अाशंका

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