मैं शैतान हूं, हिंसा, नफरत और खून बहाने में आता है मुझको मजा

मैं शैतान हूं, हिंसा, नफरत और खून बहाने में आता है मुझको मजा
मुझे नहीं पता था कि मैं शैतान हूं। यह मुझे तब पता चला जब मैंने शैतान के लक्षणों को समझा। जब मैं छोटा था तो मेरे माता-पिता मर गए गए। मैं अनाथ हो गया, मेरा इस संसार में कोई नहीं था। पता नहीं मैं कैसे पला-बढ़ा और इस समाज में पनपा। मुझे किसी रिश्तेदार ने पाला और मेरे मन में उसके प्रति कोई एहसान नहीं सिर्फ नफरत भरी थी क्योंकि उसने मुझे अपनी जायदाद  से कुछ भी न दिया मेरे बचपन से लेकर जावन होने तक उसने सिर्फ मेरे को रोटी, कपड़ा और मकान ही दिया। एक दिन उसकी मैंने हत्या कर दी और घर से भाग गया। मैं जब भी बच्चों को अपने मां-बाप से खेलते खुश होते देखता तो मैं नफरत से भर जाता। मैं चाहता कि बच्चों को उनके माता पिता के सामने काट दूं या उनके मां-बाप के काट दूं।

ये जो समृद्ध व सभ्य लोग समाज में विचर रहे थे मैं उनकी तरफ नफरत से देखता था। मुझे लगता कि इन लोगों ने मेरा हक मारा है और मेरी यह दशा इनके कारण ही है। मैं चाहता था कि ऐसा बम बिस्फोट करूं कि ये सारे मेरी आंखों के सामने तडफ़-तडफ़ कर मरें। पर मैं सुरक्षित रहूं। मुझे किसी को तडफ़ा-तडफ़ा कर मारने में बहुत ही मजा आता, मेरे काले दिल में इतनी नफरत भरी थी कि मैं जानवरों को पकड़ लेता और उन्हें जिंदा आग लगाकर, गले काटकर धारे-धीरे मारता वे चिल्लाते तो मेरे को बहुत ही मजा आता, मैं उनका खून पीता और आनंदित होता। पता नहीं क्यों मैं इतना नफरत से भरा होता। यहीं बस नहीं मैंने अपना गैंग बना लिया और फिर लोगों को धमकाने उनकी हत्याएं करने लगा।
मैं अपने गैंग को पहचान पाऊं मैंने उनकी पीठों पर मोहर लगा दी थी।  सारा जमाना मेरे को अपना दुश्मन लगता, मेरे को किसी पर विश्वास नहीं होता, मुझे लगता कि मेरे गैंग के किसी गुर्गे ने मेेरी हत्या कर देनी है और जब मुझे किसी पर शक होता तो मैं उसे खत्म कर देता।

मेरी कामयाबी का सबसे बड़ा कारण था कि लोग मेरे से डरते थे। हर कोई सिर्फ अपनी जान बचाने की कोशिश करता और यही मेरा सबसे बड़ा हथियार था। मैं बाहर से जितना भी क्रूर दिखूं अंदर से मैं बहुत ही डरपोक था मैं
इसे किसी को भी जाहिर नहीं करता। मैं चाहता था कि मैं कभी न मरूं। आज तक कितने ही लोगों की मैंने हत्याएंकी गांव के गांव मैंने उजाड़ दिए। महिलाओं व बच्चों को भी नहीं छोड़ा।

 महिलाओं को अपनी रखैल बना लिया उनसे बलात्कार किया और मर्दों को उनके सामने मार दिया। पता नहीं क्यों रहम नाम की चीज मेरे दिमाग में नहीं  थी। मक्कारी मेरे खून में थी। मुझे समाज के हर इंसान को खत्म करना है जो मेरे गैंग में शामिल नहीं होता, मोहर नहीं लगाता और मेरे खिलाफ है। मैं आपका पड़ोसी भी हो सकता हू, दोस्त भी और तथाकथित प्रेमी भी आप मेरे फरेब को नहीं जान सकते और मेरी मोहर को देखकर भी मेरे फरेब में फंस जाते हैं। विश्वास बनाकर और अकेले को घेरकर मारने में मजा ही कुछ और है।

एक दिन सबका आता है और मेरा भी आया। शरीर में जब रवानी नहीं रही, कमजोरी आ गई लेकिन काम पिपास नहीं बुझी। काम को बुझाने के लिए मैं नए-नए तरीके अपनाता कोई मेरे पर उंगली उठाए तो मैं कहता कि ऊपर से मेरे को आदेश है तो सारे चुप हो जाते।

मुझे पता था कि मैंने निर्दोश लोगों की हत्याएं की थीं और मैं भी ऐसे ही मारा जाऊंगा। मेरे गुर्गे मेरी गद्दी , मेरा धन व मेरी सुंदर कम उम्र की रखैलों को पाना चाहते थे। मैंने सोचा कि किसी तरह मैं भाग जाऊं और अपने धन के साथ किसी दूसरे जगह में जाकर आराम से जीवन गुजारु।

मैं अपने बच्चों को अपनी आंखों के सामने मरते देखना नहीं चाहता था। मेरे को पता था कि हमला होगा और मेरे को काट दिया जाएगा फिर मेरे अपने ही गद्दी के लिए एक दूसरे का खून बहाएंगे ऐसा ही हुआ । मुझे मेरे परिवार को घेर कर मार डाला गया मेरे अपनों के द्वारा ही लेकिन मैं मरा नहीं शैतान आज भी जिंदा है। यह शैतान अब कई अगली  पीढ़ियों में चला गया है। यह भी ऐसा ही क्रूर है जैसा मैं था।

क्रूरता शैतान का ही काम है। इंसान का नहीं । किसी भी इंसान को शैतान कभी भी अपने वश में ले लेता है।



you can take it seriously.

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