Gujrat-hp polls- BJP will get full majority- astro bhrigu pandit

गुजरात चुनाव- hp polls - Bjp will get full maj0rity बहुमत 
दो दिन तक तेज हवाओं और बारिश के बाद तूफान ने गुजरात and himachal में ही ओखी तूफान ने दम तोड़ दिया परन्तु अभी इस राज्य में एक ओर तूफान ने जोर पकड़ लिया है। इस तूफान का नाम गुजरात में चल रहे चुनाव है। गुजरात चुनावी दंगल बना हुआ है। यहां एक के बाद एक राजनैतिक पार्टियों की रैलियां, सभाएं और नेताओं के भाषणों की गूंज से गूंज रहा है। प्रथम चरण का प्रचार खत्म हो गया है, प्रथम चरण की वोटिंग चल रही है। लेकिन इस राजनैतिक उथल-पुथल ने एक बार फिर गुजरात को खबरों की सुर्खियों बनाकर दिया है। 18 दिसंबर 2017 को गुजरात राज्य के भाग्य का फैसला हो जाएगा।
गुजरात चुनाव 2017 में अब बहुत समय नहीं बचा है 9 दिसंबर को प्रथम चरण का मतदान होगा तो 14 दिसंबर को दूसरे व अंतिम चरण का। 18 दिसंबर को यह पता चल जायेगा कि गुजरात की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर भरोसा बरकरार रखा है या फिर दलित व पाटीदार के विरोध में कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल गुजरात पर काबिज होगी। यूपी चुनाव के बाद गुजरात चुनाव आज सबसे अहम चुनाव है, क्योंकि यूपी से लोकसभा में सबसे ज्यादा सीटें प्राप्त करके मोदी प्रधानमन्त्री बने है। 
  बनते-बिगड़ते समीकरणों के बीच बीजेपी will get full majority in gujrat and himachal praadesh । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के ताबड़ तोड़ दौरे कर रहे हैं। बीजेपी के सामने गुजरात इसलिए भी बड़ी चुनौती है क्योंकि यह पीएम मोदी का गृह राज्य है और इसका असर सीधा लोकसभा चुनाव में दिखेगा और गुजरात का गढ़ बचाए रखने के लिए बीजेपी को इन बड़ी चुनौतियों से पार पाना होगा। राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो अभी समय के गर्भ में है फिर भी आईये ज्योतिषीय आंकलन के आधार पर जानते है कि गुजरात के वर्ष 2017 विधानसभा चुनावों में कौन सी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी एंव गुजरात का अगला मुख्यमन्त्री कौन बनेगा?
नरेंद्र मोदी की कुंडली
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को मेहसाना में वृश्चिक लग्न कर्क नवांश वृश्चिक राशि में हुआ। आपकी छवि ईमानदार होने के साथ-साथ कट्टर हिन्दूवादी नेता के रूप में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न व वृश्चिक राशि की है। वर्तमान में इन पर चंद्रमा की महादशा है जो कि भाग्य की दशा भी है। अक्तूबर से इन पर बुध की अंतर्दशा शुरु हुई है। चंद्रमा की दशा से देखा जाये तो चंद्रमा मंगल की राशि में मंगल के साथ गोचर कर रहे हैं जो कि नीच भंग राजयोग बना रहे हैं साथ ही चंद्र मंगल सौभाग्यलक्ष्मी योग भी निर्मित कर रहे हैं। महादशा के चंद्रमा जहां इनके लिये कार्यों में सहयोग कर रहे हैं तो वहीं चंद्रमा को अपना शत्रु मानने वाले बुध की अंतर्दशा इनके कार्यों में बाधाएं भी पैदा कर रही है। हालांकि जन्मकुंडली में बुध का लाभ घर में स्वराशिगत होकर सूर्य के साथ बुधादित्य योग का निर्माण करना इसके कुप्रभाव को निष्प्रभावी भी कर सकता है। लेकिन बावजूद इसके वर्तमान समय के चुनौतिपूर्ण होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इस समय इनकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का भी अंतिम चरण चल रहा है जो कि 2019 तक रहने के आसार हैं। 
राहुल गांधी की कुंडली
वहीं राहुल गांधी की कुंडली बात करें तो (19 जून 1970 दोपहर बाद 2:28 बजे के समयानुसार) वह तुला लग्न व धनु राशि की बनती है। (इनके जन्म समय को लेकर मतभेद हैं जिससे इनकी राशि बदल जाती) वर्तमान में राहुल गांधी पर मंगल की महादशा तो शुक्र का अंतर व शनि का प्रत्यंतर चल रहा है। इनकी कुंडली में मंगल मारकेश हैं तो शुक्र अष्टमेष व लग्नेश हैं। लग्न पत्रिका में भाग्य में मंगल व सूर्य इनके लिये पैतृक विरासत को आगे बढ़ाने के संकेत कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी का कारण भी ग्रहों का यही योग हो सकता है। इनकी राशि पर वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है जो इनकी मुश्किलों के बढ़ने की ओर ईशारा करता है। जन्म कुंडली के अनुसार शनि नीच राशि में विराजमान हैं। नीच शनि के प्रभाव से ही कहीं न कहीं इन्हें राजनैतिक शख्सियत के तौर पर वह महत्व नहीं मिल पा रहा जो कि इन्हें मिलना चाहिये था। 
(इनके जन्म समय को लेकर मतभेद हैं जिससे इनकी राशि बदल जाती) वर्तमान में राहुल गांधी पर मंगल की महादशा तो शुक्र का अंतर व शनि का प्रत्यंतर चल रहा है। इनकी कुंडली में मंगल मारकेश हैं तो शुक्र अष्टमेष व लग्नेश हैं। लग्न पत्रिका में भाग्य में मंगल व सूर्य इनके लिये पैतृक विरासत को आगे बढ़ाने के संकेत कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी का कारण भी ग्रहों का यही योग हो सकता है। इनकी राशि पर वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है जो इनकी मुश्किलों के बढ़ने की ओर ईशारा करता है। जन्म कुंडली के अनुसार शनि नीच राशि में विराजमान हैं। नीच शनि के प्रभाव से ही कहीं न कहीं इन्हें राजनैतिक शख्सियत के तौर पर वह महत्व नहीं मिल पा रहा जो कि इन्हें मिलना चाहिये था। www.bhrigupandit.com

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