फैसला कौन करेगा, सभी तो गुनाहगार हैं
फैसला कौन करेगा, सभी तो गुनाहगार हैं
घटना वास्तविक है नामबदले गए हैं, केवल व्यस्कों के लिए
राजवीर की पत्नी जस को उसकी दोस्त का फोन आता है कि उसके पति व सास ने उसे बहुत पीटा और 3 दिन से कमरे में बंद किया हुआ है। वह किसी तरह से उसे फोन कर सकी है। उसकी तुरंत मदद की जाए नहीं तो वे उसकी हत्या कर देंगे। जस अपने पति व पड़ौसियों को साथ लेकर वहां पहुंचती है। अपनी दोस्त पिंकी को वहां से छुड़वाती है। उसके पति से पूछा गया तो वह बताता है पिंकी के किसी से अवैध संबंध हैं। वह उसे हाथ नहीं लगाने देती। कुछ दिन पहले वह उसके साथ सो रही थी तो उसने भी सोने का नाटक किया। जब उसे लगा कि वह गाढ़ी नींद में सो गया है तो उसने देखा कि वह इंसट्रांग्राम पर किसी से लाइव चैटिंग कर रही थी। उसने उसकी तरफ पीठ ती हुई थी और चैटिंग में इतनी मस्त थी कि उसे पता ही नहीं चला कि मैं उसे देख रहा था। इसने अपनी कमीज ऊपर उठाई हुई थी और अपनी नंगी छातियों को अपने दोस्त को दिखा रही थी। इस तरह वह आनलाइन सैक्स कर रही थी। मेरा गुस्सा सातवें आसमाम पर था मैने उसे
रंगे हाथ पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की और उसे कमरे में बंद क र दिया।
पिंकी ने आरोप लगाया कि वह कौन सा दूध का धुला है। उसने भी कई बार उसे आनलाइन सैक्स करते हुए पकड़ा है। इसी बीच उनकी 18 साल की लड़की भी बोल पड़ी कि उसका पिता उससे सैक्स करता है जब उसकी मां घर पर नहीं होती। उनकी बातों को सुनकर फैसला करवाने वाले हैरत में पड़ गए। जस अपने बारे में सोचने लगी कि मैं तो इनका फैसला करवाने पहुंची हूं, हाल तो मेरा भी ऐसा ही है। जिस दिन मेेरे प्रेमी का फोन नहीं आता तो मैं भी तडफ़ उठती हूं । उसका पति उसे छूता भी है तो लगता है कि उसे करंट लग जाता है। उसे
भी पता है कि उसके पति के भी कई महिलाओं से संबंध हैं और वह भी आनलाइन चैटिंग करता
रहता है। उसने तो उसके फोन में चुपके से लाक खोलकर अश्लील फिल्में भी देखी हैं। जस सोचने लगी हम तो इनका फैसला करवाने पहुंचे हैं और हम ही गुनाहगार भी हैं। अब समाज ऐसा
ही हो गया है। यह आम बात हो गई है, हर कोई भाग रहा है। अब कोई किसे क्या समझाए।
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